छपरा: जिलाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने जिले के गरखा प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्र और कई गांव में लगी फसल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने गेंहू की कटाई भी की. वहीं, निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए.
इस निरीक्षण के दौरान डीएम ने जिले में होने वाली टमाटर, स्ट्रॉबेरी और मशरूम की खेती का भी जायजा लिया. वहीं, कटनी के बाद उन्होंने रैंडम तालिका स्तंभ के आधार पर खेत में 10 मीटर लंबाई और 5 मीटर चौड़ाई के आयताकार प्रयोगात्मक खंड का निर्धारण किया.
इस खंड में लगे गेहूं के फसल की कटाई की गई. कटाई के बाद गेहूं का वजन किया गया, जो कि 23 किलो 134 ग्राम हुआ. इसी के आधार पर प्रति हेक्टेयर गेहूं की उत्पादकता 24 क्विंटल 25 किलोग्राम आंकी गई.
'गेहूं फसल कटनी प्रयोग का आयोजन'
जिला सांख्यिकी कार्यालय की ओर से प्रदत आयोजन सूची और रैंडम नंबर के आधार पर राजस्व कर्मचारी और अमीन ने गरखा पंचायत के फरुसा पंचायत में स्थल निर्धारण नक्शे की सहायता से किया. बता दें कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत बीमित फसल की क्षतिपूर्ति और उत्पादकता दर को निर्धारित करने के लिए अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय की ओर से गेहूं फसल कटनी प्रयोग आयोजित किया जाता है.
डी. नारायण फ्रेश मशरूम फर्म का निरीक्षण
इसके बाद डीएम ने साधपुर पंचायत में अखिल भारतीय समन्वित मशरूम अनुसंधान परियोजना के तहत सरकार की ओर से अनुदानित डी. नारायण फ्रेश मशरूम फर्म में किए गए स्ट्रॉबेरी और मशरूम की खेती का निरीक्षण किया. उन्होंने किसानों को अपना व्यापार बढ़ाने के लिए आवश्यक जानकारी दी.
स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण
फसल निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने गरखा प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को टीकाकरण कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया. साथ ही अधिक से अधिक केंद्रों पर टीकाकरण शुरू करने का निर्देश दिया.