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साउथ एशियाई ड्रैगन बोट चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे समस्तीपुर के संजय - नहीं मिल रहा खिलाड़ियों को मौका

संजय जिला मुख्यालय से सटे कोरबद्धा गांव के निवासी हैं. बचपन से ही खेल के प्रति उनका खासा झुकाव रहा. नतीजतन उन्होंने दर्जनों खेलों में हिस्सा लिया और कई मेडल अपने नाम किए.

मेडल दिखाते संजय राय
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Published : Oct 2, 2019, 10:10 PM IST

समस्तीपुर: 'जहां चाह, वहां राह' दिल में यही जज्बा लिए समस्तीपुर के संजय राय विश्वपटल पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. अपनी आर्थिक तंगी को दरकिनार कर संजय अपने देश अपने राज्य के लिए कुछ करना चाहते हैं. उनका सेलेक्शन साउथ एशियाई ड्रैगन बोट चैंपियनशिप के लिए हुआ है.

samastipur
जीत चुके हैं दर्जनों मेडल

समस्तीपुर के एक छोटे से गांव के रहने वाले संजय भारतीय टीम का हिस्सा बनेंगे. इस खबर के बाद एक ओर जहां गांव भर में खुशी का माहौल है. वहीं, दूसरी ओर संजय को कई अन्य चिंताएं सता रही हैं. संजय बताते हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वह उस तरह की डाइट फॉलो नहीं कर पाते हैं, जैसी उन्हें करनी चाहिए.

samastipur
जीत चुके हैं कई पुरस्कार

बचपन से था खेल के प्रति झुकाव
संजय जिला मुख्यालय से सटे कोरबद्धा गांव के निवासी हैं. बचपन से ही खेल के प्रति उनका खासा झुकाव रहा. नतीजतन उन्होंने दर्जनों खेलों में हिस्सा लिया और कई मेडल अपने नाम किए. आगामी 22 से 24 अक्टूबर के बीच वह पंजाब के सुल्तानपुर में होने वाले साउथ एशियाई ड्रैगन बोट चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

संजय ने सुनाई आपबीती

हासिल कर चुके हैं दर्जनों पदक
इसके पहले भी संजय ने कई चैंपियनशिप में हिस्सा लिया है. पहले भी उन्हें ब्रॉन्ज, सिल्वर और कई गोल्ड मेडल मिल चुके हैं. भारतीय टीम की तरफ से देश को प्रतिनिधित्व करने का यह पहला मौका उन्हें मिला है. संजय बताते हैं कि वह काफी उत्साहित हैं. हालांकि, उनमें सरकार के उदासीन रवैऐ के प्रति नाराजगी भी है. वह कहते हैं कि इतने मेडल जीतने के बावजूद भी सरकार उनकी कोई मदद नहीं कर रही है.

समस्तीपुर: 'जहां चाह, वहां राह' दिल में यही जज्बा लिए समस्तीपुर के संजय राय विश्वपटल पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. अपनी आर्थिक तंगी को दरकिनार कर संजय अपने देश अपने राज्य के लिए कुछ करना चाहते हैं. उनका सेलेक्शन साउथ एशियाई ड्रैगन बोट चैंपियनशिप के लिए हुआ है.

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जीत चुके हैं दर्जनों मेडल

समस्तीपुर के एक छोटे से गांव के रहने वाले संजय भारतीय टीम का हिस्सा बनेंगे. इस खबर के बाद एक ओर जहां गांव भर में खुशी का माहौल है. वहीं, दूसरी ओर संजय को कई अन्य चिंताएं सता रही हैं. संजय बताते हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वह उस तरह की डाइट फॉलो नहीं कर पाते हैं, जैसी उन्हें करनी चाहिए.

samastipur
जीत चुके हैं कई पुरस्कार

बचपन से था खेल के प्रति झुकाव
संजय जिला मुख्यालय से सटे कोरबद्धा गांव के निवासी हैं. बचपन से ही खेल के प्रति उनका खासा झुकाव रहा. नतीजतन उन्होंने दर्जनों खेलों में हिस्सा लिया और कई मेडल अपने नाम किए. आगामी 22 से 24 अक्टूबर के बीच वह पंजाब के सुल्तानपुर में होने वाले साउथ एशियाई ड्रैगन बोट चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

संजय ने सुनाई आपबीती

हासिल कर चुके हैं दर्जनों पदक
इसके पहले भी संजय ने कई चैंपियनशिप में हिस्सा लिया है. पहले भी उन्हें ब्रॉन्ज, सिल्वर और कई गोल्ड मेडल मिल चुके हैं. भारतीय टीम की तरफ से देश को प्रतिनिधित्व करने का यह पहला मौका उन्हें मिला है. संजय बताते हैं कि वह काफी उत्साहित हैं. हालांकि, उनमें सरकार के उदासीन रवैऐ के प्रति नाराजगी भी है. वह कहते हैं कि इतने मेडल जीतने के बावजूद भी सरकार उनकी कोई मदद नहीं कर रही है.

Intro:साउथ एशियाई ड्रैगन बोट चैंपियनशिप के लिए जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाला संजय भारतीय टीम का हिस्सा बना है । वैसे इस खबर से जंहा उनके गांव के लोग खासे उत्साहित है , वंही आर्थिक रूप से कमजोर इस खिलाड़ी के राह में कई समस्याएं मुंह बांए खड़ी है ।


Body:आगामी 22 से 24 अक्टूबर के बीच पंजाब के सुल्तानपुर में होने वाले , साउथ एशियाई ड्रैगन बोट चैंपियनशिप में , जिला मुख्यालय से सटे कोरबद्धा गांव के संजय का चुनाव भारतीय टीम में किया गया है । वैसे इसके पहले कई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में देश के विभिन्न हिस्सों में इन्होंने ब्रॉन्ज , सिल्वर व कई गोल्ड मेडल जीत चुके है । वैसे भारतीय टीम के तरफ से देश को प्रतिनिधित्व करने का यह पहला मौका इन्हें मिला है । वैसे इस चयन से जंहा गाँव व जिले के लोग उत्साहित है , वंही इस खिलाड़ी के राह के वाधाये बताने को काफी है की , हमारे यंहा खेल व खिलाड़ी को लेकर सरकारी इच्छाशक्ति का कितना आभाव है । दरअसल संजय के अनुसार , पैसे के आभाव में एक खिलाड़ी को जिस तरह के डाइट की जरूरत होती है , वह संभव नही हो पा रहा । कंही से किसी भी तरह की कोई मदद नही । लेकिन फिर भी देश के लिए बेहतर करने के जज्बे से वे खेलेंगे ।

बाईट - संजय राय , चयनित खिलाड़ी , भारतीय बोट चैंपियनशिप ।


Conclusion:गौरतलब है की , काफी गरीब परिवार में पले बढ़े संजय ने समस्याओं के बीच खुद को साबित किया है । सही मायनों में यैसे ही प्रतिभा देश का नाम रौशन करते है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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