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समस्तीपुर: रोक के बावजूद सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी, स्वाद के नाम पर परोसा जा रहा सफेद जहर

केंद्र सरकार के एफएसएसआई ने 2018 को एक सर्कुलर जारी कर सफेद बर्फ के प्रयोग व उत्पादन पर रोक लगा दी थी. लेकिन इस पर अबतक अमल नहीं किया गया है. परिणाम यह है कि सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी है.

सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी
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Published : Aug 23, 2019, 11:27 AM IST

समस्तीपुर: जिले में सफेद बर्फ का धंधा फल-फूल रहा है. प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं होने के कारण नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. ऐसे में स्वास्थ्य के साथ भी जमकर खिलवाड़ हो रहा है. इसके इस्तेमाल से एक ओर जहां लोग बीमार पड़ रहे हैं वहीं संबंधित विभाग को ये भी जानकारी नहीं कि केंद्र सरकार ने सफेद बर्फ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी
केंद्र सरकार के एफएसएसआई ने 2018 को एक सर्कुलर जारी कर सफेद बर्फ के प्रयोग व उत्पादन पर रोक लगा दी थी. खाने के चीजों को अधिक दिनों तक ठंडा रखने के लिये नीले रंग का बर्फ इस्तेमाल करने को कहा गया था. लेकिन इस पर अबतक अमल नहीं किया गया है. परिणाम यह है कि सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी है.

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स्वाद के नाम पर परोसा जा रहा सफेद जहर

सफेद बर्फ के इस्तेमाल से होती है कई बीमारियां
बाजारों में इस बर्फ के टुकड़े को लोग मजे से इस्तेमाल कर रहे हैं. चिकित्सक के अनुसार ऐसे बर्फ के इस्तेमाल से लोग टायफायड, जौंडिस, बुखार और दस्त जैसी कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. ऐसी भी बात नहीं है कि कार्रवाई की जिम्मेवारी सिर्फ फूड व ड्रग ऑथरिटी की ही है. नगर निकाय को भी अपने क्षेत्रों में कार्रवाई करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है.

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नगर परिषद को नहीं है खबर

क्या कहते हैं नगर परिषद के सभापति
अकेले नगर में ही करीब आधे दर्जन से अधिक बर्फ फैक्ट्रियां सफेद बर्फ बनाने व बिक्री का धंधा कर रही है. लेकिन इस पर रोक लगाने के मामले में नगर निकाय उदासीन है. नगर परिषद के सभापति तारकेश्वर नाथ गुप्ता का कहना है कि सरकार की ओर से कोई चिट्ठी या आदेश नहीं आया है कि इसे बंद करना है. या अगर ये अवैध है तो उसपर कार्रवाई करनी है. नगर परिषद के सभापति का कहना है कि जब आदेश आयेगा तब इसपर कार्रवाई की जायेगी.

पेश है रिपोर्ट

गंदे व खराब पानी से तैयार होता है सफेद बर्फ
जिले भर में फैली बर्फ फैक्ट्रियां खाद्य पदार्थों को ठंडा करने के नाम पर इसकी बिक्री कर रही हैं लेकिन सच्चाई कुछ और है. गंदे व खराब पानी से सफेद बर्फ तैयार किया जाता है. बर्फ फैक्ट्री में भी साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता. सबसे खराब हालात मशीन की होती है जिसकी सफाई साल में एकबार विश्वकर्मा पूजा में ही होती है. बर्फ ले जाने के क्रम में भी इनकी शुद्धता का ख्याल नहीं रखा जाता. जैसे तैसे बोरा या प्लास्टिक से ढ़क कर ले जाया जाता है.

समस्तीपुर: जिले में सफेद बर्फ का धंधा फल-फूल रहा है. प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं होने के कारण नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. ऐसे में स्वास्थ्य के साथ भी जमकर खिलवाड़ हो रहा है. इसके इस्तेमाल से एक ओर जहां लोग बीमार पड़ रहे हैं वहीं संबंधित विभाग को ये भी जानकारी नहीं कि केंद्र सरकार ने सफेद बर्फ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी
केंद्र सरकार के एफएसएसआई ने 2018 को एक सर्कुलर जारी कर सफेद बर्फ के प्रयोग व उत्पादन पर रोक लगा दी थी. खाने के चीजों को अधिक दिनों तक ठंडा रखने के लिये नीले रंग का बर्फ इस्तेमाल करने को कहा गया था. लेकिन इस पर अबतक अमल नहीं किया गया है. परिणाम यह है कि सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी है.

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स्वाद के नाम पर परोसा जा रहा सफेद जहर

सफेद बर्फ के इस्तेमाल से होती है कई बीमारियां
बाजारों में इस बर्फ के टुकड़े को लोग मजे से इस्तेमाल कर रहे हैं. चिकित्सक के अनुसार ऐसे बर्फ के इस्तेमाल से लोग टायफायड, जौंडिस, बुखार और दस्त जैसी कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. ऐसी भी बात नहीं है कि कार्रवाई की जिम्मेवारी सिर्फ फूड व ड्रग ऑथरिटी की ही है. नगर निकाय को भी अपने क्षेत्रों में कार्रवाई करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है.

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नगर परिषद को नहीं है खबर

क्या कहते हैं नगर परिषद के सभापति
अकेले नगर में ही करीब आधे दर्जन से अधिक बर्फ फैक्ट्रियां सफेद बर्फ बनाने व बिक्री का धंधा कर रही है. लेकिन इस पर रोक लगाने के मामले में नगर निकाय उदासीन है. नगर परिषद के सभापति तारकेश्वर नाथ गुप्ता का कहना है कि सरकार की ओर से कोई चिट्ठी या आदेश नहीं आया है कि इसे बंद करना है. या अगर ये अवैध है तो उसपर कार्रवाई करनी है. नगर परिषद के सभापति का कहना है कि जब आदेश आयेगा तब इसपर कार्रवाई की जायेगी.

पेश है रिपोर्ट

गंदे व खराब पानी से तैयार होता है सफेद बर्फ
जिले भर में फैली बर्फ फैक्ट्रियां खाद्य पदार्थों को ठंडा करने के नाम पर इसकी बिक्री कर रही हैं लेकिन सच्चाई कुछ और है. गंदे व खराब पानी से सफेद बर्फ तैयार किया जाता है. बर्फ फैक्ट्री में भी साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता. सबसे खराब हालात मशीन की होती है जिसकी सफाई साल में एकबार विश्वकर्मा पूजा में ही होती है. बर्फ ले जाने के क्रम में भी इनकी शुद्धता का ख्याल नहीं रखा जाता. जैसे तैसे बोरा या प्लास्टिक से ढ़क कर ले जाया जाता है.

Intro:स्वाद के नाम पर जिले के लोग इस्तेमाल कर रहे सफेद जहर । दरअसल रोक के वाबजूद जिले में धड़ल्ले से चल रहे सफेद बर्फ का इस्तेमाल हो रहा खाने व पीने के चीजों पर । एक तरफ लोग हो रहे बीमार वंही दूसरी तरफ सम्बंधित विभाग को यह भी नही जानकारी की , क्या इसपर रोक लगी है ।


Body:केंद्र सरकार के एफएसएसआई ने 2018 में ही सफेद बर्फ के उत्पादन व उसके इस्तेमाल पर रोक लगा दिया था । साथ ही यह सर्कुलर भी जारी किया गया था की , कई खाने के चीजों को अधिक दिनों तक ठंडा रखने को लेकर सफेद नही नीले रंग के बर्फ का उत्पादन होगा । लेकिन रोक के बाबजूद अगर जिले के बाजारों पर गौर करे तो , इस सफेद बर्फ का इस्तेमाल धड़ल्ले से चल रहा । गंदे व खराब पानी के इस्तेमाल से तैयार हो रहे इस बर्फ फैक्ट्री में भी साफ सफाई को कोई ध्यान नही दिया जा रहा । यही नही इसके स्टोरेज की व्यवस्था तो और भी खराब है । लेकिन बाजारों में यह बर्फ के टुकड़े लोग मजे से इस्तेमाल कर रहे । चिकित्सक के अनुसार यैसे बर्फ के इस्तेमाल से लोग टायफायड , जोंडिस , बुखार , दस्त जैसे बीमारियों के आगोश में आते जा रहे । वैसे इसके रोकथाम की जिम्मेदारी फूड व ड्रग ऑथरिटी के साथ साथ नगर निकाय को भी है । लेकिन हाल देखिए , जंहा यैसे कई फैक्टी है , उस समस्तीपुर नगर परिषद के प्रशासन को इसके रोकथाम से जुड़ी कोई जानकारी ही नही ।

बाईट - तारकेश्वर नाथ गुप्ता , सभापति , समस्तीपुर नगर परिषद ।
बाईट - डॉ ज्ञानेंद्र , चिकित्सक ।


Conclusion:बहरहाल , हाल बताने को काफी है की , इसी लचर व्यवस्था के वजहों से यैसे सफेद जहर के कारोबारियों का व्यवसाय फल फूल रहा ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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