पटना/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के करोड़ों बच्चों और अभिभावकों की क्लास लेते हुए 'परीक्षा पर चर्चा 2020' कार्यक्रम में छात्रों के पूछे सवालों का जवाब दिया. यह कार्यक्रम दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया. बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से दूर करना और उन्हें सफलता के मायने समझाना था. कार्यक्रम में देशभर के छात्रों ने पीएम मोदी से सवाल किए, जिसका जवाब पीएम मोदी ने बाखूबी दिया. वहीं, बिहार की छात्रा ने भी पीएम से सवाल किया.
बिहार के सारण की रहने वाली जूली सागर ने पीएम मोदी से सवाल किया. जूली सागर 11वीं की छात्रा है. जो जवाहर नवोदय विद्यालय में विज्ञान वर्ग से अध्ययनरत हैं. उन्होंने पीएम मोदी से सवाल करते हुए पूछा, 'माननीय प्रधानमंत्री जी, मैं ये जानना चाहती हूं कि हम छात्रों की छिपी क्षमता का आंकलन कैसे कर सकते हैं?'
पीएम मोदी का जवाब
पीएम नरेंद्र मोदी ने जूली का जवाब देते हुए कहा, 'सवाल बड़ा गंभीर सा है क्योंकि खुद को जानना बेहद मुश्किल होता है. पीएम मोदी ने खुद के जीवन की एक कहानी का उदाहरण देते हुए कहा कि खुद को जानने के लिए समय देना जरूरी है. उन्होंने कहा खुद को जानना कठिन तो है लेकिन ये जानने का तरीका क्या है? इसे समझना जरूरी है. हमें खुद को चैलेंज करना चाहिए. हमें एक डायरी बनानी चाहिए, जिसमें हमें खुद को अच्छा लगने वाले काम को लिखना चाहिए. आप क्या कुछ कर सकते हैं, उस बात का पता चलेगा.'
अवसर का भरपूर फायदा उठाएं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने जूली के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सभी को मौके मिलते हैं. आपके जीवन में कई अवसर आते हैं, जब आपको मौका मिला होगा. उस मौके में खुद को साबित करने और उसका भरपूर फायदा उठाने के बाद आपको अपनी क्षमता का आंकलन होता है कि आप क्या कर सकते हैं.
चुने खुद का लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा, 'अक्सर हम दूसरों को देखकर अपने लक्ष्य तक कर लेते हैं. ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. हम सभी की क्षमताएं, पसंद-नापसंद अलग हैं. तो पहले ये समझें कि आपको क्या करना अच्छा लगता है. वो कौन सा काम है जो आपको बोझ नहीं लगता, बल्कि आप उसे करना एंजॉय करते हैं. अपनी क्षमता को पहचानकर अपना लक्ष्य चुनें. इसके लिए मेरा बच्चों के माता पिता से अनुरोध है कि बच्चों को ये फैसला लेने में उनकी मदद करें, न कि उनपर किसी खास लक्ष्य को चुनने का दबाव बनाएं.'
पीएम मोदी ने दिए ये भी सुझाव
पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे लगता है कि बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच दूरी थोड़ी ज्यादा है. मैं चाहूंगा कि अभिभावक और शिक्षक ऐसा माहौल बनाएं कि बच्चे खुलकर आपसे हर बात करें. अपनी हर परेशानी साझा करें.'
- जहां तक पढ़ने के सही समय की सवाल है, तो मुझे लगता है कि संभव है कि रात को आप ज्यादा फोकस नहीं कर पाएंगे. दिनभर की थकान और कई घटनाओं से गुजरने के बाद हमारा दिमाग हो सकता है पूरा फोकस न कर सकें. लेकिन अच्छी नींद के बाद हमारा मन तरोताजा रहता है. इसलिए अनुभव से ऐसा माना गया है और मेरा भी विश्वास है कि सुबह का समय पढ़ाई के लिए सर्वोत्तम है.
- पीएम ने आगे कहा कि हालांकि, हर विद्यार्थी की अपनी विशेषता होती है इसलिए आप जिसमें सहूलियत महसूस करते हों, उसी समय में पढ़ें.
- मुसीबत तब होती है, जब हम पढ़ने के बहाने के बजाय न पढ़ने के बहाने खोजते हैं और उसका बोझ पूरे परिवार पर डाल देते हैं.
बच्चों के लिए पीएम मोदी के कार्यक्रम 'परीक्षा पर चर्चा' का ये तीसरा साल रहा. 2018 में पहली बार इसकी शुरुआत की गई थी. बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से दूर करना और उन्हें सफलता के मायने समझाना रहा.