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बिहार की जूली ने 'मोदी सर' से पूछा सवाल, जवाब देने से पहले बोले- बेहद मुश्किल है ये काम

पीएम नरेंद्र मोदी ने जूली का जवाब देते हुए कहा, 'सवाल बड़ा गंभीर सा है क्योंकि खुद को जानना बेहद मुश्किल होता है. पीएम मोदी ने खुद के जीवन की एक कहानी का उदाहरण देते हुए कहा कि खुद को जानने के लिए समय देना जरूरी है. उन्होंने कहा खुद को जानना कठिन तो है लेकिन ये जानने का तरीका क्या है? इसे समझना जरूरी है.

पीएम मोदी
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Published : Jan 20, 2020, 2:29 PM IST

पटना/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के करोड़ों बच्चों और अभिभावकों की क्लास लेते हुए 'परीक्षा पर चर्चा 2020' कार्यक्रम में छात्रों के पूछे सवालों का जवाब दिया. यह कार्यक्रम दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया. बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से दूर करना और उन्हें सफलता के मायने समझाना था. कार्यक्रम में देशभर के छात्रों ने पीएम मोदी से सवाल किए, जिसका जवाब पीएम मोदी ने बाखूबी दिया. वहीं, बिहार की छात्रा ने भी पीएम से सवाल किया.

बिहार के सारण की रहने वाली जूली सागर ने पीएम मोदी से सवाल किया. जूली सागर 11वीं की छात्रा है. जो जवाहर नवोदय विद्यालय में विज्ञान वर्ग से अध्ययनरत हैं. उन्होंने पीएम मोदी से सवाल करते हुए पूछा, 'माननीय प्रधानमंत्री जी, मैं ये जानना चाहती हूं कि हम छात्रों की छिपी क्षमता का आंकलन कैसे कर सकते हैं?'

जूली ने पूछा पीएम मोदी से सवाल

पीएम मोदी का जवाब
पीएम नरेंद्र मोदी ने जूली का जवाब देते हुए कहा, 'सवाल बड़ा गंभीर सा है क्योंकि खुद को जानना बेहद मुश्किल होता है. पीएम मोदी ने खुद के जीवन की एक कहानी का उदाहरण देते हुए कहा कि खुद को जानने के लिए समय देना जरूरी है. उन्होंने कहा खुद को जानना कठिन तो है लेकिन ये जानने का तरीका क्या है? इसे समझना जरूरी है. हमें खुद को चैलेंज करना चाहिए. हमें एक डायरी बनानी चाहिए, जिसमें हमें खुद को अच्छा लगने वाले काम को लिखना चाहिए. आप क्या कुछ कर सकते हैं, उस बात का पता चलेगा.'

कार्यक्रम में शामिल हुए छात्र और अभिभावक
कार्यक्रम में शामिल हुए छात्र और अभिभावक

अवसर का भरपूर फायदा उठाएं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने जूली के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सभी को मौके मिलते हैं. आपके जीवन में कई अवसर आते हैं, जब आपको मौका मिला होगा. उस मौके में खुद को साबित करने और उसका भरपूर फायदा उठाने के बाद आपको अपनी क्षमता का आंकलन होता है कि आप क्या कर सकते हैं.

चुने खुद का लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा, 'अक्सर हम दूसरों को देखकर अपने लक्ष्य तक कर लेते हैं. ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. हम सभी की क्षमताएं, पसंद-नापसंद अलग हैं. तो पहले ये समझें कि आपको क्या करना अच्छा लगता है. वो कौन सा काम है जो आपको बोझ नहीं लगता, बल्कि आप उसे करना एंजॉय करते हैं. अपनी क्षमता को पहचानकर अपना लक्ष्य चुनें. इसके लिए मेरा बच्चों के माता पिता से अनुरोध है कि बच्चों को ये फैसला लेने में उनकी मदद करें, न कि उनपर किसी खास लक्ष्य को चुनने का दबाव बनाएं.'

जवालों का जवाब देते पीएम मोदी
जवालों का जवाब देते पीएम मोदी

पीएम मोदी ने दिए ये भी सुझाव
पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे लगता है कि बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच दूरी थोड़ी ज्यादा है. मैं चाहूंगा कि अभिभावक और शिक्षक ऐसा माहौल बनाएं कि बच्चे खुलकर आपसे हर बात करें. अपनी हर परेशानी साझा करें.'

  • जहां तक पढ़ने के सही समय की सवाल है, तो मुझे लगता है कि संभव है कि रात को आप ज्यादा फोकस नहीं कर पाएंगे. दिनभर की थकान और कई घटनाओं से गुजरने के बाद हमारा दिमाग हो सकता है पूरा फोकस न कर सकें. लेकिन अच्छी नींद के बाद हमारा मन तरोताजा रहता है. इसलिए अनुभव से ऐसा माना गया है और मेरा भी विश्वास है कि सुबह का समय पढ़ाई के लिए सर्वोत्तम है.
  • पीएम ने आगे कहा कि हालांकि, हर विद्यार्थी की अपनी विशेषता होती है इसलिए आप जिसमें सहूलियत महसूस करते हों, उसी समय में पढ़ें.
  • मुसीबत तब होती है, जब हम पढ़ने के बहाने के बजाय न पढ़ने के बहाने खोजते हैं और उसका बोझ पूरे परिवार पर डाल देते हैं.

बच्चों के लिए पीएम मोदी के कार्यक्रम 'परीक्षा पर चर्चा' का ये तीसरा साल रहा. 2018 में पहली बार इसकी शुरुआत की गई थी. बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से दूर करना और उन्हें सफलता के मायने समझाना रहा.

पटना/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के करोड़ों बच्चों और अभिभावकों की क्लास लेते हुए 'परीक्षा पर चर्चा 2020' कार्यक्रम में छात्रों के पूछे सवालों का जवाब दिया. यह कार्यक्रम दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया. बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से दूर करना और उन्हें सफलता के मायने समझाना था. कार्यक्रम में देशभर के छात्रों ने पीएम मोदी से सवाल किए, जिसका जवाब पीएम मोदी ने बाखूबी दिया. वहीं, बिहार की छात्रा ने भी पीएम से सवाल किया.

बिहार के सारण की रहने वाली जूली सागर ने पीएम मोदी से सवाल किया. जूली सागर 11वीं की छात्रा है. जो जवाहर नवोदय विद्यालय में विज्ञान वर्ग से अध्ययनरत हैं. उन्होंने पीएम मोदी से सवाल करते हुए पूछा, 'माननीय प्रधानमंत्री जी, मैं ये जानना चाहती हूं कि हम छात्रों की छिपी क्षमता का आंकलन कैसे कर सकते हैं?'

जूली ने पूछा पीएम मोदी से सवाल

पीएम मोदी का जवाब
पीएम नरेंद्र मोदी ने जूली का जवाब देते हुए कहा, 'सवाल बड़ा गंभीर सा है क्योंकि खुद को जानना बेहद मुश्किल होता है. पीएम मोदी ने खुद के जीवन की एक कहानी का उदाहरण देते हुए कहा कि खुद को जानने के लिए समय देना जरूरी है. उन्होंने कहा खुद को जानना कठिन तो है लेकिन ये जानने का तरीका क्या है? इसे समझना जरूरी है. हमें खुद को चैलेंज करना चाहिए. हमें एक डायरी बनानी चाहिए, जिसमें हमें खुद को अच्छा लगने वाले काम को लिखना चाहिए. आप क्या कुछ कर सकते हैं, उस बात का पता चलेगा.'

कार्यक्रम में शामिल हुए छात्र और अभिभावक
कार्यक्रम में शामिल हुए छात्र और अभिभावक

अवसर का भरपूर फायदा उठाएं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने जूली के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सभी को मौके मिलते हैं. आपके जीवन में कई अवसर आते हैं, जब आपको मौका मिला होगा. उस मौके में खुद को साबित करने और उसका भरपूर फायदा उठाने के बाद आपको अपनी क्षमता का आंकलन होता है कि आप क्या कर सकते हैं.

चुने खुद का लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा, 'अक्सर हम दूसरों को देखकर अपने लक्ष्य तक कर लेते हैं. ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. हम सभी की क्षमताएं, पसंद-नापसंद अलग हैं. तो पहले ये समझें कि आपको क्या करना अच्छा लगता है. वो कौन सा काम है जो आपको बोझ नहीं लगता, बल्कि आप उसे करना एंजॉय करते हैं. अपनी क्षमता को पहचानकर अपना लक्ष्य चुनें. इसके लिए मेरा बच्चों के माता पिता से अनुरोध है कि बच्चों को ये फैसला लेने में उनकी मदद करें, न कि उनपर किसी खास लक्ष्य को चुनने का दबाव बनाएं.'

जवालों का जवाब देते पीएम मोदी
जवालों का जवाब देते पीएम मोदी

पीएम मोदी ने दिए ये भी सुझाव
पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे लगता है कि बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच दूरी थोड़ी ज्यादा है. मैं चाहूंगा कि अभिभावक और शिक्षक ऐसा माहौल बनाएं कि बच्चे खुलकर आपसे हर बात करें. अपनी हर परेशानी साझा करें.'

  • जहां तक पढ़ने के सही समय की सवाल है, तो मुझे लगता है कि संभव है कि रात को आप ज्यादा फोकस नहीं कर पाएंगे. दिनभर की थकान और कई घटनाओं से गुजरने के बाद हमारा दिमाग हो सकता है पूरा फोकस न कर सकें. लेकिन अच्छी नींद के बाद हमारा मन तरोताजा रहता है. इसलिए अनुभव से ऐसा माना गया है और मेरा भी विश्वास है कि सुबह का समय पढ़ाई के लिए सर्वोत्तम है.
  • पीएम ने आगे कहा कि हालांकि, हर विद्यार्थी की अपनी विशेषता होती है इसलिए आप जिसमें सहूलियत महसूस करते हों, उसी समय में पढ़ें.
  • मुसीबत तब होती है, जब हम पढ़ने के बहाने के बजाय न पढ़ने के बहाने खोजते हैं और उसका बोझ पूरे परिवार पर डाल देते हैं.

बच्चों के लिए पीएम मोदी के कार्यक्रम 'परीक्षा पर चर्चा' का ये तीसरा साल रहा. 2018 में पहली बार इसकी शुरुआत की गई थी. बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से दूर करना और उन्हें सफलता के मायने समझाना रहा.

Intro:बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में आज साकेत कोर्ट 2:30 बजे फैसला सुनाएगी दोषियों को दोषी करार देने के साथ उनकी सजा पर भी ऐलान साकेत कोर्ट कर सकती है जानकारों की माने तो उनका कहना है कि कोर्ट अगर जांच एजेंसी अपनी चार्जशीट में लगाए गए आरोपी को साबित करने में सफल होगी तो मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर सहित अन्य दोषियों को कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है


Body:साकेत कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

आपको बता दें कि पिछली सुनवाई में साकेत कोर्ट के न्यायाधीश सौरव कुलश्रेष्ठ ने फैसले को टालते हुए 20 जनवरी यानी की आज की तारीख तय की थी सीबीआई मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर सहित 21 आरोपियों खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है

सभी आरोपी जेल में बंद है

इस पूरे मामले में सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं और आज सुनवाई के दौरान उन्हें साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा

पीड़िता की तरफ से वकील सुधीर कुमार ओझा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोपियों पर दुष्कर्म और बाल यौन शोषण रोकथाम अधिनियम की धारा 6 के तहत भी आरोप लगाए हैं ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कोर्ट आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाएगी

साथ ही अधिवक्ता सुधीर ओझा ने बताया कि जो भी कागजी कार्रवाई पूरी नहीं की गई थी उन सभी कागजी कार्रवाई को अब सभी पक्षों की तरफ से पूरी कर ली गई है सिक्योरिटी बांध के तौर पर भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं

byte- सुधीर कुमार ओझा, वकील पीड़ित पक्ष


Conclusion:आखिरकार 2:30 बजे जब साकेत कोर्ट फैसला सुनाएगी तभी पता चल पाएगा कि आरोपियों को कितने साल की सजा दी गई है और कितने आरोपी बरी किए गए हैं
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