सारण: कहा जाता है कि लड़कियां पराया धन होती है, लेकिन आज के इस भौतिकवादी युग में लड़कियों ने पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने का जो प्रयास किया है, लड़कियां अब घर की दहलीज से निकलकर देश के दुश्मनों से हथियार उठाकर मुकाबला करने में भी सक्षम हैं. लड़कियों ने बेटा और बेटी में फर्क करने वाले लोगों को यह संदेश भी दिया है कि बेटी किसी से कम नहीं है. सारण में बेटी ने मां का अंतिम संस्कार किया (Daughter performs her mother funeral) और एक अनूठी मिसाल पेश की है.
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छपरा के साहेबगंज सोनार पट्टी में एक बेटी राजनंदनी ने अपनी माता का अंतिम संस्कार (Mother Funeral in Saran) पूरी विधि विधान से किया है. लड़की के नाना सुरेश प्रसाद ने बताया कि लड़की द्वारा मां को मुखाग्नि देने को लेकर मोहल्ले और आसपास के लोगों ने विरोध किया, लेकिन समझाने के बाद सभी सहमत हो गए. आज के जमाने में लड़का और लड़की में कोई अंतर नहीं है. राजनंदनी ने मुखाग्नि देकर समाज को नया संदेश दिया है.
राजनंदनी ने बताया कि मां पिछले दो साल से बीमार थी. लंबे समय से बीमार चल रही मां ने अपनी मृत्यु के बाद बेटी के हाथों ही मुखाग्नि देने की बात कही थी. अपनी मां की इच्छा को पूरा करते हुए राजनंदनी ने उन्हें मुखाग्नि दी. इसके साथ ही वो मां के मृत्यु के बाद किये जाने वाले सभी संस्कार भी कर रही हैं.
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बता दें कि अनूठी मिसाल पेश करने वाली राजनंदनी के पिता और बहन की मौत पहले ही हो चुकी है. अब परिवार में अकेली राजनंदनी ही है. राजनंदनी के पिता मनोज गुप्ता की 6 साल पहले ही मौत हो गई थी. पिता की मौत से 3 साल पहले एक बहन की भी मौत हो चुकी है. राजनंदनी के परिवार में अब सिर्फ मां ही बची थी, लेकिन मां की मौत के बाद अब वो अपने रिश्तेदारों के साथ रहेगी.
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