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सारण में अब तक 6 लोगों की संदिग्ध मौत, मृतकों के परिजन बोले- जहरीली शराब पीने से गई जान

बिहार के सारण जिले में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत (Poisonous Liquor Death In Chapra) हो गई है. मृतकों के परिजनों का कहना है कि जहरीली शराब पीने से मौत हुई. वहीं, परिजनों का आरोप है कि पुलिस बयान बदलने के लिए दबाव बना रही है. पढ़ें पूरी खबर

सारण में जहरीली शराब से 6 की मौत
सारण में जहरीली शराब से 6 की मौत
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Published : Apr 30, 2022, 7:10 AM IST

Updated : Apr 30, 2022, 3:30 PM IST

छपराः बिहार के सारण जिले के तरैया थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के छह लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत (Six died due to spurious liquor in saran) हो गई, उनके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को यह दावा किया। पुलिस को अभी जवाब देना बाकी है. मौतें गुरुवार शाम को हुई थीं और मृतकों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी शुक्रवार की सुबह आए और उन्हें अपने बयान बदलकर यह कहने के लिए मजबूर किया कि उनकी मौत 'कटहल की सब्जी' और चावल खाने से हुई.

ये भी पढ़ेंः जहरीली शराब से सारण में 3 लोगों की संदिग्ध मौत, कई लोगों की आंखों की रोशनी गायब

परिजन का दावा- जहरीली शराब पीने से गई जान : बता दें कि 23 अप्रैल को जहरीली शराब पीने के बाद से अबतक एक के बाद एक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे पहले 24 अप्रैल को तीन लोगों की मौत हुई थी, उसके बाद फिर दो लोगों की मौत हुई थी. जिसकी पुष्टि प्रशासन ने नहीं की थी. वहीं, नवारत्नपुर गांव के अखिलेश ठाकुर की जहरीली शराब पीने से आंख की रोशनी चली गई थी, जिसका इलाज पटना के निजी अस्पताल में चल रहा था. 28 अप्रैल को उसकी भी मौत हो गई. मृतकों की पहचान नवरतनपुर के दारसी साव और अखिलेश ठाकुर, तरैया के विक्की कुमार सिंह, पोखरेड़ा के संजय पासवान, चैनपुर गांव के नगीना सिंह और मदन मोहन के रूप में हुई है.

'बयान बदलने के लिए दवाब बना रहे शराब माफिया' : ग्रामीणों की माने तो शराब माफिया उन पर इस मुद्दे को लेकर चुप रहने का दबाव बना रहे हैं. परिजनों ने दावा किया कि जिन लोगों की मौत हुई, उन्होंने बुधवार की शाम व गुरुवार की सुबह शराब पी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. वहीं, अखिलेश ठाकुर के मौत की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. इस पूरे मामले में अखिलेश ठाकुर को परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है.

''जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रशासन के लोग आए थे, बयान बदलने के लिए कह रहे हैं. पुलिस वाला बोल रहा है कि शराब पीने से नहीं मरा है आदमी. बोलो कि कटहल की सब्जी और चावल खाने से मौत हुई है, नहीं तो उल्टा फंस जाओगे. कहीं कटहल का सब्जी खाने से मौत होता है? मुखिया जी भी आए, बयान चेंज करो'' - निशा कुमारी, अखिलेश ठाकुर के परिजन


ये भी पढ़ें- सारण में 3 दिनों में 9 लोगों की संदिग्ध मौत, परिजनों ने माना- 'जहरीली शराब ने ली है जान'
पुलिस प्रशासन की चुप्पी पर सवाल : वहीं, इस पूरे मामले पर जब सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा और सारण पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया. दूसरी तरफ, तरैया थाने के एसएचओ राजेश कुमार ने भी इस घटना पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. फिलहाल, इस घटना से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है.

ड्रोन व हेलीकॉप्टर से निगरानी भी बेअसर: बिहार में अप्रैल, 2016 से शराबबंदी लागू (Liquor Ban in Bihar) है. राज्य सरकार इसे लागू करने को हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है. जब से मद्य निषेध कानून लागू किया गया है तब से अब तक करीब लाखों लीटर देसी-विदेशी शराब बरामद की जा चुकी है, जबकि इस कानून के उल्लंघन में करीब साढ़े चार लाख लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं.

ये भी पढ़ें: जमीन पर अधूरी रह गई तैयारी.. आसमान में खाक छानते रहे ड्रोन और हेलीकॉप्टर, 41 की मौत से उठे सवाल

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छपराः बिहार के सारण जिले के तरैया थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के छह लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत (Six died due to spurious liquor in saran) हो गई, उनके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को यह दावा किया। पुलिस को अभी जवाब देना बाकी है. मौतें गुरुवार शाम को हुई थीं और मृतकों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी शुक्रवार की सुबह आए और उन्हें अपने बयान बदलकर यह कहने के लिए मजबूर किया कि उनकी मौत 'कटहल की सब्जी' और चावल खाने से हुई.

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परिजन का दावा- जहरीली शराब पीने से गई जान : बता दें कि 23 अप्रैल को जहरीली शराब पीने के बाद से अबतक एक के बाद एक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे पहले 24 अप्रैल को तीन लोगों की मौत हुई थी, उसके बाद फिर दो लोगों की मौत हुई थी. जिसकी पुष्टि प्रशासन ने नहीं की थी. वहीं, नवारत्नपुर गांव के अखिलेश ठाकुर की जहरीली शराब पीने से आंख की रोशनी चली गई थी, जिसका इलाज पटना के निजी अस्पताल में चल रहा था. 28 अप्रैल को उसकी भी मौत हो गई. मृतकों की पहचान नवरतनपुर के दारसी साव और अखिलेश ठाकुर, तरैया के विक्की कुमार सिंह, पोखरेड़ा के संजय पासवान, चैनपुर गांव के नगीना सिंह और मदन मोहन के रूप में हुई है.

'बयान बदलने के लिए दवाब बना रहे शराब माफिया' : ग्रामीणों की माने तो शराब माफिया उन पर इस मुद्दे को लेकर चुप रहने का दबाव बना रहे हैं. परिजनों ने दावा किया कि जिन लोगों की मौत हुई, उन्होंने बुधवार की शाम व गुरुवार की सुबह शराब पी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. वहीं, अखिलेश ठाकुर के मौत की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. इस पूरे मामले में अखिलेश ठाकुर को परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है.

''जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रशासन के लोग आए थे, बयान बदलने के लिए कह रहे हैं. पुलिस वाला बोल रहा है कि शराब पीने से नहीं मरा है आदमी. बोलो कि कटहल की सब्जी और चावल खाने से मौत हुई है, नहीं तो उल्टा फंस जाओगे. कहीं कटहल का सब्जी खाने से मौत होता है? मुखिया जी भी आए, बयान चेंज करो'' - निशा कुमारी, अखिलेश ठाकुर के परिजन


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पुलिस प्रशासन की चुप्पी पर सवाल : वहीं, इस पूरे मामले पर जब सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा और सारण पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया. दूसरी तरफ, तरैया थाने के एसएचओ राजेश कुमार ने भी इस घटना पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. फिलहाल, इस घटना से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है.

ड्रोन व हेलीकॉप्टर से निगरानी भी बेअसर: बिहार में अप्रैल, 2016 से शराबबंदी लागू (Liquor Ban in Bihar) है. राज्य सरकार इसे लागू करने को हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है. जब से मद्य निषेध कानून लागू किया गया है तब से अब तक करीब लाखों लीटर देसी-विदेशी शराब बरामद की जा चुकी है, जबकि इस कानून के उल्लंघन में करीब साढ़े चार लाख लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं.

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Last Updated : Apr 30, 2022, 3:30 PM IST
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