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सारण: विश्व मधुमेह दिवस पर मैराथन दौड़ का आयोजन, शहर के मशहूर डॉक्टरों ने लिया भाग

डायबिटीज देश में तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक हो गई है. पिछले 25 वर्ष में इस बीमारी के मामलों में लगभग 64 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. विशेषज्ञ इस बढ़ोतरी को देश की आर्थिक प्रगति के साथ जोड़कर देख रहे हैं. इंडियन डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, भारत में करीब 7 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं.

विश्व मधुमेह दिवस
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Published : Nov 14, 2019, 1:03 PM IST

सारण: आज विश्व मधुमेह दिवस है. इस अवसर पर जिले के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छपरा चैप्टर और सेंट्रल सारण समेत बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (भाषा) के दर्जनों चिकित्सकों की ओर से सदर अस्पताल परिसर मे एक मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगित में शहर के प्रसिद्ध चिकित्सकों ने भाग लिया.

विश्व मधुमेह दिवस
मैराथन दौड़ का आयोजन करते डॉक्टर

'मधुमेह मीठा जहर, दुष्प्रभावों से हों जागरूक'
यह प्रतियोगिता अस्पताल परिसर से डाकबंगला रोड होते हुए थाना चौक पर संपन्न हुआ. इस,अवसर पर प्रोत्साहन स्वरूप प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले चिकित्सकों को पुरस्कृत भी किया गया. वहीं, दो अन्य महिला चिकित्सकों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया. इस दौरान आईएमए के अध्यक्ष डॉ.शालिग्राम विश्वकर्मा ने बताया कि मधुमेह एक मीठा जहर है. इस बीमारी से बचने के लिए समाज के सभी लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाकर इस रोग से बचा जा सकता है. हालांकि जागरूकता की कमी के कारण लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नही दे पाते हैं.

ये भी पढ़े- पटना साइंस कॉलेज से नासा तक कुछ यूं रहा मशहूर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण का सफर

प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहा डायबिटीज
बताया जा रहा है कि डायबिटीज देश में तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक हो गई है. पिछले 25 वर्ष में इस बीमारी के मामलों में लगभग 64 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. विशेषज्ञ इस बढ़ोतरी को देश की आर्थिक प्रगति के साथ जोड़कर देख रहे हैं. इंडियन डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, भारत में करीब 7 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं.डायबिटीज को आधुनिक जीवनशैली की देन कहा जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या है मधुमेह?
चिकित्सक बताते है कि जब हमारे शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी से होता है, तो यह रोग उत्पन्न होता है.हम जो खाते हैं इंसुलिन उसे ऊर्जा में बदलता है. यह शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है. इसे मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ऐसी ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाए तो इससे पीछा छुड़ाना लगभग नामुमकिन हो जाता है. जीवन शैली में सुधार और नियमित दवाइयों का सेवन करके इसे नियंत्रित रख सकते हैं.

आयोजन में भाग लेती नर्स
आयोजन में भाग लेती नर्स

मधुमेह के दुष्प्रभाव
डायबिटीज अनियंत्रित रहने पर रक्त शुगर अधिक बढ़ जाता है. इसका गंभीर असर हृदय, रक्त धमनियों, आंखों और किडनी के अलावा शरीर के जोड़ों और हड्डियों पर भी पड़ता है. इसको अनियंत्रित छोड़ देने पर पैरों में अल्सर और संक्रमण के अलावा डायबिटिक फुट की समस्या भी हो सकती है, जिसमें पैरों को काटने की नौबत तक आ सकती है.

दौड़ में भाग लेते हुए चिकित्सक
दौड़ में भाग लेते हुए चिकित्सक

मधुमेह के प्रमुख लक्षण
इस रोग को चिकित्सा के क्षेत्र में 2 भागों में बांटा गया है.

  • टाइप -1 प्रकार के रोग में बार-बार संक्रमण होने के साथ रोगी को आंखो की समस्या हो सकती है.
  • टाइप -2 प्रकार के रोग में बार-बार प्यास लगना, जल्दी-जल्दी पेशाब आना, अचानक वजन कम होना और अत्यधिक थकान महसूस होना इसके प्रमुख लक्षण है.

सारण: आज विश्व मधुमेह दिवस है. इस अवसर पर जिले के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छपरा चैप्टर और सेंट्रल सारण समेत बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (भाषा) के दर्जनों चिकित्सकों की ओर से सदर अस्पताल परिसर मे एक मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगित में शहर के प्रसिद्ध चिकित्सकों ने भाग लिया.

विश्व मधुमेह दिवस
मैराथन दौड़ का आयोजन करते डॉक्टर

'मधुमेह मीठा जहर, दुष्प्रभावों से हों जागरूक'
यह प्रतियोगिता अस्पताल परिसर से डाकबंगला रोड होते हुए थाना चौक पर संपन्न हुआ. इस,अवसर पर प्रोत्साहन स्वरूप प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले चिकित्सकों को पुरस्कृत भी किया गया. वहीं, दो अन्य महिला चिकित्सकों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया. इस दौरान आईएमए के अध्यक्ष डॉ.शालिग्राम विश्वकर्मा ने बताया कि मधुमेह एक मीठा जहर है. इस बीमारी से बचने के लिए समाज के सभी लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाकर इस रोग से बचा जा सकता है. हालांकि जागरूकता की कमी के कारण लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नही दे पाते हैं.

ये भी पढ़े- पटना साइंस कॉलेज से नासा तक कुछ यूं रहा मशहूर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण का सफर

प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहा डायबिटीज
बताया जा रहा है कि डायबिटीज देश में तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक हो गई है. पिछले 25 वर्ष में इस बीमारी के मामलों में लगभग 64 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. विशेषज्ञ इस बढ़ोतरी को देश की आर्थिक प्रगति के साथ जोड़कर देख रहे हैं. इंडियन डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, भारत में करीब 7 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं.डायबिटीज को आधुनिक जीवनशैली की देन कहा जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या है मधुमेह?
चिकित्सक बताते है कि जब हमारे शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी से होता है, तो यह रोग उत्पन्न होता है.हम जो खाते हैं इंसुलिन उसे ऊर्जा में बदलता है. यह शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है. इसे मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ऐसी ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाए तो इससे पीछा छुड़ाना लगभग नामुमकिन हो जाता है. जीवन शैली में सुधार और नियमित दवाइयों का सेवन करके इसे नियंत्रित रख सकते हैं.

आयोजन में भाग लेती नर्स
आयोजन में भाग लेती नर्स

मधुमेह के दुष्प्रभाव
डायबिटीज अनियंत्रित रहने पर रक्त शुगर अधिक बढ़ जाता है. इसका गंभीर असर हृदय, रक्त धमनियों, आंखों और किडनी के अलावा शरीर के जोड़ों और हड्डियों पर भी पड़ता है. इसको अनियंत्रित छोड़ देने पर पैरों में अल्सर और संक्रमण के अलावा डायबिटिक फुट की समस्या भी हो सकती है, जिसमें पैरों को काटने की नौबत तक आ सकती है.

दौड़ में भाग लेते हुए चिकित्सक
दौड़ में भाग लेते हुए चिकित्सक

मधुमेह के प्रमुख लक्षण
इस रोग को चिकित्सा के क्षेत्र में 2 भागों में बांटा गया है.

  • टाइप -1 प्रकार के रोग में बार-बार संक्रमण होने के साथ रोगी को आंखो की समस्या हो सकती है.
  • टाइप -2 प्रकार के रोग में बार-बार प्यास लगना, जल्दी-जल्दी पेशाब आना, अचानक वजन कम होना और अत्यधिक थकान महसूस होना इसके प्रमुख लक्षण है.
Intro:SLUG:-WORLD DIABETES DAY PROGRAM ORGANIZED
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छपरा चैप्टर व सेंट्रल सारण सहित बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (भाषा) के दर्जनों चिकित्सकों द्वारा सदर अस्पताल परिसर से मैराथन दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें शहर के प्रसिद्ध चिकित्सकों ने भाग लिया.

मैराथन दौड़ स्थानीय सदर अस्पताल परिसर से डाकबंगला रोड होते थाना चौक पहुंचा जहां प्रोत्साहन स्वरूप प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाले चिकित्सकों को पुरस्कृत किया गया वही दो महिला चिकित्सकों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया.

मधुमेह जैसी मीठा ज़हर से कैसे बचा जा सके इसके प्रति सभी को जागरूक होना पड़ेगा तभी हमलोग इस बीमारी से बच सकतें हैं, इस बीमारी बचने के लिए हम सभी को अपनी जीवनशैली बेहतर बनाना पड़ेगा और समय से सोना, समय पर खाना, कम खाना जैसे परहेज करने की जरूरत है, हालांकि जागरूकता की कमी के कारण स्वास्थ्य पर ध्यान नही दिया जा रहा हैं.


Body:इस अवसर पर आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ शालिग्राम विश्वकर्मा ने ईटीवी भारत से कहा कि मधुमेह जैसी बीमारी से बचने व जागरूकता लाने के लिए दौड़ का आयोजन किया गया हैं वही सैकड़ों हैंडविल लोगों के बीच बांटा गया हैं, मीठा ज़हर के नाम से प्रचलित हो रहे है मधुमेह से बचने के लिए सबसे पहले हमलोगों को अपने शारिरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा.

Byte:-डॉ शालिग्राम विश्वकर्मा, अध्यक्ष, आईएमए, बिहार

इस अवसर पर डॉ आरसी पाण्डेय, डॉ मेजर मधुकर, डॉ किरण ओझा, डॉ रुपाली रस्तोगी, डॉ राजीव रंजन, डॉ दीपक प्रसाद, डॉ रवि रंजन रस्तोगी, डॉ केएम दूबे सहित दर्जनों चिकित्सक मौजूद थे. वही दूसरी तरफ़ सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा भी एएनएम के माध्यम से जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें सदर अस्पताल के चिकित्सकों, स्वास्थ्य प्रबंधक व एएनएम प्रशिक्षण संस्थान के सैकड़ों युवतियों व महिलाओं ने भाग लिया.


Conclusion:बताते चलें कि डायबिटीज देश में तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक हो गई है. पिछले 25 वर्ष में इस बीमारी के मामलों में लगभग 64 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और विशेषज्ञ इस बढ़ोतरी को देश की आर्थिक प्रगति के साथ जोड़कर देख रहे हैं. और आने वाले पांच से छः वर्षो के अंदर देश में इस बीमारी के मरीजों की संख्या लगभग 13 करोड़ से ज्यादा हो सकती है, जो वर्ष 2017 में 7.2 करोड़ थी.

अब विश्व बैंक की एक रिपोर्ट पर नजर डालें तो 1990 में भारत की प्रति व्यक्ति आय 24, 867 रुपये थी, जो 2016 में बढ़कर 1,09,000 हो गई. इसका सीधा अर्थ है कि खुशहाली बढ़ने के साथ साथ मधुमेह के रोगी भी बढ़ते जा रहे हैं. तो देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बड़ा बोझ होने के साथ ही आर्थिक रूप से भी एक बड़ी चुनौती पेश करेगा क्योंकि सरकार देश की एक बड़ी आबादी को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा की सुविधा प्रदान कर रही है.
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