छपरा: बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति ने अपने छपरा दौरे के दौरान इस बात के संकेत दिए थे कि राज्य के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक अराजकता को लेकर कठोर कदम उठाए जाएंगे. प्राय: राज्य के सभी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र अनियमित हैं और विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. इस बात की जानकारी कुलाधिपति सह राज्यपाल को भी हुई है और राज्यपाल ने इस मामले में कड़े निर्णय लेने के संकेत भी दिए थे. 14 मार्च को जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक की अध्यक्षता राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने की और बड़ा फैसला लिया गया.
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शैक्षणिक अराजकता को सुधारने के लिए राज्यपाल का बड़ा फैसला: राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्थिति की अद्यतन पूरी जानकारी ली थी और इस बात के संकेत दिए थे कि कुछ कड़वे निर्णय की आवश्यकता है. भले किसी को खराब लगे लेकिन उनको इस बात की परवाह नहीं है. उन्होंने अपने भाषण में यह कहा था कि वे लोकनायक जयप्रकाश नारायण के बताए आदर्श पर चलने वाले व्यक्ति हैं. लेकिन यहां पर लोकनायक के आदर्शों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. वहीं बिहार के करीब सभी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अराजकता बनी हुई है. लेकिन इसी शैक्षणिक अराजकता को सुधारने के लिए राज्यपाल सह कुलाधिपति ने एक बड़ा कदम उठाया है.
जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पद से हटाया गया: छात्र हित और शैक्षणिक अराजकता को देखते हुए जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलसचिव रवि प्रकाश बबलू को उनके पद से पद मुक्त कर दिया गया है. इस बात की जानकारी राज्यपाल के सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है. शायद रवि प्रकाश बबलू शैक्षणिक अराजकता के सुधारने की दिशा में उठाए गए कड़े कदम के पहले शिकार हुए हैं.