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'अवैध तरीके से गिरफ्तार करने वाले पुलिस अफसरों पर 15 दिनों में कार्रवाई करें', DGP को पटना HC ने दिया आदेश - PATNA HIGH COURT

पटना उच्च न्यायालय ने शनिवार को अहम फैसला सुनाया. बिहार के डीजीपी को एक्शन लेने का निर्देश दिया. पढ़ें खबर.

PATNA HIGH COURT
कॉसेप्ट फोटो (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 15, 2025, 9:09 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने कटिहार नगर थाना में 24 घंटे से अधिक समय तक अवैध रूप से पुलिस हिरासत में आरोपियों को बंद कर उनको प्रताड़ित किए जाने के मामले पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को आदेश दिया है कि एक पखवाड़े के अंदर, अवैध तरीके से गिरफ्तार करने वाले पुलिस अफसर पर विभागीय कार्रवाई चलाएं.

'तत्कालीन एसपी को जारी करें नोटिस' : साथ ही पटना उच्च न्यायालय ने कटिहार के तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन सहित उन सभी संबंधित पुलिस अफसरों पर अवमानना के मामले में नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया, जो इस अवैध गिरफ्तारी और पुलिस हिरासत में आरोपियों को रखने के लिए जिम्मेदार थे. जस्टिस विवेक चौधरी ने सौरभ पाल व अन्य की आपराधिक रिट याचिकायों को निष्पादित करते हुए यह फैसला सुनाया.

PATNA HIGH COURT
पटना उच्च न्यायालय (Etv Bharat)

क्या है पूरा मामला ? : दरअसल, ये मामला कटिहार के मंगल बाजार स्थित अंजनी टेक्निकल इंस्टीट्यूट को पुलिस द्वारा जबरन ताला लगाकर बंद करने का है. साथ ही उसके मालिक व अन्य कर्मियों को गिरफ्तार कर 72 घंटों तक पुलिस लॉक अप में बंद रखने का है.

8 साल पुराना है मामला : याचिका कर्ताओं की तरफ से वरीय अधिवक्ता प्रसून सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि 15 फरवरी 2017 को कटिहार नगर थाना के थाना प्रभारी अन्य पुलिस कर्मियों के साथ उक्त इंस्टीट्यूट के दफ्तर पर छापा मारकर, संस्थान के मालिक एवं अन्य स्टाफ को गिरफ्तार कर नगर थाना में बंद कर दिया.

प्राथमिकी में थानाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह इंस्टीट्यूट अनधिकृत तरीके से संचालित होता है. अगले दो दिनों तक बिना कोई कारण बताए ही सभी गिरफ्तार लोगों को पुलिस ने थाने में ही कैद रखा. उन्हें नजदीकी न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में 18 फरवरी 2017 को पेश किया गया.

'SC के दिशानिर्देशों की अवहेलना हुई' : प्रसून सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अफसरों ने गिरफ्तारी की तारीख को कलम से गड़बड़ी करने की कोशिश करते हुए 15 फरवरी को 16 फरवरी बनाया. लेकिन दण्डाधिकारी का हस्ताक्षर 18 फरवरी का है. जिससे खुद साबित होता है कि उनके मुवक्किलों को 48 घंटे (16 और 17 फरवरी) को पुलिस हाजत में ही रखा गया, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों की अवहेलना है. जस्टिस चौधरी ने याचिकाकर्ताओं के वकील के दलील को सही पाते हुए सभी संबंधित पुलिस कर्मियों को अवमानना के मामले में नोटिस जारी करने का आदेश दिया.

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'तत्कालीन एसपी को जारी करें नोटिस' : साथ ही पटना उच्च न्यायालय ने कटिहार के तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन सहित उन सभी संबंधित पुलिस अफसरों पर अवमानना के मामले में नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया, जो इस अवैध गिरफ्तारी और पुलिस हिरासत में आरोपियों को रखने के लिए जिम्मेदार थे. जस्टिस विवेक चौधरी ने सौरभ पाल व अन्य की आपराधिक रिट याचिकायों को निष्पादित करते हुए यह फैसला सुनाया.

PATNA HIGH COURT
पटना उच्च न्यायालय (Etv Bharat)

क्या है पूरा मामला ? : दरअसल, ये मामला कटिहार के मंगल बाजार स्थित अंजनी टेक्निकल इंस्टीट्यूट को पुलिस द्वारा जबरन ताला लगाकर बंद करने का है. साथ ही उसके मालिक व अन्य कर्मियों को गिरफ्तार कर 72 घंटों तक पुलिस लॉक अप में बंद रखने का है.

8 साल पुराना है मामला : याचिका कर्ताओं की तरफ से वरीय अधिवक्ता प्रसून सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि 15 फरवरी 2017 को कटिहार नगर थाना के थाना प्रभारी अन्य पुलिस कर्मियों के साथ उक्त इंस्टीट्यूट के दफ्तर पर छापा मारकर, संस्थान के मालिक एवं अन्य स्टाफ को गिरफ्तार कर नगर थाना में बंद कर दिया.

प्राथमिकी में थानाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह इंस्टीट्यूट अनधिकृत तरीके से संचालित होता है. अगले दो दिनों तक बिना कोई कारण बताए ही सभी गिरफ्तार लोगों को पुलिस ने थाने में ही कैद रखा. उन्हें नजदीकी न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में 18 फरवरी 2017 को पेश किया गया.

'SC के दिशानिर्देशों की अवहेलना हुई' : प्रसून सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अफसरों ने गिरफ्तारी की तारीख को कलम से गड़बड़ी करने की कोशिश करते हुए 15 फरवरी को 16 फरवरी बनाया. लेकिन दण्डाधिकारी का हस्ताक्षर 18 फरवरी का है. जिससे खुद साबित होता है कि उनके मुवक्किलों को 48 घंटे (16 और 17 फरवरी) को पुलिस हाजत में ही रखा गया, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों की अवहेलना है. जस्टिस चौधरी ने याचिकाकर्ताओं के वकील के दलील को सही पाते हुए सभी संबंधित पुलिस कर्मियों को अवमानना के मामले में नोटिस जारी करने का आदेश दिया.

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