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सारण: शिक्षकों ने बैठक कर 'समान काम, समान वेतन' पर बनाई आगे की रणनीति - शिक्षा

बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की सारण जिला इकाई ने एक बैठक की. इसमें विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई.

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Published : May 18, 2019, 9:00 PM IST

सारण: बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को 'समान काम, समान वेतन' देने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 10 मई को निरस्त कर दिया था. इसको लेकर प्रदेश के सभी शिक्षक संघों ने विभिन्न जिलों में बैठक कर एक कमिटी गठन कर आगे की रणनीति तैयार करने की बात कही है. इसी क्रम में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की सारण जिला इकाई ने एक बैठक की. इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई.

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राहत नहीं दी है और उन्होंने बिहार सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया. जबकि पटना उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया गया है.

सारण से खास रिपोर्ट

'शैक्षणिक कार्यों के अलावा शिक्षक नहीं करेंगे कोई काम'
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की जिला इकाई के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार सिंह, महासचिव संतोष सुधाकर और संरक्षक विश्वजीत सिंह चंदेल ने संयुक्त रूप से कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा जो आदेश जारी किया गया है, उससे हम लोग मर्माहत हैं. लेकिन हम लोग उसको सहर्ष स्वीकार करते हैं. लेकिन बिहार के सभी शिक्षक अब अपने शैक्षणिक कार्यों के अलावे कोई भी कार्य नहीं करेंगे.

क्या है मामला
31 अक्टूबर 2017 को उच्च न्यायालय पटना ने सुनवाई करते हुए बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन देने का आदेश जारी किया था. लेकिन बिहार सरकार ने इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि राज्य सरकार पर प्रति वर्ष लगभग 9500 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ रहा है. इसी पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार के पक्ष में अपना फैसला दिया था.

सारण: बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को 'समान काम, समान वेतन' देने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 10 मई को निरस्त कर दिया था. इसको लेकर प्रदेश के सभी शिक्षक संघों ने विभिन्न जिलों में बैठक कर एक कमिटी गठन कर आगे की रणनीति तैयार करने की बात कही है. इसी क्रम में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की सारण जिला इकाई ने एक बैठक की. इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई.

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राहत नहीं दी है और उन्होंने बिहार सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया. जबकि पटना उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया गया है.

सारण से खास रिपोर्ट

'शैक्षणिक कार्यों के अलावा शिक्षक नहीं करेंगे कोई काम'
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की जिला इकाई के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार सिंह, महासचिव संतोष सुधाकर और संरक्षक विश्वजीत सिंह चंदेल ने संयुक्त रूप से कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा जो आदेश जारी किया गया है, उससे हम लोग मर्माहत हैं. लेकिन हम लोग उसको सहर्ष स्वीकार करते हैं. लेकिन बिहार के सभी शिक्षक अब अपने शैक्षणिक कार्यों के अलावे कोई भी कार्य नहीं करेंगे.

क्या है मामला
31 अक्टूबर 2017 को उच्च न्यायालय पटना ने सुनवाई करते हुए बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन देने का आदेश जारी किया था. लेकिन बिहार सरकार ने इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि राज्य सरकार पर प्रति वर्ष लगभग 9500 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ रहा है. इसी पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार के पक्ष में अपना फैसला दिया था.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
MOJO KIT NUMBER:-577
SLUG:-SAMAN KARY SAMAN VETAN KO LEKAR BATCHIT
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/SARAN/BIHAR

Anchor:-बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को समान कार्य समान वेतन के लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा विगत 10 मई को निरस्त कर दिया गया हैं वही बिहार के सभी शिक्षक संघो ने विभिन्न जिलों में अलग-अलग बैठक आयोजित कर एक कमिटी गठन कर आगे की रणनीति तैयार करने की बात बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की सारण जिला इकाई के द्वारा एक बैठक की गई जिसमें विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।


Body:बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला इकाई के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार सिंह, महासचिव संतोष सुधाकर व संरक्षक विश्वजीत सिंह चंदेल ने संयुक्त रूप से कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा जो आदेश जारी किया गया है उसका हमलोग सहर्ष स्वीकार करते हैं लेकिन बिहार के सभी शिक्षक अब अपने शैक्षणिक कार्यो के अलावे कोई भी कार्य नही करेंगे।

byte to byte:-
रविन्द्र कुमार सिंह, अध्यक्ष
संतोष सुधाकर, महासचिव
विश्वजीत सिंह चंदेल, संरक्षक


Conclusion:मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राहत नही दी हैं और कहा हैं कि बिहार सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया गया हैं जबकि पटना उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया गया हैं।

31 अक्टूबर 2017 को उच्च न्यायालय पटना ने सुनवाई करते हुए बिहार के लगभग चार नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन देने का आदेश जारी किया था लेकिन बिहार सरकार ने इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि राज्य सरकार पर प्रति वर्ष लगभग 9500 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ रहा है। अब देखना यह हैं कि बिहार के नियोजित शिक्षकों के द्वारा अपने संगठन के माध्यम से किस तरह से लड़ाई लड़ी जा रही हैं।
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