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साइकिल यात्रा पर निकले हंगरी के विक्टर, 2 महीने में हजम किए 55 हजार की चिकन-बिरयानी

अस्पताल प्रशासन की ओर से विक्टर के खाने पर की गई खर्च राशि जारी करने के बाद विधायक जितेंद्र राय ने बताया कि जिला प्रशासन ने विक्टर के खाने-पीने में काफी कोताही बरती है. विधायक ने जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक विदेशी मेहमान के साथ ठीक बर्ताव नहीं किया गया.

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Published : Jun 2, 2020, 8:36 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 5:16 PM IST

हंगरी निवासी विक्टर
हंगरी निवासी विक्टर

सारण: हंगरी निवासी विक्टर को छपरा सदर अस्पताल से अपने अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हो गए. विदेशी नागरिक विक्टर पिछले 2 महीने से छपरा में लॉकडाउन लागू होने के बाद से फंसे हुए थे. हालांकि, इस दौरान वे अपनी आगे की यात्रा को लेकर काफी बेचैन रहे. लेकिन लॉकडाउन में पर्यटन की मनाही के कारण जिला प्रशासन ने उन्हें आगे की यात्रा करने से रोक दिया था. इस वजह से वे लगभग 2 महीने से छपरा सदर अस्पताल में फंसे हुए थे.

दार्जिलिंग के लिए हुए रवाना
बता दें कि 9 मार्च को विक्टर सारण में एक अत्याधुनिक साइकिल से पहुंचे थे. इसके बाद स्थानीय लोगों ने विदेशी नागरिक को देखने के बाद जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी थी. जिसके बाद सारण प्रशासन ने विक्टर को सदर अस्पताल रहने की व्यवस्था करवाई थी. विक्टर ने प्रशासन से सिलीगुड़ी जाने के अनुमति भी मांगी थी. लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें आगे की यात्रा करने की अनुमति नही दी थी. हालांकि, अनलॉक 1.0 लागू होने के बाद सभी सरकारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद जिला प्रशासन ने विक्टर को आगे की यात्रा करने की अनुमति दे दी. इसके बाद विक्टर अपने अगले पड़ाव दार्जिलिंग के लिए रवाना हुए.

हंगरी निवासी विक्टर
हंगरी निवासी विक्टर

'2 महीने में 55 हजार का खाना खा गए विक्टर'
हंगरी निवासी विक्टर की विदाई के बाद छपरा सदर अस्पताल ने उनके खाने के ऊपर खर्च हुए राशि का ब्योरा जारी किया. अस्पताल प्रशासन के अनुसार पिछले 2 महीने में विक्टर ने लगभग 55 हजार की राशि का चिकन और बिरयानी को हजम कर लिया. विक्टर ने कई बार खाने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी विक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और मदद का भरोसा दिया था. इस मामले पर जमकर सियासी संग्राम भी हुआ था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'खाने की राशि मामले की हो जांच'
अस्पताल प्रशासन की ओर से विक्टर के खाने पर की गई खर्च राशि जारी करने के बाद विधायक जितेंद्र राय ने बताया कि जिला प्रशासन ने विक्टर के खाने पीने में काफी कोताही बरती है. उन्हें उनके मन मुताबिक खाना नही दिया जा रहा था. विधायक ने जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक विदेशी मेहमान के साथ ठीक बर्ताव नहीं किया गया. जिले के सभी क्वारंटिन सेंटरों में भी प्रवासियों के भोजन प्रबंध का मामला किसी से छिपा हुआ नहीं है. विक्टर के भोजन पर खर्च हुए राशि के मामले की जांच हो.

विधायक जितेंद्र राय
विधायक जितेंद्र राय

कौन है विक्टर?
विक्टर हंगरी निवासी एक धार्मिक पर्यटक हैं. वे पिछले 8 फरवरी को भारत आए थे. भारत आने के बाद उन्होंने एक अत्याधुनिक साइकिल से पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की यात्रा की. इन जगहों की यात्रा करने के बाद वे छपरा पहुंचे जिसके बाद देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया. लॉकडाउन लागू होने के बाद जिला प्रशासन ने उन्हें छपरा में उन्हें रोक लिया था. विक्टर को विक्टर दार्जिलिंग के लेबांग कार्ट रोड स्थित मकबरे पर जाना चाहते है. वो एशियाटिक सोसायटी से भी जुड़े हुए हैं. विक्टर को 17 भाषाएं आती है.

सारण: हंगरी निवासी विक्टर को छपरा सदर अस्पताल से अपने अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हो गए. विदेशी नागरिक विक्टर पिछले 2 महीने से छपरा में लॉकडाउन लागू होने के बाद से फंसे हुए थे. हालांकि, इस दौरान वे अपनी आगे की यात्रा को लेकर काफी बेचैन रहे. लेकिन लॉकडाउन में पर्यटन की मनाही के कारण जिला प्रशासन ने उन्हें आगे की यात्रा करने से रोक दिया था. इस वजह से वे लगभग 2 महीने से छपरा सदर अस्पताल में फंसे हुए थे.

दार्जिलिंग के लिए हुए रवाना
बता दें कि 9 मार्च को विक्टर सारण में एक अत्याधुनिक साइकिल से पहुंचे थे. इसके बाद स्थानीय लोगों ने विदेशी नागरिक को देखने के बाद जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी थी. जिसके बाद सारण प्रशासन ने विक्टर को सदर अस्पताल रहने की व्यवस्था करवाई थी. विक्टर ने प्रशासन से सिलीगुड़ी जाने के अनुमति भी मांगी थी. लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें आगे की यात्रा करने की अनुमति नही दी थी. हालांकि, अनलॉक 1.0 लागू होने के बाद सभी सरकारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद जिला प्रशासन ने विक्टर को आगे की यात्रा करने की अनुमति दे दी. इसके बाद विक्टर अपने अगले पड़ाव दार्जिलिंग के लिए रवाना हुए.

हंगरी निवासी विक्टर
हंगरी निवासी विक्टर

'2 महीने में 55 हजार का खाना खा गए विक्टर'
हंगरी निवासी विक्टर की विदाई के बाद छपरा सदर अस्पताल ने उनके खाने के ऊपर खर्च हुए राशि का ब्योरा जारी किया. अस्पताल प्रशासन के अनुसार पिछले 2 महीने में विक्टर ने लगभग 55 हजार की राशि का चिकन और बिरयानी को हजम कर लिया. विक्टर ने कई बार खाने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी विक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और मदद का भरोसा दिया था. इस मामले पर जमकर सियासी संग्राम भी हुआ था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'खाने की राशि मामले की हो जांच'
अस्पताल प्रशासन की ओर से विक्टर के खाने पर की गई खर्च राशि जारी करने के बाद विधायक जितेंद्र राय ने बताया कि जिला प्रशासन ने विक्टर के खाने पीने में काफी कोताही बरती है. उन्हें उनके मन मुताबिक खाना नही दिया जा रहा था. विधायक ने जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक विदेशी मेहमान के साथ ठीक बर्ताव नहीं किया गया. जिले के सभी क्वारंटिन सेंटरों में भी प्रवासियों के भोजन प्रबंध का मामला किसी से छिपा हुआ नहीं है. विक्टर के भोजन पर खर्च हुए राशि के मामले की जांच हो.

विधायक जितेंद्र राय
विधायक जितेंद्र राय

कौन है विक्टर?
विक्टर हंगरी निवासी एक धार्मिक पर्यटक हैं. वे पिछले 8 फरवरी को भारत आए थे. भारत आने के बाद उन्होंने एक अत्याधुनिक साइकिल से पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की यात्रा की. इन जगहों की यात्रा करने के बाद वे छपरा पहुंचे जिसके बाद देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया. लॉकडाउन लागू होने के बाद जिला प्रशासन ने उन्हें छपरा में उन्हें रोक लिया था. विक्टर को विक्टर दार्जिलिंग के लेबांग कार्ट रोड स्थित मकबरे पर जाना चाहते है. वो एशियाटिक सोसायटी से भी जुड़े हुए हैं. विक्टर को 17 भाषाएं आती है.

Last Updated : Jun 3, 2020, 5:16 PM IST
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