छपरा: बिहार का छपरा सदर अस्पताल एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. इसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक सुरक्षाकर्मी मरीज को इंजेक्शन लगाते देखा जा सकता है. इस वीडियो में मरीज बेड पर लेटा है और गार्ड उसे इंजेक्शन दे रहा है. लेकिन सवाल उठता है कि क्या अस्पताल में डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स या अन्य स्टाफ मौजूद नहीं थे?
छपरा में गार्ड करता है मरीज का इलाज: एक तरफ नीतीश कुमार स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर होने का दावा करते हैं. वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर काफी गंभीर है. लेकिन छपरा सदर अस्पताल में इन बातों का कोई असर नहीं दिख रहा. ऐसा नहीं कि अस्पताल में स्टाफ की कमी है. नर्स, डॉक्टर और कंपाउंडर के होते हुए भी एक सुरक्षाकर्मी मरीज को सुई दे रहा है, जबकि उसके पास इस तरह का कोई भी प्रशिक्षण नहीं है.
छपरा सदर अस्पताल का वीडियो वायरल: सुशासन की सरकार ने 60 दिन के अंदर जिला अस्पतालों की सूरत और सीरत दोनों बदल देने की बात कही थी, लेकिन रंग रोगन के अलावा अन्य कोई विशेष परिवर्तन दिखाई नहीं दे रहा है. छपरा सदर अस्पताल में दलाल सक्रिय हैं. दवाइयों का अभाव है और मजबूरन मरीजों को बाहर से दवा लाकर देने के लिए विवश किया जाता है.
मरीजों की परेशानी का कब होगा अंत?: छपरा सदर अस्पताल की स्थिति तो यह है कि यहां पर हर दूसरा व्यक्ति दलाल है और मरीज को प्राइवेट अस्पतालों में भेजने के लिए लगातार सक्रिय रहता है. वहीं मरीजों के जान से भी खिलवाड़ हो रहा है. यह सुरक्षाकर्मी अपने सुरक्षा दायित्व के साथ-साथ कंपाउंडर का भी कम कर रहा है. यह इस बात को दर्शाता है कि छपरा सदर अस्पताल में कर्मचारियों की क्या स्थिति है और वह अपने कर्तव्यों का कितना पालन करते हैं.
अधिकारियों ने मामले पर साधी चुप्पी: वीडियो के वायरल होने के बाद इस सुरक्षाकर्मी को यहां से हटा दिया गया है. वहीं कोई भी अधिकारी इस विषय में बोलने के लिए तैयार नहीं है. अस्पताल मैनेजर से लेकर सिविल सर्जन तक इस विषय पर बोलने से बच रहे हैं.