सारण: जिले के सोनपुर अनुमंडल मे स्थित गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम मंदिर की पहचान पूरे देश में है. इस मंदिर को नौलखा मंदिर के नाम से पुकारा जाता है. यह मंदिर नारायणी नदी और गंगा के पवित्र संगम पर स्थित है. कहा जाता है कि इसी जगह पर गज और ग्राह की लड़ाई हुई थी.
गजेन्द्र मोक्ष की स्थापना
मंदिर पुजारी ने बताया कि इसी स्थान पर गजेन्द्र मोक्ष की स्थापना की गयी है. मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें दक्षिण भारत के मंदिरों की झलक दिखाई पड़ती है. यहां के विशाल द्वार पूरी तरह से दक्षिण भारत के मंदिरों की तर्ज पर बने हुये है. इन प्रवेश द्वारों को राज गोपरम कहा जाता है. इस मंदिर के निर्माण के लिये अमरेन्द्र नारायण सिंह ने स्वामी ट्री दंडी महराज को 10 कट्ठा जमीन दिया था.
बाला जी वेंकटेश की मुख्य प्रतिमा
मंदिर का निर्माण कार्य साल 1993 में शुरू हुआ था. फिर 1999 में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया. इस मंदिर मे बाला जी वेंकटेश की मुख्य प्रतिमा है. वहीं, मंदिर की महत्ता यह है कि यह अपने आप मे पूरी तरह से दक्षिण भारत के मंदिर की प्रति मूर्ति के रुप में दिखाई पड़ता है.