छपराः वाराणसी से चले गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruise Stuck in chapra Bihar) में सवार सैलानियों को आज बिहार के छपरा में पुरातत्व दृष्टि से महत्वपूर्ण डोरी गंज के चिरांद के अवशेषों (Chirand Archaeological Site) को देखना था, लेकिन पानी कम होने के कारण यह क्रूज बीच में ही अटक गया और किनारे तक नहीं गया. उसके बाद लोगों को लगा इसका स्टॉपेज नहीं है. क्रूज बीच नदी में लंगर डाले खड़ा रहा.
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मोटर बोटों के जरिए किनारे तक आए सैलानीः क्रूज़ के आगे नहीं बढ़ने के कारण वहां से विदेशी सैलानियों को छोटे-छोटे मोटर बोटों के जरिए किनारे तक लाया गया और पुरातत्व दृष्टि से महत्वपूर्ण चिरांद के अवशेषों को दिखाया गया. इस दौरान स्थानीय लोगों ने गाजे बाजे के साथ इन सैलानियों का स्वागत किया. इसके बाद सभी सैलानी वापस क्रूज में लौट गए.
छपरा में क्यों फंसा क्रूज? : इससे पहले गंगा विलास क्रूज सोमवार सुबह जब छपरा पहुंचा तो यहां डोरीगंज के पास गाद में अकट गया और किनारे नहीं पहुंच सका. बताया जाता है कि गंगा नदी में पानी कम रहने के कारण क्रूज अटक गया था. जिसके बाद क्रूज से सैलानियो को छोटे जहाज से किनारे लाया गया और पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण कराया गया. हालांकि, छपरा के बाद भी क्रूज यहां से निकलेगा तो आगे भी इसके फंसने की संभावना है. हालांकि जहां-जहा क्रूज के रुकने की व्यवस्था है वहां छोटे नाव पहले से तैयार किए गए है.
बक्सर पहुंचा गंगा विलास क्रूज: हालांकि कुछ अवरोध के बाद गंगा विलास क्रूज बक्सर पहुंच गया. इस आलीशान क्रूज में स्विटिजरलैंड के 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद ले रहे हैं. इससे पहले छपरा के डोरीगंज चिरांद घाट पर मेहमानों का जोरदार तरीके से स्वागत हुआ. प्रशासन ने मौके पर एसडीआरएफ की टीम भी स्टैंडबाई में रखी थी.
सैकड़ों की संख्या में उमड़ी भीड़ः इससे पहले जब एमपी गंगा विलास क्रूज छपरा के डोरीगंज चिरांद घाट के सामने से गुजरा तो लोगों ने इस ग्रुप का अपने-अपने तरीके से स्वागत किया. फूल मालाओं और ढोल बाजे के साथ पर्यटकों का स्वागत हुआ. क्रूज को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग घाट पर मौजूद थे. सरकारी अधिकारियों से लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं के अलावा स्कूली बच्चों में भी इस क्रूज को देखने के लिए काफी उत्साह था.
50 जगहों पर होगा क्रूज का ठहरावः क्रूज से 3210 किलोमीटर का सफर लगभग 51 दिनों में तय होगा. 62 पॉइंट 5 मीटर लंबे और 12 पॉइंट 8 मीटर चौड़े गंगा विलास क्रूज में 40000 लीटर का फ्यूल टैंक 60000 लीटर का वाटर टैंक है. इस क्रूज का रूट वाराणसी और गाजीपुर होते हुए बक्सर, छपरा, पटना, मुंगेर और भागलपुर के सुल्तानपुर, बंगाल से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ तक होगा. इस दौरान अलग-अलग शहरों में इसका लगभग 50 जगहों पर इसका ठहराव होगा.
सुविधाओं से लैस है गंगा विलास क्रूजः आपको बता दें कि गंगा बिलास में 18 कमरे हैं और ओपन स्पेस बालकनी 40 सीटर रेस्टोरेंट्स रूम और स्टडी रूम है एसी इंटरनेट ग्रुप स्पा सुविधा युक्त सैलून है. यात्रा 51 दिनों की है उसके लिए गीत, संगीत, लाइब्रेरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था है. इसके अलावा जीम, स्पा सेंटर, लेक्चर हाउस, लाइब्रेरी और टेलीविजन की भी सुविधा है. यह एक तरह से देश की सबसे बड़ी नदी यात्रा होगी जो लगभग 2 महीने के लंबे सफर के दौरान भारत और बांग्लादेश में 27 नदियों से होकर गुजरेगा.