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सारण: मत्स्य पालन को लेकर 35 सदस्यीय टीम रवाना, करेगी भ्रमण दर्शन

जिलाधिकारी ने बताया कि सारण जिला बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर बेकार पड़े चंवर में तालाब की खुदाई कर उसी मिट्टी से मजबूत बांध बनाकर छोटे-छोटे पौधे लगाने चाहिए, जो आने वाले 10 से 15 वर्षो में तैयार हो सके.

मत्स्य पालक
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Published : Jan 24, 2020, 5:21 PM IST

सारण: सारण के डीएम सुब्रत कुमार सेन अलग-अलग कार्यक्रमों में शरीक होकर लोगों को सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक कर रहे हैं. डीएम के अलावा जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार और सदर डीसीएलआर ने संयुक्त रूप से मत्स्य पालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के तहत 35 सदस्यीय टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जिलाधिकारी ने कहा कि एग्रीकल्चर और एलाइड एक्टिविटीज कार्यक्रम के तहत प्रदेश के किसानों का समेकित रूप से विकास करना ही हमारा एक मात्र लक्ष्य है.

'पशुपालकों के बीच चलाएंगे जागरुकता अभियान'
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि जिले में जितने भी चंवर हैं, उसमें तालाब की खुदाई कर जिले के मत्स्य पालकों को रोजगार उपलब्ध कराना है. वहीं, उन्होंने कहा कि पशु और मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की तरफ से आयोजित मत्स्य पालन भ्रमण-दर्शन कार्यक्रम के तहत 35 सदस्यीय टीम को अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर दो दिनों तक भ्रमण करने के लिए भेजा गया है. जो वापस आकर पशु पालकों के बीच जागरुकता अभियान चलाएंगे.

जिलाधिकारी ने मत्स्य टीम को किया रवाना

'नीचे मछली-ऊपर बिजली'
जिलाधिकारी ने बताया कि सारण जिला बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर बेकार पड़े चंवर में तालाब की खुदाई कर उसी मिट्टी से मजबूत बांध बनाकर छोटे-छोटे पौधे लगाने चाहिए, जो आने वाले 10 से 15 वर्षो में तैयार हो सके. वहीं, इसके साथ ही मुर्गी पालन, गौ पालन, बकरी पालन जैसे स्वरोजगार अपनाकर गांव के छोटे-छोटे किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं, तभी 'नीचे मछली-ऊपर बिजली' अभियान को गति मिल सकती हैं.

सारण: सारण के डीएम सुब्रत कुमार सेन अलग-अलग कार्यक्रमों में शरीक होकर लोगों को सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक कर रहे हैं. डीएम के अलावा जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार और सदर डीसीएलआर ने संयुक्त रूप से मत्स्य पालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के तहत 35 सदस्यीय टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जिलाधिकारी ने कहा कि एग्रीकल्चर और एलाइड एक्टिविटीज कार्यक्रम के तहत प्रदेश के किसानों का समेकित रूप से विकास करना ही हमारा एक मात्र लक्ष्य है.

'पशुपालकों के बीच चलाएंगे जागरुकता अभियान'
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि जिले में जितने भी चंवर हैं, उसमें तालाब की खुदाई कर जिले के मत्स्य पालकों को रोजगार उपलब्ध कराना है. वहीं, उन्होंने कहा कि पशु और मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की तरफ से आयोजित मत्स्य पालन भ्रमण-दर्शन कार्यक्रम के तहत 35 सदस्यीय टीम को अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर दो दिनों तक भ्रमण करने के लिए भेजा गया है. जो वापस आकर पशु पालकों के बीच जागरुकता अभियान चलाएंगे.

जिलाधिकारी ने मत्स्य टीम को किया रवाना

'नीचे मछली-ऊपर बिजली'
जिलाधिकारी ने बताया कि सारण जिला बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर बेकार पड़े चंवर में तालाब की खुदाई कर उसी मिट्टी से मजबूत बांध बनाकर छोटे-छोटे पौधे लगाने चाहिए, जो आने वाले 10 से 15 वर्षो में तैयार हो सके. वहीं, इसके साथ ही मुर्गी पालन, गौ पालन, बकरी पालन जैसे स्वरोजगार अपनाकर गांव के छोटे-छोटे किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं, तभी 'नीचे मछली-ऊपर बिजली' अभियान को गति मिल सकती हैं.

Intro:Anchor:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपनों को सरकार करने के लिए सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन दिन रात एक कर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों में शरीक होकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं, एग्रीकल्चर एंड एलाइड एक्टिविटीज कार्यक्रम के तहत राज्य के किसानों का समेकित रूप से विकास करना ही एक मात्र लक्ष्य हैं. सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, ज़िला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार व सदर डीसीएलआर ने संयुक्त रूप से मत्स्य पालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के तहत 35 सदस्यीय टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया,


Body:सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपने को साकार करने के उद्देश्य से ज़िले में जितने भी चंवर हैं उसमें तालाब की खुदाई कर ज़िले के मत्स्यपालको को रोजगार उपलब्ध कराना हैं.

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार द्वारा आयोजित मत्स्य पालन भ्रमण-दर्शन कार्यक्रम के तहत 35 सदस्यीय टीम जो ज़िले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर दो दिनों तक भ्रमण कर पशु पालकों के बीच जागरूकता अभियान चलाने का काम करेंगे.


byte:-सुब्रत कुमार सेन, जिलाधिकारी, सारण


Conclusion:मालूम हो कि मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने की दिशा में सारण जिला बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है जिसको लेकर बेकार पड़े चंवर में तालाब की खुदाई कर उसी मिट्टी से मजबूत बांध बनाकर छोटे-छोटे पौधे लगाने चाहिए जो आने वाले 10 से 15 वर्षो में तैयार हो सके.

वहीं इसके साथ ही मुर्गी पालन, गौ पालन, बकड़ी पालन जैसे स्वरोजगार अपनाकर गांव के छोटे-छोटे किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं, तभी "नीचे मछली-ऊपर बिजली" अभियान को गति मिल सकती हैं.

इस अवसर पर मत्स्य प्रसार पर्यवेक्षक सुनील कुमार चौधरी, मत्स्यजीवी सहयोग समिति के जिलाध्यक्ष शिवनाथ चौधरी, मांझी के मत्स्यपालक सुमन कुमार सहित दर्जनों पशु पालक व मतत्स्यपालक मौजूद थे.
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