सारण: बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) में सारण से सच्चिदानंद राय ( saran MLC Sachidanand Rai) ने जीत दर्ज करने के बाद बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की लड़ाई के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं और करते रहेंगे. साथ ही सच्चिदानंद राय ने बड़ा ऐलान करते हुए महाराजगंज से लोकसभा चुनाव लड़ने की भी घोषणा कर दी. हालांकि 2024 में किस पार्टी से वे लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, इसका जवाब नहीं दिया.
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सिग्रीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा: सच्चिदानंद राय ने कहा कि महाराजगंज में बदलाव होना निश्चित है. गौरतलब है कि सच्चिदानंद राय ने 2019 में भी महाराजगंज लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी लेकिन भाजपा ने उन्हें मौका नहीं दिया था. निवर्तमान सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को ही दोबारा टिकट मिला था. इस बार एमएलसी सच्चिदानंद राय ने खुलकर घोषणा कर दी है कि जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के खिलाफ वह सांसद से लेकर वार्ड पार्षद तक का चुनाव लड़ेंगे.
"बिहार और सारण के हक में कोई निर्णय लेना पड़ा तो मैं लूंगा. महाराजगंज से लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर कोई संदेह नहीं है. मेरे पास 20 महीने का समय है. 2024 के लिए हमारे पास कैंडिडेट है. मैं हूं या कोई और उम्मीदवार है लेकिन मेरी ओर से कैंडिडेट है. मैं जो कहता हूं वो मैं करता हूं. वर्तमान सांसद के राजनीति का अंत होने वाला है. अगर वो विधायक के लिए लड़ेंगे तो मैं वहां से भी उम्मीदवार दूंगा. अगर वे वार्ड पार्षद के लिए खड़े होंगे तो मैं भी कैंडिडेट दूंगा. गंदी राजनीति करने वालों की राजनीति में कोई जगह नहीं है."- सच्चिदानंद राय, एमएलसी सारण
कई पार्टियों से मिल रहा ऑफर: उन्होंने सीधा सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि जनार्दन सिंह सिग्रीवाल की वजह से ही उनका टिकट कटा था और उन्हें भाजपा से बाहर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि मैं फिलहाल निर्दलीय एमएलसी हूं और मेरे पास 20 महीने का समय है. अब तो यह समय बताएगा कि सच्चिदानंद राय किस राजनीतिक दल से लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरते हैं. वहीं निर्दलीय भी चुनाव लड़ने की अटकलों से उन्होंने इनकार नहीं किया है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 1 हफ्ते के अंदर से लेकर 20 महीने के भीतर कभी भी और कहीं भी कोई बड़ा फैसला आ सकता है और मैं किसी भी पार्टी को ज्वाइन कर सकता हूं.
जनता के विकास का लिया संकल्प: हालांकि भाजपा को दोबारा ज्वाइन करने पर उन्होंने कहा कि वह मेरी पुरानी पार्टी है फिर भी देखता हूं कि आगे क्या स्थिति बनती है. इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने कहा कि वह बचपन से लेकर अब तक लगातार संघर्ष करते आए हैं और बहुत ही गरीबी से लेकर आज इतने बड़े अंपायर के मालिक बने हैं. इसलिए जमीनी हकीकत से वह हमेशा जुड़े रहें हैं. उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही मैंने तीन संकल्प भी लिए हैं और इन 3 संकल्पों को मैं पूरा करने का भरसक प्रयास करूंगा. रोड मैप बनाकर काम किया जाएगा.
BJP से बगावत कर सच्चिदानंद राय ने लड़ा था चुनाव: इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट न देकर एक अन्य उम्मीदवार धर्मेंद्र कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था. बीजेपी से बगावत कर वो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्होंने इस चुनाव में प्रथम वरीयता का मत प्राप्त कर जीत दर्ज की है. इसके साथ ही उनके मुकाबले में आरजेडी उम्मीदवार सुधांशु रंजन थे, जबकि तीसरे नंबर पर बीजेपी के उम्मीदवार धर्मेन्द्र कुमार सिंह, चौथे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी संजय कुमार सिंह और पांचवे नंबर पर कांग्रेस के उम्मीदवार सुशांत कुमार सिंह रहे.
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