सारण(छपरा): बिहार में लगातार हो रही बारिश और नेपाल की ओर से वाल्मीकिनगर बैराज से छोड़े गए पानी के कारण नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, जिले में गंडक नदी उफान पर है. जिसके चलते गंडक दियारा के दर्जनों गांव पानी में डूब गए हैं.
गांव में पानी घुसने के कारण हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं. इसके साथ ही दियारा से सड़क का संपर्क टूट गया है और लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थान पर अपने पशुओं के साथ शरण लिए हुए हैं.
स्थानीय विधायक ने दिया था आश्वासन
ग्रामीणों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां के एक दो गांव में नाव की व्यवस्था की गई है. लेकिन कई गांवों में नाव की व्यवस्था नहीं की है. जिससे हम लोगों को घर से ऊंचे स्थान पर जाने में परेशानी हो रही है. ग्रामीणों ने कहा कि कुछ लोग केले के थंब के सहारे घर से ऊंचे स्थान पर जा रहे हैं.
वहीं कुछ ग्रामीणों ने कहा कि हम लोगों ने अपने पैसों से नाव की व्यवस्था की है. ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय विधायक ने लोगों को आश्वासन दिया था कि जो भी चीज की जरूरत होगी हमारी तरफ से मुहैया कराया जाएगा.
सामूहिक किचन की शुरुआत
परसा विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक चंद्रिका राय ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों को सड़क के किनारे रहने के लिए तिरपाल और सूखा सामाग्री का वितरण किया. इस दौरान उन्होंने सामूहिक किचन की भी शुरूआत की.
दरअसल, जिले के बनकेरवा, बलिगांव, लतरहिया, प्रसादी, तुर्की गांव बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हुए हैं. गंडक नदी का पानी बली गांव रिंग बांध को तोड़ते हुए मुख्य बांध तक पहुंच गया है. जिससे कई स्थानों पर हो रहे कटाव से नदी का जल खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है.