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छपराः नाराज वार्ड पार्षदों ने महापौर और नगर आयुक्त को जमकर लताड़ा, कहा- जनता हमसे पूछती है सवाल - Water logging

नगर निगम की बैठक के दौरान मौजूद वार्ड पार्षद नाराज हो गए. कई पार्षदों ने शहर की प्रकाश व्यवस्था, साफ-सफाई के साथ ही कई अन्य विषयों को उठाया.

ववव
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Published : Jul 19, 2019, 4:47 PM IST

छपराः जिला नगर निगम की सम्पन्न हुई बैठक काफी हंगामेदार रही. इस बैठक में निगम के अधिकारियों पर स्थानीय वार्ड पार्षदों ने काफी गंभीर आरोप लगाए. शहर में बारिश से पूर्व हुई नालों की उड़ाही में बरती गयी कोताही से वार्ड पार्षदों में काफी नाराजगी दिखी. इस दौरान कई वार्ड पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि जनता हमसे सवाल पूछती है.

शहर की बिगड़ी सूरत
शहर में हो रही लगातार बारिश और नालों की तय समय के अन्दर उड़ाही नहीं होने के कारण छपरा की सूरत बिगड़ कर रह गई है. इस मामले में सबसे ज्यादा जनता की नाराजगी वार्ड पार्षदों को ही झेलनी पड़ी है. जिससे गुस्साए वार्ड पार्षदों ने महापौर और नगर आयुक्त को जमकर लताड़ा.

meeting
बैठक के दौरान बोलते वार्ड कमिश्नर

पूरी तरह चरमरा गई सफाई व्यवस्था
कई वार्ड पार्षदों ने कहा कि आप अतिक्रमण हटाने के नाम पर पक्के निर्माण को तोड़ देते हैं. जिससे नालियां जाम हो जाती हैं और जल जमाव का सामना जनता को करना पड़ता है. वहीं, कई पार्षदों ने शहर की प्रकाश व्यवस्था, साफ सफाई के साथ ही कई अन्य विषयों को भी उठाया. एक वार्ड पार्षद ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.

नगर निगम की बैठक में बोलते वार्ड पार्षद

क्या बोले अपर निगम आयुक्त
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस एजेंसी की सर्व सम्मति से ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था, उसे फिर से रख लिया गया. इस पर अपर निगम आयुक्त ने कहा कि बिहार सरकार का नियम आया है कि दिहाड़ी के तौर पर या परमानेंट सफाई मजदूरों को नहीं रखना है. सफ़ाई मजदूरों को आउट सोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से ही रखना है.

सफाई कर्मचारियों की है कमी
वहीं, अपर नगर आयुक्त ने बैठक के दौरान कहा कि इस भारी बारिश में हम जल जमाव के मामले में पूरी तरह से अक्षम साबित हुए है. क्योंकि हमारे पास सफाई कर्मचारी हैं ही नहीं. वहीं, इस बैठक में शहर के सबसे पुराने हथुआ मार्केट में अतिक्रमण का मुद्दा भी छाया रहा.

छपराः जिला नगर निगम की सम्पन्न हुई बैठक काफी हंगामेदार रही. इस बैठक में निगम के अधिकारियों पर स्थानीय वार्ड पार्षदों ने काफी गंभीर आरोप लगाए. शहर में बारिश से पूर्व हुई नालों की उड़ाही में बरती गयी कोताही से वार्ड पार्षदों में काफी नाराजगी दिखी. इस दौरान कई वार्ड पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि जनता हमसे सवाल पूछती है.

शहर की बिगड़ी सूरत
शहर में हो रही लगातार बारिश और नालों की तय समय के अन्दर उड़ाही नहीं होने के कारण छपरा की सूरत बिगड़ कर रह गई है. इस मामले में सबसे ज्यादा जनता की नाराजगी वार्ड पार्षदों को ही झेलनी पड़ी है. जिससे गुस्साए वार्ड पार्षदों ने महापौर और नगर आयुक्त को जमकर लताड़ा.

meeting
बैठक के दौरान बोलते वार्ड कमिश्नर

पूरी तरह चरमरा गई सफाई व्यवस्था
कई वार्ड पार्षदों ने कहा कि आप अतिक्रमण हटाने के नाम पर पक्के निर्माण को तोड़ देते हैं. जिससे नालियां जाम हो जाती हैं और जल जमाव का सामना जनता को करना पड़ता है. वहीं, कई पार्षदों ने शहर की प्रकाश व्यवस्था, साफ सफाई के साथ ही कई अन्य विषयों को भी उठाया. एक वार्ड पार्षद ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.

नगर निगम की बैठक में बोलते वार्ड पार्षद

क्या बोले अपर निगम आयुक्त
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस एजेंसी की सर्व सम्मति से ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था, उसे फिर से रख लिया गया. इस पर अपर निगम आयुक्त ने कहा कि बिहार सरकार का नियम आया है कि दिहाड़ी के तौर पर या परमानेंट सफाई मजदूरों को नहीं रखना है. सफ़ाई मजदूरों को आउट सोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से ही रखना है.

सफाई कर्मचारियों की है कमी
वहीं, अपर नगर आयुक्त ने बैठक के दौरान कहा कि इस भारी बारिश में हम जल जमाव के मामले में पूरी तरह से अक्षम साबित हुए है. क्योंकि हमारे पास सफाई कर्मचारी हैं ही नहीं. वहीं, इस बैठक में शहर के सबसे पुराने हथुआ मार्केट में अतिक्रमण का मुद्दा भी छाया रहा.

Intro:हगामेदार रही नगर निगम की बैठक ।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट। छ्परा नगर निगम की आज सम्पन्न हुयी बैठक काफ़ी हगामेदार रही।इस बैठक मे निगम के अधिकारियो पर स्थानीय वार्ड पार्षदो ने काफ़ी गभीर आरोप लगाये।शहर मे बारिश से पूर्व हुये नालों की उडाही मे बरती गयी कोताही से वार्ड पार्षदो का आक्रोश काफ़ी चरम पर था।एक तो शहर के नालों की तय समय के अन्दर उडाही नही होने और पिछ्ले दिनो लगातार एक हफ्ते तक हुयी बेतहासा वारिश से छ्परा शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी।इस मामले मे सबसे ज्यादा छिछा लेदर वार्ड पार्षद को ही झेल्नी पड़ी।इससे भन्नाय वार्ड पार्षदो ने आज महापौर और नगर आयुक्त को जमकर लताड़ा।


Body:कई वार्डपार्षद ने एक स्वर मे कहा की जनता हमसे सवाल पूछती हैं ।और आप अतिक्रमण हटाने के नाम पर पक्के निर्माण को तोड़ देते है।जिससे नालिया जाम हो जाती है और्ज्ल जमाव का सामना जनता को करना पड़ता है।वही कई पार्षद ने शहर की प्रकाश व्यव्स्था,साफ सफ़ाई के साथ ही कई अन्य विषयों को भी उठाया।एक वार्ड पार्षद ने कहा की शहर की सफ़ाई व्यव्स्था पूरी तरह से चरमरा गयी है।उन्होने नगर निगम के अधिकारियो पर आरोप लगाते हुये कहा की जिस एजेन्सी की सर्व सम्मति से ब्लेक लिस्टेड कर दिया गया था।उसे फिर से रख लिया गया ।इस पर अपर निगम आयुक्त ने कहा की बिहार सरकार का नियम आया है की दिहाडी के तौर पर या प्रमानेट सफ़ाई मजदूरों को नही रखना है।और सफ़ाई मजदूरों को आउट सोर्सिग एजेन्सी के माध्यम से ही रखना है।वही अपर नगर आयुक्त ने बैठक के दौरान कहा की इस भारी बारिश मे हम जल जमाव के मामले मे पूरी तरह से अक्षम साबित हुए है।क्योकिं हमारे पास सफ़ाई कर्मचारी हैं ही नही।


Conclusion:वही इस बैठक मे शहर के सबसे पुराने ह्थुआ मार्केट मे अतिक्रमण का मुद्दा भी छाया रहा। बाईट वार्ड पार्षदो की बाईट संजय कुमार उपाध्याय आयुक्त नगर निगम छ्परा
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