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बोले सारण DM- सामूहिक सहभागिता से कुपोषण पर लगाम संभव

सारण में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया गया है. डीएम ने समाहरणालय परिसर में आयोजित पोषण मेले के उद्घाटन किया.

Nutrition Fortnight in Saran
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Published : Mar 27, 2021, 2:23 PM IST

सारण: सरकार द्वारा कुपोषण से बचाव के लिए बाल विकास परियोजना के माध्यम से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. इसके अंतर्गत समुदाय जागरूकता के माध्यम से स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता में अपेक्षित सुधार लाने के उद्देश्य को लेकर प्रखंड मुख्यालय स्थित परियोजना कार्यालय, प्रखंड सभागार सहित आंगनबाड़ी केंद्रो पर पोषण मेला का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में जिले में भी डीएम ने समाहरणालय परिसर में आयोजित पोषण मेले के उद्घाटन किया.

''कुपोषण को जड़ से मिटाने और सुपोषित समाज के निर्माण में सामुदायिक सहभागिता बहुत जरूरी है. पोषण पखवाड़ा एक बेहतर अवसर है. हम सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को पोषण पर जागरूक कर सकते हैं. महिलाओं और युवतियों से होने वाले एनीमिया के साथ-साथ बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए उचित पोषक आहार का सेवन जरूरी है'' :- डीएम, सारण

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वहीं, इस आयोजन के दौरान कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को सही पोषण कैसे दें, इसके बारे में भी लोगों को बताया गया. मां का दूध बच्चों के लिए अमृत समान होता है. 6 माह तक बच्चों को मां का दूध ही पिलाना चाहिए. उसके बाद ऊपरी आहार शिशु के लिए आवश्यक है. इससे मानसिक स्वास्थ्य, तंत्रिका तंत्र और शारीरिक क्षमता का विकास होता है. इस दौरान शिशुओं को खीर खिलायी गयी और उनकी माताओं को शिशु को आगे से ऊपरी आहार में दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी भी दी गई.

सारण: सरकार द्वारा कुपोषण से बचाव के लिए बाल विकास परियोजना के माध्यम से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. इसके अंतर्गत समुदाय जागरूकता के माध्यम से स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता में अपेक्षित सुधार लाने के उद्देश्य को लेकर प्रखंड मुख्यालय स्थित परियोजना कार्यालय, प्रखंड सभागार सहित आंगनबाड़ी केंद्रो पर पोषण मेला का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में जिले में भी डीएम ने समाहरणालय परिसर में आयोजित पोषण मेले के उद्घाटन किया.

''कुपोषण को जड़ से मिटाने और सुपोषित समाज के निर्माण में सामुदायिक सहभागिता बहुत जरूरी है. पोषण पखवाड़ा एक बेहतर अवसर है. हम सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को पोषण पर जागरूक कर सकते हैं. महिलाओं और युवतियों से होने वाले एनीमिया के साथ-साथ बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए उचित पोषक आहार का सेवन जरूरी है'' :- डीएम, सारण

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वहीं, इस आयोजन के दौरान कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को सही पोषण कैसे दें, इसके बारे में भी लोगों को बताया गया. मां का दूध बच्चों के लिए अमृत समान होता है. 6 माह तक बच्चों को मां का दूध ही पिलाना चाहिए. उसके बाद ऊपरी आहार शिशु के लिए आवश्यक है. इससे मानसिक स्वास्थ्य, तंत्रिका तंत्र और शारीरिक क्षमता का विकास होता है. इस दौरान शिशुओं को खीर खिलायी गयी और उनकी माताओं को शिशु को आगे से ऊपरी आहार में दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी भी दी गई.

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