छपरा: रक्षा बंधन की तरह ही भाई बहन के अटूट सम्बन्धों का पर्व भाई दूज भी माना जाता है. पूरे देश भर के साथ ही बिहार में भी बहनें अपने भाइयों के लिए दुआएं कर रही हैं. इस दौरान गीत गाकर गोधन देवता की आकृति का निर्माण किया गया.
छपरा में बहनों ने किया भाई दूज का पर्व: भाई दूज में बहनें पहले भाई को दुश्मन समझ पूजा करती हैं और गोबर से बने आकृति को कूटती हैं और शाप देती हैं. उसके बाद अंत में अपने जीभ में काटा चुभा कर माफी मांगती है. साथ ही गोधन देवता से भाई की लंबी उम्र की दुआ करती हैं. छपरा में भी बहनों ने भाई दूज किया और भाई की लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की.
भाइयों की लंबी उम्र की कामना: भाई दूज के दिन गोबर से बनी आकृति में बजरी, चना, नारियल रखकर उसे कूटते हैं. पूजा के बाद बहनें उसी को भाइयों को प्रसाद के रूप में देती हैं. इसके पीछे का कारण माना जाता है कि बजरी खाने से ताकर आती है. यह भाइयों को शक्ति प्रदान करता है.
इस तिथि को मनाया जाता है भाई दूज: छपरा में छोटी बच्ची से लेकर बुजुर्ग महिलाओं ने भी भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया. बहनों ने कहा कि हम अपने भाई की लंबी आयु और उसकी उन्नति के लिए हर साल भाई दूज करते हैं. भाई दूज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है.
"गोवर्धन पूजा में हम गोबर की पूजा करते हैं. लड़कियों का एक समूह बनाकर फिर गाय के गोबर से एक करते हैं. उसमें गोधन भइया और खोलिचा बहना की आकृति बनाते हैं. फिर दूसरे दिन गोधन भइया की कूटाई करते हैं. अपने भाई को शाप देते हैं उसके बाद कांटा चुभाकर दुआ मांगते हैं और माफी मांगते हैं."- श्रद्धालु
"हम गोबर के धन यानी गोबर से पूजा करते हैं. घर से अनाज लाते हैं. हम भाई की लंबी उम्र की कामना करते हैं."-श्रद्धालु
"गोबर, पांच तरह के अनाज, चावल से पूजा की जाती है. शाप देने के बाद कांटे से जीभ में चुभोया जाता है."-श्रद्धालु
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