छपरा: बिहार के छपरा में बीजेपी प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी (BJP Speaker Meet Rajiv Pratap Rudy) ने तरैयां प्रखंड के हसनपुर बनिया से सगुनी तक तटबंध (Embankment From Hasanpur Bania to Saguni)बनाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से जलजमाव और वहां किसानों की कृषि को प्रभावित करता है. अब इस समस्या के स्थायी निदान के लिए सारण सांसद सह बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी की पहल पर नये तटबंध का निर्माण होने वाला है.
तरैया में तटबंध बनाने के लिए जल्द करें काम: सांसद रुडी ने बताया कि तरैयां से उनका अटूट नाता है. वहां के नागरिकों से उनको अपार स्नेह और प्रेम मिलता है. स्थानीय लोगों के संपर्क में आने के बाद उनकी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दिया और परिणाम यह है कि स्थानीय लोगों को अब लगभग 60 करोड़ की लागत से एक नये तटबंध का लाभ मिलने वाला है. सांसद ने बताया कि बिहार राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद द्वारा सारण जिला के तरैया प्रखंड में हसनपुर बनिया से सगुनी तक कुल 8.23 किलोमीटर की लंबाई में सुरक्षात्मक कार्य सहित नये तटबंध का निर्माण कराया जायेगा. जिसकी अनुमानित लागत लगभग 60 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि लागत में 50 प्रतिशत राशि भूमि अधिग्रण के लिए रखी गई है. जो स्थानीय रैयतों को उनकी भूमि के बदले दी जाएगी.
सेवा के लिए तत्पर: सांसद रुडी ने बताया कि उनका मानना है कि जन सेवा के लिए चुनाव क्षेत्र मायने नहीं रखते. यदि आप सक्षम है तो उनकी सेवा में चूक न करे. उन्होंने कहा कि कृषि योग्य भूमि और किसानों की फसलों को बचाने के लिए यह आवश्यक हो गया. उक्त स्थान पर तटबंध का निर्माण हो जिसकी स्वीकृति प्राप्त हो गई है. सांसद ने जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय झा एवं विभाग के सचिव को इस मामले में पत्राचार भी किया. इसके साथ ही व्यक्तिगत मुलाकात कर जनता की कठिनाईयों को देखते हुए तटबंध निर्माण कराने की बात कही थी. सबसे पहले संसदीय राजनीति में तरैयां विधानसभा क्षेत्र से जीतकर बिहार विधानसभा के सदस्य बने थे. अभी वे सारण लोकसभा का प्रतिनिधित्व लोकसभा में कर रहे है. इस क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र छपरा, अमनौर, गरखा, परसा, मढ़ौरा और सोनपुर पड़ता है. इसके बावजूद भी यहां तरैया के लोगों का स्नेह मिलता रहता है.
तटबंध से होगा किसानों के जमीन का बचाव: सांसद ने बताया कि तटबंध निर्माण की यह योजना सारण और विशेषकर तरैया की निवासियों के लिए एक बड़ी योजना है. किसानों की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जो बाढ़ के पानी से जलमग्न हो जाती थी. इस तटबंध के निर्माण के बाद उसका बचाव होगा. साथ ही नीलगाय से भी उनकी फसलों का बचाव हो सकेगा. कृषि योग्य भूमि का सही जल स्तर का फसलों की वृद्धि एवं मृदा गुणों को संतुलित रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका होता है. किन्तु यही जल यदि आवश्यकता से अधिक हो जाए तब मृदा के गुणों के साथ-साथ-फसलों की उत्पादकता को भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है.