समस्तीपुर: जिले में सफेद बर्फ का धंधा फल-फूल रहा है. प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं होने के कारण नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. ऐसे में स्वास्थ्य के साथ भी जमकर खिलवाड़ हो रहा है. इसके इस्तेमाल से एक ओर जहां लोग बीमार पड़ रहे हैं वहीं संबंधित विभाग को ये भी जानकारी नहीं कि केंद्र सरकार ने सफेद बर्फ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.
सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी
केंद्र सरकार के एफएसएसआई ने 2018 को एक सर्कुलर जारी कर सफेद बर्फ के प्रयोग व उत्पादन पर रोक लगा दी थी. खाने के चीजों को अधिक दिनों तक ठंडा रखने के लिये नीले रंग का बर्फ इस्तेमाल करने को कहा गया था. लेकिन इस पर अबतक अमल नहीं किया गया है. परिणाम यह है कि सफेद बर्फ का धंधा धड़ल्ले से जारी है.
सफेद बर्फ के इस्तेमाल से होती है कई बीमारियां
बाजारों में इस बर्फ के टुकड़े को लोग मजे से इस्तेमाल कर रहे हैं. चिकित्सक के अनुसार ऐसे बर्फ के इस्तेमाल से लोग टायफायड, जौंडिस, बुखार और दस्त जैसी कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. ऐसी भी बात नहीं है कि कार्रवाई की जिम्मेवारी सिर्फ फूड व ड्रग ऑथरिटी की ही है. नगर निकाय को भी अपने क्षेत्रों में कार्रवाई करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है.
क्या कहते हैं नगर परिषद के सभापति
अकेले नगर में ही करीब आधे दर्जन से अधिक बर्फ फैक्ट्रियां सफेद बर्फ बनाने व बिक्री का धंधा कर रही है. लेकिन इस पर रोक लगाने के मामले में नगर निकाय उदासीन है. नगर परिषद के सभापति तारकेश्वर नाथ गुप्ता का कहना है कि सरकार की ओर से कोई चिट्ठी या आदेश नहीं आया है कि इसे बंद करना है. या अगर ये अवैध है तो उसपर कार्रवाई करनी है. नगर परिषद के सभापति का कहना है कि जब आदेश आयेगा तब इसपर कार्रवाई की जायेगी.
गंदे व खराब पानी से तैयार होता है सफेद बर्फ
जिले भर में फैली बर्फ फैक्ट्रियां खाद्य पदार्थों को ठंडा करने के नाम पर इसकी बिक्री कर रही हैं लेकिन सच्चाई कुछ और है. गंदे व खराब पानी से सफेद बर्फ तैयार किया जाता है. बर्फ फैक्ट्री में भी साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता. सबसे खराब हालात मशीन की होती है जिसकी सफाई साल में एकबार विश्वकर्मा पूजा में ही होती है. बर्फ ले जाने के क्रम में भी इनकी शुद्धता का ख्याल नहीं रखा जाता. जैसे तैसे बोरा या प्लास्टिक से ढ़क कर ले जाया जाता है.