सारण: कुछ लोग सिर्फ अपने लिए करते हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने किए से समाज की तस्वीर बदल देते हैं. ऐसा ही एक मामला जिले के रूपगंज से सामने आया है. जहां एक युवा सैंड आर्टिस्ट युवाओं को निःशुल्क तैराकी की ट्रेनिंग दे रहा है. क्योंकि बिहार में बाढ़ हो या छठ का त्योहार. गोताखोरों की कमी हर तरफ है.
जुनून की वजह से बने गोताखोर
यह सच है कि जब किसी इंसान के अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो वो कुछ अनोखा करके दिखाता है. कुछ इसी तरह सारण के युवा सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार कर रहे हैं. अशोक कुमार किसी भी इंसान को पानी में डूबते हुए देखते हैं, तो उसे बचाने के सारे प्रयास करते हैं. इसी जुनून की वजह से वो गोताखोर बन गये हैं.
तैराकी में सक्षम युवाओं का चयन
गोताखोर अशोक कम संसाधनों के दम पर ही 350 से ज्यादा रेस्क्यू कर सैकड़ों लोगों को डूबने से बचा चुके हैं. बहुत से शव नदी, तालाब और गड्ढों से निकाला है. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग प्रखंडों से तैराकी में सक्षम युवाओं का चयन किया है. अशोक और उनकी टीम के सदस्य नदी और तालाब में डूबते लोगों को बचाने और बड़े रेस्क्यू के लिए इन युवाओं को ट्रेंड कर रहे हैं.
तैराक को विशेष ट्रेनिंग
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अशोक ने बताया कि वह जिला आपदा प्रबंधन के लिए काफी दिनों से जिले में आयी कई आपदाओं में रेस्क्यू करते आ रहे हैं. इस बीच उन्होंने महसूस किया कि ज्यादातर तैराक तैरना तो जानते हैं लेकिन मुश्किल समय में गहरे पानी से डूबते हुए लोगों को नहीं बचा पाते. उन्हें कैसे बचाया जाये, इसकी जानकारी चयनित युवाओं को दी जा रही है. अशोक का कहना है कि जिले में इस समय प्रशिक्षित गोताखोरों की काफी कमी है. जो प्रशिक्षित हैं वह भी अपनी रोजी-रोटी के लिए हर समय घाटों के आस-पास नहीं रह पाते. जब भी कोई बड़ा हादसा होता है तो पटना या किसी दूसरी जगहों से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम के आने का इंतजार करना पड़ता है.
गांवों में निःशुल्क वर्कशॉप का आयोजन
अशोक ने बताया कि उनकी टीम गांवों में निःशुल्क वर्कशॉप आयोजित करेगी. जिसमें आसपास के बच्चों को रोजाना प्रशिक्षित करेगी. उनका कहना है कि सरकार से यदि उनकी टीम को बांस, रस्सी, जाल, लाइफ जैकेट, स्कूबा डाइविंग सेट, नाव आदि की मदद मिले तो वह एक मजबूत दल तैयार करेंगे. जो राज्य की बाढ़ आपदा में काम करेगी. वहीं, अशोक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ से एडवांस ट्रेंनिग लेने वाले गोताखोर हैं. जो स्कूबा डाइविंग में भी प्रशिक्षित हैं. साथ ही इनकी पहचान सैंड आर्टिस्ट और चित्रकार के रूप में भी है.