सारण(छपरा): जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिस तरह से तेजी से जांच हो रही है वैसे ही पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार कमी भी देखी जा रही है. लेकिन इन सबके बीच कोरोना संक्रमण से उबर चुके व्यक्तियों को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर विभाग की ओर से लगातार जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर हो रहे सामाजिक भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने की पहल शुरू की है. वीडियो के माध्यम से कोरोना संक्रमण से उबर चुके व्यक्तियों के साथ भेदभाव नहीं करने का संदेश दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि कोरोना संक्रमण से उबर चुके व्यक्तियों के साथ सामाजिक भेदभाव नहीं करें. बल्कि उनके और उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति रखें.
6 फीट की दूरी और मास्क जरूरी
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बता कि कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए 6 फीट की दूरी और मास्क का उपयोग बहुत ही जरूरी है. इसलिए मास्क का उपयोग अवश्य करें. एक दूसरे के बीच 6 फीट का शारीरिक दूरी भी अपनाएं. आपकी सुरक्षा पूरी तरह से आपके हाथों में है. इसलिए अपनी आंख नाक और मुंह को छूने से बचे। अपने हाथ को साबुन और पानी से नियमित तौर पर अच्छी तरह से धोएं. सिविल सर्जन ने बताया कोविड-19 रूप व्यवहारों को हर समय पालन करें और अपने आस-पास के लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाएं. उन्होंने कहा कि करोना की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है. कोविड-19 से स्वयं को सुरक्षित रखने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है कि हम मास्क लगाएं और सभी से 2 गज की दूरी बनाकर रखें.
सम्मानजनक व्यवहार जरूरी-सीएस
सिविल सर्जन ने बताया कि किसी व्यक्ति के संक्रमित हो जाने के बाद उनके साथ सामाजिक भेदभाव हो रहा है तो यह गलत है. समाज में इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि संक्रमित के ठीक होने के उपरांत उनसे सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए. डॉ. ने कहा कि मरीजों को बीमारी फैलाने का जिम्मेदार ठहराकर उनका सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है यह गलत है. इसके कारण लोग अपनी समस्याएं छिपाते हैं इसलिए किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए.