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छपराः JPU में दीक्षांत समारोह सम्पन्न, 29 साल में यह चौथा मौका

विश्वविद्यालय में हुए दीक्षांत समारोह की जानकारी के अभाव में बहुत से छात्र शैक्षणिक प्रमाण पत्र से वंचित रह गए.

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Published : May 30, 2019, 9:39 AM IST

दीक्षांत समारोह में बोलते कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह

छपराः जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा का चौथा दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक समाप्त हो गया. विश्वविद्यालय के 29 साल के कार्यकाल में यह चौथा दीक्षांत समारोह था. वहीं, जानकारी के अभाव में बहुत से ऐसे छात्र हैं, जो अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र लेने से वंचित हो गए. इस सिलसिले में ख्याति प्राप्त राजेन्द्र कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक कुमार वीरेश्वर सिन्हा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
'हर साल हो दीक्षांत समारोह'
पूर्व प्राध्यापक कुमार वीरेश्वर सिन्हा ने कहा कि दीक्षांत समारोह का आयोजन हर साल होना चाहिए. तभी छात्रों में उत्साहवर्धन होगा और पढ़ाई के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ेगा. इसके लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को समय से पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम देने होंगे.

'समय पर मिलना चाहिए प्रमाण पत्र'
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों का सपना होता है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद शैक्षणिक प्रमाण पत्र समय से मिले और दीक्षांत समारोह का आयोजन हो, क्योंकि दीक्षांत समारोह के आयोजन पर विश्वविद्यालय की गरिमा के साथ ही छात्रों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है.

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पूर्व प्राध्यापक वीरेश्वर सिन्हा से बातचीत

2013-15 सेशन के छात्रों को मिली डिग्री
उन्होंने दीक्षांत समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि समारोह में कुलाधिपति सह महामहिम राज्यपाल लाल जी टंडन ने भी अपने संबोधन में कहा कि परीक्षा कैलेंडर के अनुरूप समय पर नामांकन, परीक्षा और दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के द्वारा किया जाना चाहिए. जबकि जेपीयू ने अपने दीक्षांत समारोह में 2013-15 वर्ष के छात्रों को डिग्री दी है, जबकि ऐसा नही होना चाहिए.

राजभवन की पहल पर पूरा हुआ सपना
मालूम हो कि दीक्षांत समारोह के दौरान 190 पीएचडी डिग्री का वितरण किया गया है और लगभग 230 स्नातकोत्तर की डिग्रियां बांटी गई हैं. जानकारी के अभाव में बहुत से ऐसे छात्र हैं, जो अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र लेने से वंचित हो गए है. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने कहा था कि इस दीक्षांत समारोह के आयोजन में इस विश्वविद्यालय की कोई उपलब्धि नहीं है और जो भी उपलब्धि है वह राजभवन की है. तभी यह सपना पूरा हुआ है.

छपराः जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा का चौथा दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक समाप्त हो गया. विश्वविद्यालय के 29 साल के कार्यकाल में यह चौथा दीक्षांत समारोह था. वहीं, जानकारी के अभाव में बहुत से ऐसे छात्र हैं, जो अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र लेने से वंचित हो गए. इस सिलसिले में ख्याति प्राप्त राजेन्द्र कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक कुमार वीरेश्वर सिन्हा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
'हर साल हो दीक्षांत समारोह'
पूर्व प्राध्यापक कुमार वीरेश्वर सिन्हा ने कहा कि दीक्षांत समारोह का आयोजन हर साल होना चाहिए. तभी छात्रों में उत्साहवर्धन होगा और पढ़ाई के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ेगा. इसके लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को समय से पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम देने होंगे.

'समय पर मिलना चाहिए प्रमाण पत्र'
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों का सपना होता है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद शैक्षणिक प्रमाण पत्र समय से मिले और दीक्षांत समारोह का आयोजन हो, क्योंकि दीक्षांत समारोह के आयोजन पर विश्वविद्यालय की गरिमा के साथ ही छात्रों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है.

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पूर्व प्राध्यापक वीरेश्वर सिन्हा से बातचीत

2013-15 सेशन के छात्रों को मिली डिग्री
उन्होंने दीक्षांत समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि समारोह में कुलाधिपति सह महामहिम राज्यपाल लाल जी टंडन ने भी अपने संबोधन में कहा कि परीक्षा कैलेंडर के अनुरूप समय पर नामांकन, परीक्षा और दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के द्वारा किया जाना चाहिए. जबकि जेपीयू ने अपने दीक्षांत समारोह में 2013-15 वर्ष के छात्रों को डिग्री दी है, जबकि ऐसा नही होना चाहिए.

राजभवन की पहल पर पूरा हुआ सपना
मालूम हो कि दीक्षांत समारोह के दौरान 190 पीएचडी डिग्री का वितरण किया गया है और लगभग 230 स्नातकोत्तर की डिग्रियां बांटी गई हैं. जानकारी के अभाव में बहुत से ऐसे छात्र हैं, जो अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र लेने से वंचित हो गए है. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने कहा था कि इस दीक्षांत समारोह के आयोजन में इस विश्वविद्यालय की कोई उपलब्धि नहीं है और जो भी उपलब्धि है वह राजभवन की है. तभी यह सपना पूरा हुआ है.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
MOJO KIT NUMBER:-577
SLUG:-CONVOCATION TIME TO TIME HONA CHAHIYE
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/SARAN/BIHAR

Anchor:-दीक्षांत समारोह का आयोजन प्रतिवर्ष होना चाहिए तभी छात्रों में उत्साह वर्धन होगा और पढ़ाई के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ेगा इसके लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को समय से पढ़ाई, परीक्षा व परिणाम देने पड़ेगा.

उक्त बातें जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रीमियर कॉलेज के रूप में ख्यातिप्राप्त राजेन्द्र कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक कुमार वीरेश्वर सिन्हा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कही.


Body:हालांकि किसी भी विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों का सपना होता हैं कि पढ़ाई पूरी करने के बाद शैक्षणिक प्रमाण पत्र ससमय मिले और दीक्षांत समारोह का आयोजन हो क्योंकि दीक्षांत समारोह के आयोजन पर विश्वविद्यालय की गरिमा के साथ ही छात्रों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता हैं.

दीक्षांत समारोह के आयोजन के दौरान कुलाधिपति सह महामहिम राज्यपाल लाल जी टंडन ने अपने संबोधन में कहा भी था कि अकादमिक व परीक्षा कैलेंडर के अनुरूप समय पर नामांकन, परीक्षा का आयोजन, परीक्षाफल का प्रकाशन व डिग्री वितरण के लिए ही दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के द्वारा किया जाता हैं जबकि जेपीयू ने अपने दीक्षांत समारोह में 2013-15 वर्ष के छात्रों को डिग्री दी गई हैं लेकिन ऐसा नही होना चाहिए.

byte:-प्रो कुमार वीरेश्वर सिन्हा, पूर्व प्राध्यापक, राजेंद्र कॉलेज, छपरा


Conclusion:मालूम हो कि दीक्षांत समारोह के दौरान 190 पीएचडी डिग्री का वितरण किया गया हैं और लगभग 230 स्नातकोत्तर के छात्रों के बीच डिग्रीयां बांटी गई हैं.

जानकारी के अभाव में बहुत से ऐसे छात्र हैं जो अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र लेने से वंचित हो गए है. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरिकेश सिंह ने कहा था कि इस दीक्षांत समारोह के आयोजन में इस विश्वविद्यालय की कोई उपलब्धि नही है और जो भी हैं वह राजभवन की हैं तभी यह सपना पूरा हुआ है.

हालांकि कुलाधिपति ने कहा था कि उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को इसके सम्बंध में जल्द से जल्द पहल करने के लिए लिखा गया हैं.
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