समस्तीपुर: राज्य में 17 फरवरी से अपनी मांगो को लेकर नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. नियोजित शिक्षकों के हड़ताल का जिले में व्यापक असर दिखने लगा है. खासतौर पर ऐसे विद्यालय जो सिर्फ नियोजित शिक्षकों के बलबूते चल रहे थे. आलम यह है कि अब वहां ताला लटक गया है. बच्चे कंधे पर बैग टांगे स्कूल जरूर पंहुच रहे हैं लेकिन स्कूल बंद देख वापस लौट रहे हैं.
90 फीसदी प्राथमिक स्कूल नियोजित शिक्षकों के सहारे
हड़ताल से पढ़ाई बाधित होने के कारण स्कूली बच्चों के परिजन भी खासे परेशान हैं. बता दें कि जिले में 90 फीसदी से ज्यादा प्राथमिक स्कूल सिर्फ नियोजित शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं. वहीं, जिले के करीब 30 फीसदी मिडिल स्कूल ऐसे हैं जहां 3 से 4 नियमित शिक्षकों की बहाली है.
पढ़ाई पूरी तरह बाधित
वहीं, अन्य जगहों पर 1-2 नियमित शिक्षक और शेष नियोजित शिक्षकों के बलबूते ही पढ़ाई होती है. शिक्षकों के हड़ताल के बाद कहीं-कहीं स्कूल खुले भी हैं. लेकिन वहां भी पढ़ाई पूरी तरह बाधित है. गौरतलब है कि शिक्षक और सरकार के बीच जारी इस जंग का असर स्कूली छात्रों पर दिखने लगा है.