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उजियारपुर के लिए इस प्रत्याशी ने छोड़ दी सरकारी नौकरी, क्वालीफिकेशन के लिए बटोर रहे सुर्खियां

उजियारपुर सीट से खड़े अधिकारी पद की नौकरी त्यागने वाले नवीन कुमार की चर्चा पूरे जिले में हो रही है. नवोदय से पढ़े इस प्रत्याशी ने आखिर राजनीति में आने का फैसला क्यों लिया, जानिए उन्हीं की जुबानी.

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Published : Apr 27, 2019, 11:24 AM IST

समस्तीपुर: उजियारपुर लोकसभा सीट पर दो दिग्गज प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. ये दो दिग्गज है बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा. इनके बीच लड़ाई को लेकर यह सीट हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है. लेकिन इसी सीट पर एक ऐसे प्रत्याशी भी हैं, जिनकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में भले नहीं हो लेकिन इनकी उच्च शिक्षा को लेकर इलाके में खूब चर्चा हो रही है.

उजियारपुर के रहने वाले इस प्रत्याशी का नाम नवीन कुमार है. इनकी चर्चा इनकी शैक्षणिक योग्यता और अधिकारी संवर्ग की सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने को लेकर हो रही है. इनका चुनाव प्रचार का तरीका भी सभी से अलग है. ये अपने कुछ समर्थकों के साथ घर से निकल जाते हैं और पैदल ही घर-घर जाकर लोगों को बताते हैं कि वो वेतन की सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति में क्यों आए. नवीन कुमार नवोदय के प्रोडक्ट हैं. इसके बाद उन्होंने आईटीआई रुड़की से बीटेक कर टाटा कंपनी में इंजीनियर की नौकर की. पढ़ने में होशियार नवीन ने बीपीएससी की परीक्षा को भी उत्तीर्ण कर लिया.

अपने बारे में बताते नवीन कुमार

सेल्स टैक्स ऑफिसर
बीपीएससी की परीक्षा में 26 अंक लाने के बाद सेल्स टैक्स ऑफिसर के पद पर नौकरी करते हुए ओपन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र से नवीन ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. नवीन ने नेट क्वालीफाई किया है. उनका मानना है कि राजनीति में पढ़े लिखे लोगों की कमी है इसीलिए उनके जैसे लोगों को संसद में पहुंचना जरूरी है. उन्हें सेल्स टैक्स और अर्थशास्त्र का अच्छा ज्ञान है. जिससे वो भारत सरकार के मानव संसाधन और वित्त विभाग को भी संभाल सकते हैं. वो चाहते थे कि कोई पार्टी उन्हें टिकट दे. लेकिन नहीं ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया.

मिला बीएसपी का सिंबल
निर्दलीय मैदान में दावेदारी करने वाले नवीन को बाद में मायावती की बीएसपी ने अपना सिंबल दे दिया है. नवीन चुनाव के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. अब देखना होगा कि राजनीति में अपने करियर को दांव पर लगाने वाले नवीन को जनता किस तरह से अपनाती है. नवीन का लिया गया ये फैसला कितना कारगर साबित होता है.

समस्तीपुर: उजियारपुर लोकसभा सीट पर दो दिग्गज प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. ये दो दिग्गज है बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा. इनके बीच लड़ाई को लेकर यह सीट हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है. लेकिन इसी सीट पर एक ऐसे प्रत्याशी भी हैं, जिनकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में भले नहीं हो लेकिन इनकी उच्च शिक्षा को लेकर इलाके में खूब चर्चा हो रही है.

उजियारपुर के रहने वाले इस प्रत्याशी का नाम नवीन कुमार है. इनकी चर्चा इनकी शैक्षणिक योग्यता और अधिकारी संवर्ग की सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने को लेकर हो रही है. इनका चुनाव प्रचार का तरीका भी सभी से अलग है. ये अपने कुछ समर्थकों के साथ घर से निकल जाते हैं और पैदल ही घर-घर जाकर लोगों को बताते हैं कि वो वेतन की सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति में क्यों आए. नवीन कुमार नवोदय के प्रोडक्ट हैं. इसके बाद उन्होंने आईटीआई रुड़की से बीटेक कर टाटा कंपनी में इंजीनियर की नौकर की. पढ़ने में होशियार नवीन ने बीपीएससी की परीक्षा को भी उत्तीर्ण कर लिया.

अपने बारे में बताते नवीन कुमार

सेल्स टैक्स ऑफिसर
बीपीएससी की परीक्षा में 26 अंक लाने के बाद सेल्स टैक्स ऑफिसर के पद पर नौकरी करते हुए ओपन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र से नवीन ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. नवीन ने नेट क्वालीफाई किया है. उनका मानना है कि राजनीति में पढ़े लिखे लोगों की कमी है इसीलिए उनके जैसे लोगों को संसद में पहुंचना जरूरी है. उन्हें सेल्स टैक्स और अर्थशास्त्र का अच्छा ज्ञान है. जिससे वो भारत सरकार के मानव संसाधन और वित्त विभाग को भी संभाल सकते हैं. वो चाहते थे कि कोई पार्टी उन्हें टिकट दे. लेकिन नहीं ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया.

मिला बीएसपी का सिंबल
निर्दलीय मैदान में दावेदारी करने वाले नवीन को बाद में मायावती की बीएसपी ने अपना सिंबल दे दिया है. नवीन चुनाव के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. अब देखना होगा कि राजनीति में अपने करियर को दांव पर लगाने वाले नवीन को जनता किस तरह से अपनाती है. नवीन का लिया गया ये फैसला कितना कारगर साबित होता है.

Intro:समस्तीपुर उजियारपुर लोकसभा सीट पर दो दिग्गज प्रत्याशियों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच लड़ाई को लेकर यह सीट हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है ।लेकिन इसी सीट पर एक ऐसे प्रत्याशी भी हैं जिनकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में भले नहीं हो लेकिन इनकी उच्च शिक्षा को लेकर इलाके में खूब चर्चा हो रही है।


Body:उजियारपुर के रहने वाले इस प्रत्याशी नवीन कुमार की चर्चा इन की शैक्षणिक योग्यता और अधिकारी संवर्ग की सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने को लेकर हो रही है ।इनका चुनाव प्रचार का तरीका भी सभी बरे प्रत्याशियों से अलग है ।ये अपने कुछ समर्थकों के साथ घर से निकल जाते हैं ।और पैदल ही घर जाकर लोगों को बताते हैं। कि बरे वेतन की सरकारी नौकरी छोड़ इनका राजनीति में आने का मकसद क्या है ।नवीन कुमार नवोदय के प्रोडक्ट हैं इसके बाद आईटीआई रुड़की से बीटेक करने के बाद टाटा कंपनी में इंजीनियर की नौकरी थी ।फिर बीपीएससी के परीक्षा में 26 अंक लाने पर टैक्स ऑफिसर के पद पर नौकरी करते हुए ओपन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में कर लिया। और नेट क्वालीफाई किया फिर भी सोच कुछ और ही है ।उनका मानना है कि राजनीति में पढ़े लिखे लोगों की कमी है ।इसीलिए उनके जैसे लोगों को संसद में पहुंचना जरूरी है ।इनकी इच्छा है कि उन्हें सेल टैक्स और अर्थशास्त्र का अच्छा ज्ञान है ।जिससे भारत सरकार के मानव संसाधन और वित्त विभाग को भी संभाल सकते हैं। यह चाहते थे कि किसी पार्टी ने टिकट दे। लेकिन नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया।
बाईट : नवीन कुमार


Conclusion:फिर मायावती की बीएसपी ने अपना सिंबल दे दिया ।और यह दिन रात मेहनत कर रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि लोगों के जुबान पर भले इनका खूब नाम हो। लेकिन वोट देने के नाम पर लोग कहने लगते हैं ।कि टककर तो यहां उम्मीदवार के बीच की होगी ।यही लोकतंत्र की कमजोरी भी कही जा सकती है। कि योग्य उम्मीदवार को अगर बड़ी पार्टी टिकट नहीं मिले तो उसका जितना काफी मुश्किल हो जाता है।
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