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सारण : परसा प्लांट में बने सैनिट्री नैपकिन का छात्राओं में वितरण, महिलाओं को मिल रहा रोजगार

स्त्री सम्मान योजना के तहत उत्पादित होने वाले नैपकीन बजार में उपलब्ध पैड के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं. बजार में मिलने वाले पैड प्लास्टिक मिक्स होने के कारण मिट्टि में गलनशील नहीं होते.

छात्रा को नैपकीन का वितरण
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Published : May 13, 2019, 7:33 AM IST

सारण: जिले के परसा में सैनिट्री नैपकीन का प्लांट स्थापित किया गया है. महिलाओं को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा के लिये बिहार में इस तरह का पहला प्लांट है. प्लांट के निदेशक डॉ विश्वकर्मा शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस महत्वकांक्षी योजना के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा के साथ महिलाओं को संक्रामक बिमारी से बचाने में लिये इस प्लांट द्वार उत्पादित नैपकिन काफी महत्वपूर्ण है.

बिहार के इकलौते इस प्लांट से होने वाले नैपकिन उत्पादन से अप्रत्यक्ष तथा प्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को रोजगार के साथ संक्रमाक बिमारियों से सुरक्षा मिल रही है. डॉ शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की स्त्री सम्मान योजना के तहत मध्य विद्यालय के 150 छात्राओं के बीच नियमित एक वर्ष तक निःशुल्क नैपकीन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं दर्जनों महिलाएं प्रशिक्षित होकर रोजगार में जुटी हैं.

पर्यावरण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है नैपकीन
प्लांट के संचालक जितेश कुमार ने बताया कि स्त्री सम्मान योजना के तहत उत्पादित होने वाले नैपकीन बजार में उपलब्ध पैड के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि बजार में मिलने वाले पैड प्लास्टिक मिक्स होने के कारण मिट्टि में गलनशील नहीं होते. महिलाओं को उपयोग में भी दिक्कत होती है. जबकि स्त्री सम्मान के तहत उत्पादित नैपकीन मिट्टी में पड़ते ही डीकंपोज हो जाते हैं. साथ ही मुलायम होने की वजह से महिलाओं को उपयोग करने में काफी सहूलियत होती है. वहीं बाजार की अपेक्षा कम दर पर भी उपलब्ध हैं.

जानकारी देते प्लांट के निदेशक
विभाग के निर्देश पर संचालित होता है प्लांटनिदेशक डॉ शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर प्लांट का संचालन किया जाता है. एक मध्य विद्यालय के 150 छात्राओं के बीच एक साल तक निःशुल्क नैपकीन वितरण करने के निर्देश के आलोक में मकेर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमलकी के आठवीं और सातवीं कक्षा के 150 छात्राओं को निःशुल्क नैपकीन वितरण के लिए चयनित किया गया है. इन छात्राओं के बीच पैड का वितरण शुरू कर दिया गया है.

सारण: जिले के परसा में सैनिट्री नैपकीन का प्लांट स्थापित किया गया है. महिलाओं को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा के लिये बिहार में इस तरह का पहला प्लांट है. प्लांट के निदेशक डॉ विश्वकर्मा शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस महत्वकांक्षी योजना के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा के साथ महिलाओं को संक्रामक बिमारी से बचाने में लिये इस प्लांट द्वार उत्पादित नैपकिन काफी महत्वपूर्ण है.

बिहार के इकलौते इस प्लांट से होने वाले नैपकिन उत्पादन से अप्रत्यक्ष तथा प्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को रोजगार के साथ संक्रमाक बिमारियों से सुरक्षा मिल रही है. डॉ शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की स्त्री सम्मान योजना के तहत मध्य विद्यालय के 150 छात्राओं के बीच नियमित एक वर्ष तक निःशुल्क नैपकीन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं दर्जनों महिलाएं प्रशिक्षित होकर रोजगार में जुटी हैं.

पर्यावरण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है नैपकीन
प्लांट के संचालक जितेश कुमार ने बताया कि स्त्री सम्मान योजना के तहत उत्पादित होने वाले नैपकीन बजार में उपलब्ध पैड के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि बजार में मिलने वाले पैड प्लास्टिक मिक्स होने के कारण मिट्टि में गलनशील नहीं होते. महिलाओं को उपयोग में भी दिक्कत होती है. जबकि स्त्री सम्मान के तहत उत्पादित नैपकीन मिट्टी में पड़ते ही डीकंपोज हो जाते हैं. साथ ही मुलायम होने की वजह से महिलाओं को उपयोग करने में काफी सहूलियत होती है. वहीं बाजार की अपेक्षा कम दर पर भी उपलब्ध हैं.

जानकारी देते प्लांट के निदेशक
विभाग के निर्देश पर संचालित होता है प्लांटनिदेशक डॉ शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर प्लांट का संचालन किया जाता है. एक मध्य विद्यालय के 150 छात्राओं के बीच एक साल तक निःशुल्क नैपकीन वितरण करने के निर्देश के आलोक में मकेर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमलकी के आठवीं और सातवीं कक्षा के 150 छात्राओं को निःशुल्क नैपकीन वितरण के लिए चयनित किया गया है. इन छात्राओं के बीच पैड का वितरण शुरू कर दिया गया है.
Intro:*सारण जिले के परसा में सनेट्रिक नैपकिन प्लांट का हुआ स्थापना*
*परसा में उत्पादित सनेट्रिक नैपकिन से बिहार के महिलाओं को मिलेगी संक्रमक बीमारी से छुटकारा*

पर्यावरण सुरक्षा तथा स्त्री सम्मान के उदेशय से केंद्र सरकार के टैक्नलौजी मंत्रालय द्वारा संचालित सनेट्रिक नैपकिन उत्पाद के लिए बिहार का पहला सेंटर परसा बजार स्तिथ इंटेलस में प्लांट स्थापित किया गया है।बिहार का एकलौता सनेट्रिक नैपकिग़ उत्पाद प्लांट से होने वाली नैपकिंग से अप्रत्यक्ष तथा प्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को रोजगार के साथ संक्रमक बिमारी की सुरक्षा से लभवंतीत हो रहे है।प्लांट के निदेशक डॉ विश्वकर्मा शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस महत्वकांक्षी योजना के माध्यम पर्यावरण सुरक्षा के साथ महिलाओ को संक्रमक बिमारी से बचाने में नैपकिग का महत्वपूर्ण भूमिका है।डॉ शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के स्त्री सम्मान योजना से मध्य विद्यालय के 150 छात्राओं के वीच नियमित एक बर्ष तक निःशुल्क नैपकिंग की सुबिधा उपलब्ध कराया जा रहा है।वही दर्जनों महिलाए प्रशिक्षित होकर रोजगार करने में जुटी है।Body:पर्यावरण सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है नैपकिंग*
नैपकिंग प्लांट के संचालक जितेश कुमार ने बताया कि स्त्री सम्मान योजना के तहत उत्पाद होने वाले नैपकिंग बजार में उपलब्ध नैपकिंग से काफी सुरक्षित है।उन्होंने कहा कि बजार में मिलने वाली नैपकिंग प्लास्टिक मिक्स होने के कारण मिट्टि में गलनशील नही होती है।महिलाओं को उपयोग में भी कष्ट उत्पान करता है।जबकि स्त्री सम्मान के तहत उत्पादित नैपकिंग मिट्टी में पड़ते ही गल सर जाता है।साथ ही सौफ्ट होने के वजह महिलाओं को उपयोग में काफी आरमदायक साबित होता है।बाजार के अपेक्ष कम दर पर भी उपलब्ध होता है।

Conclusion:*बिभाग के निर्देश पर संचालित होती है नैपकिंग उत्पाद की प्लांट*
निदेशक डॉ शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के इटेक्ट्रोनिक टेक्नॉलॉजी बीभाग के द्वारा संचालित स्त्री सम्मान बिभाग के निर्देश के आलोक पर प्लांट संचालित किया जाता है।एक मध्य विद्यालय के 150 छात्राओं के वीच एक साल निःशुल्क नैपकिंग वितरण करने के निर्देश के आलोक में मकेर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमलकी के आठवीं और सातवीं कक्षा के 150 छात्राओँ के बीच निःशुल्क नैपकिंग बितरण के लिए चयनित किया गया।विद्यालय के छात्राओं के बिच नियमित निःशुल्क नैपकिंग बितरण करने की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है।
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