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Jan Suraj Yatra: बोले प्रशांत किशोर- 'जीतन राम मांझी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं' - ETV bharat News

जीतन राम मांझी को सिर्फ अपने बेटा को मुख्यमंत्री बनाने की चिंता है. अगर उन्हें दलित समाज की चिंता होती तो दलित समाज से किसी काबिल व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने की बात कहते. छपरा में जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने एक सभा को संबोधित करने के दौरान कही. उन्होंने कहा कि बिहार में जाति की राजनीति नहीं बल्कि सब नेता अपने-अपने परिवार को राजनीति में लाने और कोई न कोई पद दिलवाने में लगे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

छपरा में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर
छपरा में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर
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Published : Apr 9, 2023, 10:23 PM IST

छपरा में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर

छपरा सारण: चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार के विभिन्न जिलों में पदयात्रा कर (Election strategist Prashant Kishor) रहे. रविवार को छपरा में जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के सोनपुर में एक आमसभा के दौरान नेताओं पर हमला किया है. सभा में प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता को लगता है कि बिहार में जाति की राजनीति हो रही है. मैं आपको कई उदाहरणों से बता सकता हूं कि बिहार में जाति की राजनीति नहीं हो रही है. मांझी जी किसी दलित के लड़के को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. जीतन राम मांझी सिर्फ अपने बेटा को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचते हैं.

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: PK दल बनाकर बढ़ा सकते हैं महागठबंधन और बीजेपी की मुश्किलें

क्या यादव समाज में और कोई पढ़ा लिखा आदमी नहीं है: विधान परिषद के 5 सीटों पर हुए चुनाव में सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र अफाक अहमद के चुनाव जीतने से गदगद प्रशांत किशोर ने कहा कि आपने कभी सुना है कि लालू यादव ने कहा हो कि यादव समाज का लड़का बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनेगा? क्या यादव समाज में उनके लड़के के अलावा और कोई पढ़ा लिखा आदमी नहीं है. आज सब नेता अपने-अपने परिवार को राजनीति में लाने और कोई न कोई पद दिलवाने में लगे हैं. नेता जाति की राजनीति किसी सूरत में नहीं करना चाहते. बल्कि अपने परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ना चाहते हैं.

आज नेता सिर्फ अपने और लड़के की चिंता कर रहे हैं: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने कहा कि क्या आपने सुना है कि मांझी जी किसी दलित के लड़के को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. जीतन राम मांझी सिर्फ अपने बेटा को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचते हैं. अगर उन्हें दलित समाज की चिंता होती तो क्या दलित समाज में दूसरा कोई काबिल आदमी उन्हें नहीं मिलता. आज नेता सिर्फ अपने और अपने लड़के की चिंता कर रहे हैं. जाति-धर्म में आप आम आवाम पड़े हैं.

"बिहार की जनता को लगता है कि बिहार में जाति की राजनीति हो रही है. मैं आपको कई उदाहरणों से बता सकता हूं कि बिहार में जाति की राजनीति नहीं हो रही है. नेता सिर्फ अपने और अपने लड़के की चिंता कर रहे हैं." - प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

छपरा में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर

छपरा सारण: चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार के विभिन्न जिलों में पदयात्रा कर (Election strategist Prashant Kishor) रहे. रविवार को छपरा में जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के सोनपुर में एक आमसभा के दौरान नेताओं पर हमला किया है. सभा में प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता को लगता है कि बिहार में जाति की राजनीति हो रही है. मैं आपको कई उदाहरणों से बता सकता हूं कि बिहार में जाति की राजनीति नहीं हो रही है. मांझी जी किसी दलित के लड़के को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. जीतन राम मांझी सिर्फ अपने बेटा को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचते हैं.

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क्या यादव समाज में और कोई पढ़ा लिखा आदमी नहीं है: विधान परिषद के 5 सीटों पर हुए चुनाव में सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र अफाक अहमद के चुनाव जीतने से गदगद प्रशांत किशोर ने कहा कि आपने कभी सुना है कि लालू यादव ने कहा हो कि यादव समाज का लड़का बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनेगा? क्या यादव समाज में उनके लड़के के अलावा और कोई पढ़ा लिखा आदमी नहीं है. आज सब नेता अपने-अपने परिवार को राजनीति में लाने और कोई न कोई पद दिलवाने में लगे हैं. नेता जाति की राजनीति किसी सूरत में नहीं करना चाहते. बल्कि अपने परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ना चाहते हैं.

आज नेता सिर्फ अपने और लड़के की चिंता कर रहे हैं: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने कहा कि क्या आपने सुना है कि मांझी जी किसी दलित के लड़के को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. जीतन राम मांझी सिर्फ अपने बेटा को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचते हैं. अगर उन्हें दलित समाज की चिंता होती तो क्या दलित समाज में दूसरा कोई काबिल आदमी उन्हें नहीं मिलता. आज नेता सिर्फ अपने और अपने लड़के की चिंता कर रहे हैं. जाति-धर्म में आप आम आवाम पड़े हैं.

"बिहार की जनता को लगता है कि बिहार में जाति की राजनीति हो रही है. मैं आपको कई उदाहरणों से बता सकता हूं कि बिहार में जाति की राजनीति नहीं हो रही है. नेता सिर्फ अपने और अपने लड़के की चिंता कर रहे हैं." - प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

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