सारण: बिहार के छपरा में मशरख सीएचसी का बुरा हाल (Bad Condition Of Mashrakh CHC In Saran) है. अस्पताल परिसर में गंदगी फैली है, डॉक्टर बैठते नहीं हैं. मरीजों को इलाज का लाभ नहीं मिल पाता है. जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है. सोनौली पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि संतोष कुमार सिंह ने गुरुवार को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री बिहार, सारण जिलाधिकारी और निगरानी से जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है. गौरतलब है कि जिले के गरीब परिवारों को राज्य सरकार बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन ये योजनाएं भ्रष्टाचार और लूट-खसोट के आगे दम तोड़ रही हैं.
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'प्रभारी डॉ गोपाल कृष्ण यहां पर तीन दिनों के लिए प्रतिनियुक्त हैं जबकि वे मकेर में पदस्थापित हैं. वे कब आते हैं, कब चले जाते हैं, पता ही नहीं चलता है. उनके समय नहीं देने से अस्पताल और इलाज के लिए आए रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. एक चिकित्सक के ड्यूटी के दौरान अवांछनीय तत्वों का अड्डा बना रहता है. इलाज के लिए आए मरीजों का दोहन किया जाता है. स्थानीय दलालों के होने के कारण दबंगई से गरीब मरीज डरे रहते हैं, जिसका इलाज स्थानीय स्तर पर हो सकता है, उन मरीजों को इलाज करने की समस्या को लेकर रेफर कर दिया जाता है. विरोध करने पर जबरदस्ती अस्पताल से निकाल दिया जाता है.' - संतोष कुमार सिंह, सोनौली पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि
मशरख CHC की हालत खराब : गौरतलब है कि सूबे में कर्मियों की लापरवाही और दलालों के माध्यम से चढ़ावा नहीं चढ़ाने पर जरूरतमंद लोग योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं. मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी ऐसा ही भ्रष्टाचार और लूट-खसोट हावी है. मिली जानकारी के अनुसार यहां प्रभारी, स्वास्थ्य प्रबंधक और स्वास्थ्य कर्मचारियों की मनमानी चरम पर है. जिसमें पहले भी मारपीट की घटनाएं हुई है. प्रभारी, रोगी कल्याण समिति के फंड का दुरुपयोग कर अपने सुख-सुविधा के लिए करते हैं.
मशरख CHC में गरीबों का नहीं होता इलाज : कुछ दिनों पहले ही रंग रोगन और मरम्मत के नाम पर मशरख सीएचसी (Mashrakh CHC In Saran) में जबरदस्त लूट मचाई गई, जिसकी जांच-पड़ताल की स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं. वहीं सरकारी व्यवस्था है कि गर्भवती महिलाओं, मरीजों और भर्ती किए गए रोगियों को अल्पाहार, फल, दूध, ब्रेड और भोजन दिया जाए, पर मरीजों को चाय और गर्म पानी के लिए बाजार पर निर्भर रहना पड़ता है. पूर्व मुखिया प्रतिनिधि ने संबधित मंत्री और जिलाधिकारी सारण से मांग की है कि भ्रष्टाचार को दूर कर समुचित इलाज की व्यवस्था यहां सुदृढ़ की जाए.