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सरकारी उदासीनता का शिकार छपरा बस स्टैंड, पढ़िए आंखों देखी रिपोर्ट - Government Bus Stand Ram Bharosa

जिला मुख्यालय का सरकारी बस स्टैंड का हाल राम भरोसे है. दिन के 11 बजे तक बस स्टैंड के कंट्रोल रूम में ताला लटका हुआ था. वहीं, बस स्टैंड अधीक्षक भी गैर मौजूद दिखे.

छपरा
छपरा का सरकारी बस स्टैण्ड भगवान भरोसे
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Published : Nov 28, 2020, 10:34 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 6:08 PM IST

सारण (छपरा): जिला मुख्यालय का सरकारी बस स्टैंड का हाल राम भरोसे है. यहां यात्रियों के हंगामे के बाद ही प्रशासन की निंद्रा खुलती है. शनिवार को सरकारी बस स्टैंड का नजारा बिल्कुल वैसा ही देखने को मिला. दिन के 11 बजे तक बस स्टैंड के कंट्रोल रूम में ताला लटका हुआ था. वहीं, बस स्टैंड अधीक्षक कार्यालय में अधीक्षक भी गैरमौजूद पाए गए.

जब इस बाबत कार्यालय में काम कर रहे कर्मचारी संजय कुमार से पूछा गया तो अधीक्षक 10:30 तक कार्यालय आ जाते हैं. इस दौरान कुछ यात्री ने पत्रकारों को देखकर अपनी व्यथा बताना शुरू कर दिया. यात्रियों का कहना था कि वे जब भी आते हैं तो कोई जवाब देने वाला नहीं होता है. उन्होने कहा कि 'बस आ गई है तो ठीक है और नहीं तो इंतजार करते रहिए'. वहीं बस स्टैंड में यात्रियों के हंगामे को देखते हुए बस स्टैंड अधीक्षक संतोष कुमार आनन-फानन में बस स्टैंड पहुंचे.

छपरा
अव्यवस्था का आलम

परिचालन का उद्घोषण भी बंद है
यात्रियों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि स्टैंड के कंट्रोल रूम में तालाबंदी ही एक समस्या नहीं है यहां बसों के परिचालन का उद्घोषण भी कोरोना काल से बंद पड़ा हुआ है. जिसके बाद यात्रियों को बसों के विषय में ना तो कोई बताने वाला होता है और ना की बसों के परिचालन का उद्घोषण ही होता है. जिससे आए दिन बसों के पूछताछ को लेकर स्टैंड में हंगामा खड़ा होता है. वहीं, बस स्टैंड में मौजूद किसी कर्मचारी से बस के विषय में पूछने पर वे यात्रियों पर ही तेवर दिखाने लग जाते हैं.

छपरा का सरकारी बस स्टैण्ड राम भरोसे

स्टैंड अधिकारी कोविड नियमों का कर रहे उल्लंघन
एक तरफ करोना काल संक्रमण में लगातार बढ़ रहा है. प्रशासनिक अधिकारी मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना वसूल रहे हैं. दूसरी तरफ बस स्टैंड के कर्मचारी धड़ल्ले से कोविड नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

सारण (छपरा): जिला मुख्यालय का सरकारी बस स्टैंड का हाल राम भरोसे है. यहां यात्रियों के हंगामे के बाद ही प्रशासन की निंद्रा खुलती है. शनिवार को सरकारी बस स्टैंड का नजारा बिल्कुल वैसा ही देखने को मिला. दिन के 11 बजे तक बस स्टैंड के कंट्रोल रूम में ताला लटका हुआ था. वहीं, बस स्टैंड अधीक्षक कार्यालय में अधीक्षक भी गैरमौजूद पाए गए.

जब इस बाबत कार्यालय में काम कर रहे कर्मचारी संजय कुमार से पूछा गया तो अधीक्षक 10:30 तक कार्यालय आ जाते हैं. इस दौरान कुछ यात्री ने पत्रकारों को देखकर अपनी व्यथा बताना शुरू कर दिया. यात्रियों का कहना था कि वे जब भी आते हैं तो कोई जवाब देने वाला नहीं होता है. उन्होने कहा कि 'बस आ गई है तो ठीक है और नहीं तो इंतजार करते रहिए'. वहीं बस स्टैंड में यात्रियों के हंगामे को देखते हुए बस स्टैंड अधीक्षक संतोष कुमार आनन-फानन में बस स्टैंड पहुंचे.

छपरा
अव्यवस्था का आलम

परिचालन का उद्घोषण भी बंद है
यात्रियों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि स्टैंड के कंट्रोल रूम में तालाबंदी ही एक समस्या नहीं है यहां बसों के परिचालन का उद्घोषण भी कोरोना काल से बंद पड़ा हुआ है. जिसके बाद यात्रियों को बसों के विषय में ना तो कोई बताने वाला होता है और ना की बसों के परिचालन का उद्घोषण ही होता है. जिससे आए दिन बसों के पूछताछ को लेकर स्टैंड में हंगामा खड़ा होता है. वहीं, बस स्टैंड में मौजूद किसी कर्मचारी से बस के विषय में पूछने पर वे यात्रियों पर ही तेवर दिखाने लग जाते हैं.

छपरा का सरकारी बस स्टैण्ड राम भरोसे

स्टैंड अधिकारी कोविड नियमों का कर रहे उल्लंघन
एक तरफ करोना काल संक्रमण में लगातार बढ़ रहा है. प्रशासनिक अधिकारी मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना वसूल रहे हैं. दूसरी तरफ बस स्टैंड के कर्मचारी धड़ल्ले से कोविड नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 15, 2020, 6:08 PM IST
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