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ऐसा क्यों है? बारिश के मौसम में हर साल समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर यातायात रहती है बाधित - Samastipur-Darbhanga rail section disrupted during the rainy season

बाढ़ के चलते मिथिलांचल के लाइफ लाइन के नाम से प्रसिद्ध समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन बंद है. यह पहली बार नहीं बंद हुआ है, इसके पूर्व भी बारिश के मौसम में यह रूट बाधित रहता है. जिससे लोगों को काफी दिक्कत का समाना करना पड़ता है.

समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड
समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड
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Published : Sep 8, 2021, 6:12 PM IST

समस्तीपुर: बिहार में बाढ़ के चलते समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड (Samastipur-Darbhanga Railway Line) पर ट्रेनों का संचालन बंद है. जिससे प्रतिदिन हजारों लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह पहली बार नहीं है कि ट्रेनों का आवागमन बाधित (Train Movement Disrupted) हुआ है. बारिश के मौसम में प्रत्येक वर्ष रेलगाड़ी का संचालन बंद करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा- समस्तीपुर रेल पुल को छू रहा बाढ़ का पानी, 7 जोड़ी ट्रेन रद्द, कई ट्रेनों के रूट भी बदले

इस रेलखंड पर नये पुलों के निर्माण के बावजूद रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य कछुए की रफ्तार से चल रहा है. इसके लिए प्रकृति से ज्यादा रेलवे विभाग और प्रशासनिक अमला जिम्मेदार है.

बता दें कि समस्तीपुर रेल डिवीजन का प्रमुख रेल रूट समस्तीपुर-दरभंगा का हाल किसी से छिपा नहीं है. गंडक, बागमती, करेह जैसी कई प्रमुख नदियों के ऊपर से गुजरने वाले रेलखंड को मिथिलांचल की लाइफ लाइन माना जाता है. लेकिन प्रत्येक वर्ष बाढ़ की वजहों से यह रेलखंड कई सप्ताह तक पूरी तरह बाधित रहता है. इससे निपटने के लिए करीब पांच वर्षों से सैंकड़ों साल पुराने पुलों के स्थान पर ऊंचे नए पुल और रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य जारी है, लेकिन अभी तक नहीं पूरा हुआ.

ये भी पढ़ें- 'बिहार के हक के लिए साथ आएंगे तेजस्वी यादव और चिराग पासवान'

हालांकि इस रूट पर सबसे अधिक प्रभावित थलवारा और हायाघाट के बीच करेह नदी के ऊपर बना पुल संख्या 16 के करीब नया पुल बनकर तैयार है. लेकिन वर्षों से उस पर ट्रैक का काम अधूरा है. बाढ़ से बंद रेलखंड और धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य पर डिवीजन के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि इस रेलखंड के दोहरीकरण और काम काफी तेजी से चल रहा है. बीते दो वर्षो से कोरोना के कारण काम का रफ्तार थोड़ा प्रभावित हुआ है.

हालांकि 38 किलोमीटर इस रेलखंड का काम वित्तीय वर्ष 2020-21 तक ही पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित था. लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और कोरोना के चलते अभी तक इसे पूरा नहीं किया जा सका.

समस्तीपुर: बिहार में बाढ़ के चलते समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड (Samastipur-Darbhanga Railway Line) पर ट्रेनों का संचालन बंद है. जिससे प्रतिदिन हजारों लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह पहली बार नहीं है कि ट्रेनों का आवागमन बाधित (Train Movement Disrupted) हुआ है. बारिश के मौसम में प्रत्येक वर्ष रेलगाड़ी का संचालन बंद करना पड़ता है.

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इस रेलखंड पर नये पुलों के निर्माण के बावजूद रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य कछुए की रफ्तार से चल रहा है. इसके लिए प्रकृति से ज्यादा रेलवे विभाग और प्रशासनिक अमला जिम्मेदार है.

बता दें कि समस्तीपुर रेल डिवीजन का प्रमुख रेल रूट समस्तीपुर-दरभंगा का हाल किसी से छिपा नहीं है. गंडक, बागमती, करेह जैसी कई प्रमुख नदियों के ऊपर से गुजरने वाले रेलखंड को मिथिलांचल की लाइफ लाइन माना जाता है. लेकिन प्रत्येक वर्ष बाढ़ की वजहों से यह रेलखंड कई सप्ताह तक पूरी तरह बाधित रहता है. इससे निपटने के लिए करीब पांच वर्षों से सैंकड़ों साल पुराने पुलों के स्थान पर ऊंचे नए पुल और रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य जारी है, लेकिन अभी तक नहीं पूरा हुआ.

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हालांकि इस रूट पर सबसे अधिक प्रभावित थलवारा और हायाघाट के बीच करेह नदी के ऊपर बना पुल संख्या 16 के करीब नया पुल बनकर तैयार है. लेकिन वर्षों से उस पर ट्रैक का काम अधूरा है. बाढ़ से बंद रेलखंड और धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य पर डिवीजन के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि इस रेलखंड के दोहरीकरण और काम काफी तेजी से चल रहा है. बीते दो वर्षो से कोरोना के कारण काम का रफ्तार थोड़ा प्रभावित हुआ है.

हालांकि 38 किलोमीटर इस रेलखंड का काम वित्तीय वर्ष 2020-21 तक ही पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित था. लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और कोरोना के चलते अभी तक इसे पूरा नहीं किया जा सका.

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