छपरा: बिहार के छपरा में दुलर्भ प्रजाति का एक कछुआ (Rare species of white turtle) मिला है. जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ रही है. मामला स्थानीय थाना क्षेत्र के अमनौर हरनारायण पुरवारी पट्टी गांव का है. कछुआ मिलने की खबर के बाद से ही यह दुर्लभ कछुआ इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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मैदानी इलाके में दुर्लभ कछुआ: समुद्र में पाया जाने वाला यह कछुआ मैदानी इलाके में कैसे पहुंचा इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है. छपरा में मिले इस कछुए की सबसे आश्चर्य की बात है कि हर कछुए की कवच ढलाव रूप में होती है. लेकिन इसके कवच में एक टिल निकला हुआ है. जिसके बीच मे हल्का भूरापन है. कछुआ का मूंह पैर और पूंछ बिल्कुल सफेद है.
गांव के बच्चे को मिला दुलर्भ प्रजाति का कछुआ: लोगों के बीच कौतुहल का विषय बना दुलर्भ प्रजाति का यह कछुआ गांव के ही छोटे से बच्चे लक्ष्य को मिला. गांव के मुन्ना सिंह के पुत्र लक्ष्य राज के मुताबिक जब वो घर के पीछे की गली में घूम रहे थे, तभी कछुआ वहां घूम रहा था. जिसे पकड़ कर वो घर ले आया. हालांकि कई लोगों का मानना है कि मुन्ना सिंह के घर के आगे एक पुराना तलाब है, हो सकता है कछुआ उसी तालाब से लाया गया हो.
दुनिया में कई प्रजाति के कछुए; जानकारों के अनुसार विश्व में कछुओं के 260 प्रजातियां पाई जाती हैं. विश्व में पाई जाने वाली 260 प्रजातियों में से 85 प्रजातियां एशिया में पाई जाती हैं. इनमें से 28 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं. यूपी बिहार में 14 प्रजातियां पानी में पाई जाती हैं और एक प्रजाति जमीन पर पाई जाती है. तेजी से खत्म हो रहे कछुओं की कई प्रजातियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं संरक्षण समितियों ने रेड लिस्ट व वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की सूची में शामिल किया है.
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