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गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से जलमग्न हुआ छपरा का सगुनी गांव, पलायन शुरू - etv news

नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी (Flood In Bihar) का जलस्तर बढ़ गया है. इसके कारण छपरा का सगुनी गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Flood In Bihar
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Published : Aug 6, 2022, 3:15 PM IST

छपरा: पानापुर प्रखंड (Panapur Block ) में गंडक नदी का जलस्तर (Flood In Gandak River) बढ़ने लगा है. बताया जाता है कि नेपाल में भारी बारिश के कारण वाल्मीकि बराज से पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी (rising water level of Gandak river ) में जलस्तर बढ़ गया है. इसके कारण सारण, गोपालगंज के तटीय इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बढ़ते जलस्तर ने पानापुर के सगुनी गांव (saguni village chapra) के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. बाढ़ के पानी में खेती बाड़ी डूब चुकी है. वहीं लोगों के घरों तक अब पानी पहुंच रहा है.

पढ़ें- बगहा: गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के बाद कांटी में बाढ़

गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से लोग परेशान: लगातार हो रही बारिश ने भी ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ा दी है. ग्रामीण अपना सामान और मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थान की खोज में लगे हुए हैं. उनका कहना है कि हर साल नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के बाद गांव पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा बाढ़ से बचने का कोई भी रास्ता नहीं निकाला जा रहा है. ग्रामीण हर साल इसी तरह से अपने गांव को पानी में समाता हुआ देखते हैं.

"घर में पानी घुस गया है. कल शाम से बारिश हो रही है. काफी परेशानी हो रही है. बाढ़ के कारण रोड टूट जाती है. हम लोगों को बहुत परेशानी होती है. हम लोग बाढ़ से बचने की तैयारी कर रहे हैं. सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं दी जा रही है."- ग्रामीण

गंडक नदी का कहर: बेतिया में गंडक (Flood In Gandak River) बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम चंपारण (Flood In West Champaran) जिले के कई इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है. जिले के नौतन प्रखंड के मंगलपुरकला, बिसम्भरपुर और भगवानपुर पंचायत के कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. पूरा गांव जलमग्न हो गया है. लगभग सात सौ की आबादी वाला गांव सरकार की राह देख रहा है. गांव से लोग पलायन कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

कमला-बलान नदी के जलस्तर में वृद्धि: नेपाल में भारी बारिश के कारण कमला-बलान और बागमती नदी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी जा रही है. कमला-बलान का जलस्तर सोमवार सुबह जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया. जयनगर में जलस्तर 67.94 मीटर (डेंजर लेवल 67.75 मीटर), जबकि, झंझारपुर में 51.05 मीटर (डेंजर लेवल 50.00 मीटर) दर्ज किया गया. इसी तरह बागमती का जलस्तर सोमवार सुबह बेनीबाद में 48.69 मीटर (डेंजर लेवल 48.68 मीटर), जबकि, सोनाखान में 68.98 मीटर (डेंजर लेवल 68.80 मीटर) दर्ज किया गया.

कोसी नदी में उफान: नेपाल की तराई और कोसी नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हुई लगातार बारिश की वजह से कोसी नदी उफान (Water Level Rise In Koshi River) पर है. इस बीच नेपाल में सप्तकोशी नदी का बांध टूटने (Saptakoshi River Dam Broken In Nepal) की जानकारी मिल रही है. ऐसे में अररिया और सुपौल जिला बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं. जहां बाढ़ पहले से भंयकर रूप धारण कर चुका है. बुधवार को कोसी नदी का डिस्चार्ज इस वर्ष के सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गया.


छपरा: पानापुर प्रखंड (Panapur Block ) में गंडक नदी का जलस्तर (Flood In Gandak River) बढ़ने लगा है. बताया जाता है कि नेपाल में भारी बारिश के कारण वाल्मीकि बराज से पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी (rising water level of Gandak river ) में जलस्तर बढ़ गया है. इसके कारण सारण, गोपालगंज के तटीय इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बढ़ते जलस्तर ने पानापुर के सगुनी गांव (saguni village chapra) के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. बाढ़ के पानी में खेती बाड़ी डूब चुकी है. वहीं लोगों के घरों तक अब पानी पहुंच रहा है.

पढ़ें- बगहा: गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के बाद कांटी में बाढ़

गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से लोग परेशान: लगातार हो रही बारिश ने भी ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ा दी है. ग्रामीण अपना सामान और मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थान की खोज में लगे हुए हैं. उनका कहना है कि हर साल नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के बाद गांव पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा बाढ़ से बचने का कोई भी रास्ता नहीं निकाला जा रहा है. ग्रामीण हर साल इसी तरह से अपने गांव को पानी में समाता हुआ देखते हैं.

"घर में पानी घुस गया है. कल शाम से बारिश हो रही है. काफी परेशानी हो रही है. बाढ़ के कारण रोड टूट जाती है. हम लोगों को बहुत परेशानी होती है. हम लोग बाढ़ से बचने की तैयारी कर रहे हैं. सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं दी जा रही है."- ग्रामीण

गंडक नदी का कहर: बेतिया में गंडक (Flood In Gandak River) बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम चंपारण (Flood In West Champaran) जिले के कई इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है. जिले के नौतन प्रखंड के मंगलपुरकला, बिसम्भरपुर और भगवानपुर पंचायत के कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. पूरा गांव जलमग्न हो गया है. लगभग सात सौ की आबादी वाला गांव सरकार की राह देख रहा है. गांव से लोग पलायन कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

कमला-बलान नदी के जलस्तर में वृद्धि: नेपाल में भारी बारिश के कारण कमला-बलान और बागमती नदी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी जा रही है. कमला-बलान का जलस्तर सोमवार सुबह जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया. जयनगर में जलस्तर 67.94 मीटर (डेंजर लेवल 67.75 मीटर), जबकि, झंझारपुर में 51.05 मीटर (डेंजर लेवल 50.00 मीटर) दर्ज किया गया. इसी तरह बागमती का जलस्तर सोमवार सुबह बेनीबाद में 48.69 मीटर (डेंजर लेवल 48.68 मीटर), जबकि, सोनाखान में 68.98 मीटर (डेंजर लेवल 68.80 मीटर) दर्ज किया गया.

कोसी नदी में उफान: नेपाल की तराई और कोसी नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हुई लगातार बारिश की वजह से कोसी नदी उफान (Water Level Rise In Koshi River) पर है. इस बीच नेपाल में सप्तकोशी नदी का बांध टूटने (Saptakoshi River Dam Broken In Nepal) की जानकारी मिल रही है. ऐसे में अररिया और सुपौल जिला बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं. जहां बाढ़ पहले से भंयकर रूप धारण कर चुका है. बुधवार को कोसी नदी का डिस्चार्ज इस वर्ष के सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गया.


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