समस्तीपुर: "मंगलवार को मैं घर के बाहर बैठा हुआ था, तभी मेरे मोबाइल पर कॉल आया...सामने वाले ने पूछा क्या आप अमन के पिताजी बोले रहे हैं...मैंने कहा हां, मैं अमन का पापा बोल रहा हूं...दूसरी तरफ वाले ने कहा- आपका बेटा अमन शहीद हो गया है'. भारत-चीन सीमा पर स्थित गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुये सिपाही अमन कुमार सिंह के पिताजी ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है. उसने देश की सीमा की रक्षा करते हुये शहादत दी है.
शहीद अमन के पिता ने बताया कि 4 दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी. उसने मेरा हालचाल पूछा. जब मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि यहां सबकुछ ठीक है, कोई दिक्कत नहीं है. मैंने अमन से कहा, लेकिन न्यूज में तो बता रहे हैं कि लद्दाख में काफी समस्या चल रही है, तो अमन ने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है. ये कहकर उसने फोन रख दिया. उसके बाद मंगलवार को 16 बिहार रेजीमेंट से फोन आया और बताया गया कि अमन शहीद हो गया है.
अमन के पिता को है उनकी शहादत पर गर्व
अमन के पिताजी ने बताया कि उनका बेटा इसी फरवरी में घर आया था. फिर वो जुलाई में घर आने वाला था. वो उनसे कहकर गया था कि जुलाई में आयेगा तो उन्हें साथ ले जायेगा और मिलिट्री हॉस्पिटल में उनका इलाज करायेगा. लेकिन अब अमन कभी नहीं आयेगा. देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये वो हमेशा के लिये दूर चला गया है. शहीद अमन के पिता ने भावुक होकर कहा कि मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. उसने देश की रक्षा करते हुये अपनी जान दी है. वो हमेशा हम सभी के दिलों और यादों में रहेगा.
लोगों में आक्रोश
बता दें कि वीर सपूत अमन कुमार सिंह समस्तीपुर के मोहद्दीनगर प्रखंड के सुल्तानपुर के रहने वाले थे. वो 16 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. अमन की पिछले साल ही शादी हुई थी. जिले के इस लाल की शहादत की खबर सुनते ही गांव के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. एक तरफ जहां लोगों को अमन की शहादत पर गर्व है तो वहीं चीन के खिलाफ लोगों में आक्रोश भी है. घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी भारत सरकार से मांग कर रहे हैं कि चीन के इस धोखे का जवाब भारत सरकार दे और अमन की शहादत का बदला ले.