सारण: प्याज की बढ़ती कीमतों ने सभी को रूला कर रख दिया है. प्याज आम लोगों के लिए रोजमर्रा की चीज है जबकि फल खास लोगों के लिए है.आलम यह है कि बजार में प्याज से ज्यादा सस्ते फल बिक रहे हैं. अभी एक किलो प्याज के दाम में दो किलो फल आसानी से मिल जा रहे हैं.
40 प्रतिशत कम हुआ उत्पादन
प्याज की कीमतों में अभी गिरावट के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि पिछले साल की तुलना में प्याज का उत्पादन इस बार 40 प्रतिशत कम हुआ है. प्याज के उत्पादन में कमी का मुख्य कारण यह है कि इस साल मानसून एक महीने की देरी से आया था. बेमौसम बारिश और बाढ़ के कारण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है.
प्याज काटे बगैर निकल रहे लोगों के आंसू
सारण जिला मुख्यालय स्थित मौना चौक, साहेबगंज, गुदरी बाजार, गांधी चौक, श्याम चक, काशी बाजार और भगवान बाजार सहित कई सब्जी मंडियों की बात करें तो पिछले साल की अपेक्षा इस साल प्याज की लगातार बढ़ती कीमत ने बेचने वालों के साथ-साथ खाने वाले लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है. जिस कारण प्याज काटे बगैर ही लोगों के आंसू निकलने लगे हैं.
बेमौसम बारिश ने खरीफ फसलों को किया बर्बाद
मौना चौक स्थित एक सब्जी दुकानदार श्याम कुमार ने बताया कि अक्टूबर महीने में पूरे देश में एक साथ बेमौसम बारिश ने प्याज सहित कई अन्य खरीफ फसलों को बर्बाद कर दिया है. साथ ही सरकार की गलत नीतियों का भी असर प्याज पर पड़ा है, जिसका असर अब बाजारों में देखने को मिल रहा है.
प्याज से सस्ते मिल रहे फल
वहीं, खरीददारी करने आये शैलेश का कहना है कि प्याज इतना महंगा हो गया है कि जहां एक बोरी प्याज खरीद कर अपने-अपने घरों में रखा करते थे वहीं अब एक किलो से ही काम चलाना पड़ रहा है. महंगे प्याज के कारण अब लोग बेस्वाद वाली सब्जी खाने को मजबूर हैं. बाजरों में अब प्याज के मुकाबले सेब, अनार, संतरा और केला सस्ता मिल रहा है, लेकिन उसकी सब्जी नहीं बन सकती है.