सारण: बिहार के छपरा (Chapra) में एसआईटी के दारोगा मिथिलेश सिंह हत्याकांड (Murder Case) में पुलिस ने फरार चल रहे दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए 50-50 हजार रुपये का इनाम रखा है. दरअसल, अगस्त 2019 में छपरा के मरहौरा थाना क्षेत्र में एसआईटी के दारोगा मिथिलेश सिंह और पूरी एसआईटी की टीम पर स्टेनगन और कार्बाइन से हमला किया था.
ये भी पढ़ें- सावधान! पहले बुक करते हैं लग्जरी कार, फिर चालक की हत्या कर गाड़ी लूटकर हो जाते हैं फरार
एसआईटी दारोगा हत्याकांड
हमले के बाद आरोपी घायल एसआईटी के जवानों के हथियार भी अपने साथ लेते गए थे, जिसमें एसआईटी के दारोगा मिथिलेश सिंह और सिपाही फारूक अली ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि एक अन्य सिपाही बुरी तरह से इस गोलीकांड में जख्मी हो गया था.
कई आरोपी गिरफ्तार, 2 फरार
इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों में काफी भय का माहौल बन गया था. मामले में पुलिस विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की और कई अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था. वहीं, कुख्यात और मास्टरमाइंड अपराधी सुबोध सिंह इस कांड के बाद से कई सालों से फरार चल रहा था और पिछले नवम्बर 2020 में उसने भी आत्मसमर्पण कर दिया था.
जिला परिषद अध्यक्ष ने किया था सरेंडर
इस हत्याकांड में छपरा की जिला परिषद अध्यक्ष मीणा अरुण और उनके पति अरुण सिंह का भी नाम आया था और जिला अध्यक्ष ने बकायदा इस मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था. वे कई महीनों तक जेल में रही थी और उनके पति पहले से ही दोहरे हत्याकांड में बलिया जेल में बंद थे और अभी कुछ दिन पहले जेल से बेल मिलने के बाद बाहर आए हैं, जबकि सुबोध सिंह मीणा अरुण के पति के बड़े भाई का बेटा है.
ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: निर्माणाधीन मकान से मिला युवक का शव, हत्या की आशंका
फिलहाल, एसआईटी दारोगा हत्याकांड में एक बार फिर सुबोध सिंह की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही इस मामले में चल रहे दो फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छपरा पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम भी रखा है. फरार दोनों अभियुक्तों के नाम बिट्टू सिंह और राजेश सिंह हैं.