सारण: जिला महापुरुषों की धरती रही है. इस जिले के लोगों ने हर विधा में महारत हासिल किया है. देश की राजनीति से लेकर संगीत की दुनिया में भी यहां के लोगों ने अपना परचम लहराया है. स्वत्रंत भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसी जिले के थे. वहीं, इस बार महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करती हुई जिले की एक बेटी दिव्या शक्ति ने यूपीएससी परीक्षा में 79वां रैंक लाया है.
बता दें कि समाजवादी नेता लोकनायक जय प्रकाश नारायण, राहुल सांस्कृत्यायन, मौलाना मजहरूल हक और भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले लोक कवि भिखारी ठाकुर, हिंदी फिल्मों के गीतकार चित्रगुप्त के साथ विदेशों और देश के कई राज्यों में अपनी शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर और सैन्य अधिकारी भी इसी सारण जिले से आते हैं.
गांव में भव्य स्वागत
सारण की बेटी दिव्या शक्ति के यूपीएससी में सफल होने से पूरे जिले के लोगों में काफी खुशी है. जिले के जलाल पुर प्रखण्ड स्थित कोठेया गांव की रहने वाली दिव्या शक्ति जब आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने गांव पहुंची तो लोगों ने इनका भव्य स्वागत किया. दिव्या शक्ति ने मात्र 27 साल की उम्र में और दूसरे प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास कर ली.
साफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर की तैयारी
ईटीवी भारत से खास बातचीत में दिव्या ने बताया कि उनके पिता बेतिया में चिकित्सा पदाधिकारी थे. फिलहाल उनका परिवार मुजफ्फरपुर में रहता है. मुजफ्फरपुर से ही प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद वो बोकारो से शिक्षा हासिल करने के बाद साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने बिट्स पलानी चली गई और दो साल तक एक अमेरिकी कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर रहने के बाद उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी. उसके बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और दूसरे प्रयास में वो सफल हुई.
'पूरा गांव है गौरवान्वित'
दिव्या शक्ति के पिता डॉ. धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बेटी की उपलब्धि से वे बहुत ही खुश है. वहीं, उसकी इस सफलता से पूरा गांव गौरवान्वित है. दिव्या काफी मिलनसार, हंसमुख और शांत स्वभाव की है. उन्हें हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही अपनी मातृभाषा भोजपुरी पर भी अच्छी पकड़ है. दो भाई और बहनों में दिव्या छोटी है.