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सारणः जय प्रकाश विश्वविद्यालय में भोजपुरी में योगदान को लेकर सम्मान समारोह का आयोजन

बिहार के सारण प्रमंडल के सिवान के रहने वाले मनोज भावुक ने कहा कि मैं बिहार के सिवान से हूं और अधिकतर समय बिहार से बाहर ही रहा हूं. कई साल तक विदेश में भी रहा. लेकिन मेरे मन में हमेशा बिहार के लिये कुछ करने की इच्छाएं दिल में रही है.

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Published : Dec 5, 2019, 10:59 PM IST

सारणः जिले में गुरुवार को जय प्रकाश विश्वविद्यालय में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें उषा हिंडोला की समीक्षा के माध्यम से जीवन व्रतांत आध्रत रचना की प्रेरणादायक शैली पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ उषा किरण खान, पूर्व डीजीपी बिहार राम चंद्र खान के साथ अखिलेन्द्र मिश्रा और मनोज भावुक उपस्थित थे.

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पुस्तक का विमोचन करते अतिथि

सम्मान समारोह का आयोजन
इस सम्मान समारोह का उद्घाटन कुलपति सहित सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस मौके पर विश्व विद्यालय के कुलपति ने मनोज भावुक के बारे में कहा कि बिहार सारण का ये बेटा बिहार से बाहर रह कर भी भोजपुरी फिल्मों के विषय में सोचता रहता है और उनकी इसी सोच ने उन्हें बिहार खींच लाया है. भोजपुरी सिनेमा के लिये इनका किया गया कार्य अनुकरणीय है.

देखें पूरी रिपोर्ट

दीप प्रज्ज्वलित कर किया उद्घाटन
बिहार के सारण प्रमंडल के सिवान के रहने वाले मनोज भावुक ने कहा कि मैं बिहार के सिवान से हूं और अधिकतर समय बिहार से बाहर ही रहा हूं. कई साल तक विदेश में भी रहा. लेकिन मेरे मन में हमेशा बिहार के लिये कुछ करने की इच्छाएं दिल में रही है. भोजपुरी सिनेमा की उन्नति के लिये कार्य करने की दिशा में प्रयत्न करता हूं. वहीं, उषा किरण खान और भावना शेखर ने कहा कि नवोदित लेखकों को सभी बातों का ज्ञान आवश्यक है. जबकि अखिलेन्दर मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि वे बिहार में भोजपुरी सिनेमा के विकास के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध हैं.

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गीत गाती छात्राएं

सारणः जिले में गुरुवार को जय प्रकाश विश्वविद्यालय में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें उषा हिंडोला की समीक्षा के माध्यम से जीवन व्रतांत आध्रत रचना की प्रेरणादायक शैली पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ उषा किरण खान, पूर्व डीजीपी बिहार राम चंद्र खान के साथ अखिलेन्द्र मिश्रा और मनोज भावुक उपस्थित थे.

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पुस्तक का विमोचन करते अतिथि

सम्मान समारोह का आयोजन
इस सम्मान समारोह का उद्घाटन कुलपति सहित सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस मौके पर विश्व विद्यालय के कुलपति ने मनोज भावुक के बारे में कहा कि बिहार सारण का ये बेटा बिहार से बाहर रह कर भी भोजपुरी फिल्मों के विषय में सोचता रहता है और उनकी इसी सोच ने उन्हें बिहार खींच लाया है. भोजपुरी सिनेमा के लिये इनका किया गया कार्य अनुकरणीय है.

देखें पूरी रिपोर्ट

दीप प्रज्ज्वलित कर किया उद्घाटन
बिहार के सारण प्रमंडल के सिवान के रहने वाले मनोज भावुक ने कहा कि मैं बिहार के सिवान से हूं और अधिकतर समय बिहार से बाहर ही रहा हूं. कई साल तक विदेश में भी रहा. लेकिन मेरे मन में हमेशा बिहार के लिये कुछ करने की इच्छाएं दिल में रही है. भोजपुरी सिनेमा की उन्नति के लिये कार्य करने की दिशा में प्रयत्न करता हूं. वहीं, उषा किरण खान और भावना शेखर ने कहा कि नवोदित लेखकों को सभी बातों का ज्ञान आवश्यक है. जबकि अखिलेन्दर मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि वे बिहार में भोजपुरी सिनेमा के विकास के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध हैं.

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गीत गाती छात्राएं
Intro:सम्मान समारोह ।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट। छ्परा।छ्परा मे आज जय प्रकाश विश्व विद्यालय मे सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।जिसमें उषा हिंडोला की समीक्षा के माध्यम से जीवन व्रतांत आध्रत रचना की प्रेरणा दायक शैली पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम मे पदम श्री डा उषा किरण खान पुर्व डीजीपी बिहार राम चंद्र खान के साथ अखिलेन्दर मिश्रा और मनोज भावुक डा ऊषा वर्मा और डा एच के वर्मा और भावना शेखर भी उपस्थित थे।वही जय प्रकाश विश्व विद्यालय के कुलपति हरिकेश सिंह ने स्वागत भाषण देते हुये कहा की विश्व विद्यालय का परिसर आप लोगों के आने से धन्य हो गया।


Body: इसके पहले इस सम्मान समारोह का उद्घाटन जय प्रकाश विश्व विद्यालय छ्परा मे कुलपति सहित सभी अतिथियों ने विधिवत् दीप प्रज्ज्वलित और कुल गीत गाकर के किया। वही इस अवसर पर जय प्रकाश विश्व विद्यालय छ्परा के कुलपति ने मनोज भावुक के बारे मे कहा की बिहार की इस प्रतिमा जो की सारण का ही एक बेटा है।जो बिहार से बाहर रह कर भी बिहार के भोजपुरी फ़िल्मो के विषय मे सोचता रहता है।और उनकी इसी सोच ने उन्हे बिहार खीच लाया है।और भोजपुरी सिनेमा के लिये इनका किया गया कार्य अनुकरणीय हैं ।


Conclusion:वही बिहार के सारण प्रमंडल के सिवान के रहने वाले मनोज भावुक ने कहा की मै बिहार के सिवान से हू।और अधिकतर समय बिहार से बाहर ही रहा हू।कई साल तक विदेश मे भी रहा हू।लेकिन मेरे मन मे हमेशा बिहार के लिये कुछ करने की इच्छाएं हमेशा दिल मे रही है।आज भी मैनें बिहार के अपने गाव से बहुत लगाव है।और भोजपुरी सिनेमा से जुड़ा रहा हू।और भोजपुरी सिनेमा के उन्नति के लिये कार्य करने की दिशा मे प्रयत्न करता हू वहीउषा किरण खान और भावनाशेखर ने कहा नवोदित लेखकों को सभी बातों का ज्ञान आवश्यक है जबकि अखिले न्दर मिश्रा ने अपने संबोधन मे कहा की वे बिहार मे भोजपुरी सिनेमा के विकास के लिये पूर्णतया प्रतिब्ध हू । बाईट हरिकेश सिंह कुलपति जयप्रकाश विश्व विद्यालय बाईट मनोज भावुक भोजपुरी फिल्म समीक्षक बाईट पदम श्री उषा किरण खान और भावना शेखर बाईट अखिलेन्दर मिश्र अभिनेता
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