छपराः जिला नगर निगम की सम्पन्न हुई बैठक काफी हंगामेदार रही. इस बैठक में निगम के अधिकारियों पर स्थानीय वार्ड पार्षदों ने काफी गंभीर आरोप लगाए. शहर में बारिश से पूर्व हुई नालों की उड़ाही में बरती गयी कोताही से वार्ड पार्षदों में काफी नाराजगी दिखी. इस दौरान कई वार्ड पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि जनता हमसे सवाल पूछती है.
शहर की बिगड़ी सूरत
शहर में हो रही लगातार बारिश और नालों की तय समय के अन्दर उड़ाही नहीं होने के कारण छपरा की सूरत बिगड़ कर रह गई है. इस मामले में सबसे ज्यादा जनता की नाराजगी वार्ड पार्षदों को ही झेलनी पड़ी है. जिससे गुस्साए वार्ड पार्षदों ने महापौर और नगर आयुक्त को जमकर लताड़ा.
पूरी तरह चरमरा गई सफाई व्यवस्था
कई वार्ड पार्षदों ने कहा कि आप अतिक्रमण हटाने के नाम पर पक्के निर्माण को तोड़ देते हैं. जिससे नालियां जाम हो जाती हैं और जल जमाव का सामना जनता को करना पड़ता है. वहीं, कई पार्षदों ने शहर की प्रकाश व्यवस्था, साफ सफाई के साथ ही कई अन्य विषयों को भी उठाया. एक वार्ड पार्षद ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.
क्या बोले अपर निगम आयुक्त
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस एजेंसी की सर्व सम्मति से ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था, उसे फिर से रख लिया गया. इस पर अपर निगम आयुक्त ने कहा कि बिहार सरकार का नियम आया है कि दिहाड़ी के तौर पर या परमानेंट सफाई मजदूरों को नहीं रखना है. सफ़ाई मजदूरों को आउट सोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से ही रखना है.
सफाई कर्मचारियों की है कमी
वहीं, अपर नगर आयुक्त ने बैठक के दौरान कहा कि इस भारी बारिश में हम जल जमाव के मामले में पूरी तरह से अक्षम साबित हुए है. क्योंकि हमारे पास सफाई कर्मचारी हैं ही नहीं. वहीं, इस बैठक में शहर के सबसे पुराने हथुआ मार्केट में अतिक्रमण का मुद्दा भी छाया रहा.