सारणः जिले में गुरुवार को जय प्रकाश विश्वविद्यालय में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें उषा हिंडोला की समीक्षा के माध्यम से जीवन व्रतांत आध्रत रचना की प्रेरणादायक शैली पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ उषा किरण खान, पूर्व डीजीपी बिहार राम चंद्र खान के साथ अखिलेन्द्र मिश्रा और मनोज भावुक उपस्थित थे.
सम्मान समारोह का आयोजन
इस सम्मान समारोह का उद्घाटन कुलपति सहित सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस मौके पर विश्व विद्यालय के कुलपति ने मनोज भावुक के बारे में कहा कि बिहार सारण का ये बेटा बिहार से बाहर रह कर भी भोजपुरी फिल्मों के विषय में सोचता रहता है और उनकी इसी सोच ने उन्हें बिहार खींच लाया है. भोजपुरी सिनेमा के लिये इनका किया गया कार्य अनुकरणीय है.
दीप प्रज्ज्वलित कर किया उद्घाटन
बिहार के सारण प्रमंडल के सिवान के रहने वाले मनोज भावुक ने कहा कि मैं बिहार के सिवान से हूं और अधिकतर समय बिहार से बाहर ही रहा हूं. कई साल तक विदेश में भी रहा. लेकिन मेरे मन में हमेशा बिहार के लिये कुछ करने की इच्छाएं दिल में रही है. भोजपुरी सिनेमा की उन्नति के लिये कार्य करने की दिशा में प्रयत्न करता हूं. वहीं, उषा किरण खान और भावना शेखर ने कहा कि नवोदित लेखकों को सभी बातों का ज्ञान आवश्यक है. जबकि अखिलेन्दर मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि वे बिहार में भोजपुरी सिनेमा के विकास के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध हैं.