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Navratra 2023 : इस गांव में नहीं होती चोरी-डकैती.. शापित हैं चोर.. ग्रामीणों की रक्षा करती हैं माता सती

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 20, 2023, 6:02 AM IST

आपने शनि शिगंणापुर का नाम सुना होगा, जहां चोरी डकैती नहीं होती. मान्यता है कि शनि देव खुद उसे क्षेत्र की रक्षा करते हैं. कुछ यही मान्यता है बिहार के एक गांव में भी जो चोर और डकैतों के लिए शापित है. यहां चोर-डकैत जाने से भी डरते हैं. गलती से कोई चला जाए तो उसके साथ अनहोनी हो जाती है.

चोर डकैतों के लिए शापित है गांव
चोर डकैतों के लिए शापित है गांव
चोर डकैतों के लिए शापित है गांव, जानें पूरी कहानी

समस्तीपुर : बिहार के एक गांव में चोर और डकैत जाना तो दूर नाम लेने से भी थर-थर कांपते हैं. कहते हैं कि इस गांव की रक्षा का भार सती माता के हाथ में है. यही वजह है कि यहां पर चोरी-डकैत नहीं होती. ये जगह समस्तीपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर कल्याणपुर प्रखंड का ध्रुवगामा गांव में है. माना जाता है कि 800 सालों से यहां सती माता का मंदिर स्थापित है.

ये भी पढ़ें- जिस स्थान पर सती हुईं थी माता सती.. उस धाम की अनोखी है मान्यता.. शक्तिपीठों का उद्गम स्थल है ये मंदिर

चोर डकैतों के लिए शापित है गांव : गांव के बीचो-बीच 800 साल पुराने इस मंदिर की कहानी भी काफी रोचक है. मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित भोला गिरी (100 वर्ष) बताते हैं कि 1430 ईस्वी में ध्रुवगामा के रहने वाले गति राम सिंह की मृत्यु हो गई थी. उनकी मौत के बाद भी उनकी पत्नी शृंगार करके घूमती रहीं और वहां उपस्थित लोगों को अपना आशीर्वाद देती रहीं. वह भी पति की चिता के पास आईं और खुद उनके अंगूठे से निकली आग की लपटों में जलकर सती हो गईं.

गांव पर सती माता की असीम कृपा : जिस जगह पर वह सती हुईं उनकी समाधी आज भी बनी हुई है. उसी विशेष स्थान की पूजा होती है. मान्यता है कि उनकी इसी समाधी पर पूजा करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. नवरात्र में इस स्थान पर सती माता की विशेष पूजा होती है. पुजारी रामनाथ गिरी बताते हैं कि इस गांव पर असीम कृपा है. ग्रामीणों पर आने वाले हर आपदा-विपदा से सती माता रक्षा करती आ रही हैं. यह गांव चोरों के लिए शापित है.

इसलिए यहां आने से डरते हैं चोर डकैत : जिस इलाके में चोरों डकैतों का आतंक था वहां पर चोर भूल से भी नहीं जाते. इसके पीछे कई सौ साल पुरानी कहानी है. कुछ चोर चोरी करके इसी मंदिर के सामने से गुजर रहे थे. तभी सती माता के प्रकोप से सभी अंधे हो गए. सभी को दिखाई नहीं देने की वजह से सुधबुध खोकर वहीं ढेर हो गए. सुबह ग्रामीणों ने पकड़ लिया. तभी से मान्यता है कि कोई भी चोर इस गांव की ओर चोरी की मंशा से नहीं आता.

''यह गांव चोर और डकैतों के लिए पुरी तरह शापित है. एक वक्त इस गांव मे चोर व डकैतों का आतंक था. एक बार जब डकैत इस गांव में डकैती करने के बाद इस मंदिर के पास से गुजर रहे थे. उसी वक्त माता सती ने ऐसा चमत्कार किया कि सभी के सभी डकैत अंधे हो गए. मंदिर के आसपास बेसुध उन सभी को सुबह में गांव वालों ने देखा और तब से आज तक यहां चोरी व डकैती नहीं हुई.''- रामनाथ गिरी, पुजारी, माता सती मंदिर

यहीं अंतिम संस्कार : गौरतलब है की माता सती ने सती होते समय जो आदेश दिया उस अनुरुप आज भी उनके वंश के लोगों को मृत्यु के बाद इसी मंदिर में दाह संस्कार किया जाता है. वहीं. माता सती की ऐसी कृपा है कि जो भी श्रद्धालु अपनी मुराद लेकर इस स्थान पर आते हैं. उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.

चोर डकैतों के लिए शापित है गांव, जानें पूरी कहानी

समस्तीपुर : बिहार के एक गांव में चोर और डकैत जाना तो दूर नाम लेने से भी थर-थर कांपते हैं. कहते हैं कि इस गांव की रक्षा का भार सती माता के हाथ में है. यही वजह है कि यहां पर चोरी-डकैत नहीं होती. ये जगह समस्तीपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर कल्याणपुर प्रखंड का ध्रुवगामा गांव में है. माना जाता है कि 800 सालों से यहां सती माता का मंदिर स्थापित है.

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चोर डकैतों के लिए शापित है गांव : गांव के बीचो-बीच 800 साल पुराने इस मंदिर की कहानी भी काफी रोचक है. मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित भोला गिरी (100 वर्ष) बताते हैं कि 1430 ईस्वी में ध्रुवगामा के रहने वाले गति राम सिंह की मृत्यु हो गई थी. उनकी मौत के बाद भी उनकी पत्नी शृंगार करके घूमती रहीं और वहां उपस्थित लोगों को अपना आशीर्वाद देती रहीं. वह भी पति की चिता के पास आईं और खुद उनके अंगूठे से निकली आग की लपटों में जलकर सती हो गईं.

गांव पर सती माता की असीम कृपा : जिस जगह पर वह सती हुईं उनकी समाधी आज भी बनी हुई है. उसी विशेष स्थान की पूजा होती है. मान्यता है कि उनकी इसी समाधी पर पूजा करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. नवरात्र में इस स्थान पर सती माता की विशेष पूजा होती है. पुजारी रामनाथ गिरी बताते हैं कि इस गांव पर असीम कृपा है. ग्रामीणों पर आने वाले हर आपदा-विपदा से सती माता रक्षा करती आ रही हैं. यह गांव चोरों के लिए शापित है.

इसलिए यहां आने से डरते हैं चोर डकैत : जिस इलाके में चोरों डकैतों का आतंक था वहां पर चोर भूल से भी नहीं जाते. इसके पीछे कई सौ साल पुरानी कहानी है. कुछ चोर चोरी करके इसी मंदिर के सामने से गुजर रहे थे. तभी सती माता के प्रकोप से सभी अंधे हो गए. सभी को दिखाई नहीं देने की वजह से सुधबुध खोकर वहीं ढेर हो गए. सुबह ग्रामीणों ने पकड़ लिया. तभी से मान्यता है कि कोई भी चोर इस गांव की ओर चोरी की मंशा से नहीं आता.

''यह गांव चोर और डकैतों के लिए पुरी तरह शापित है. एक वक्त इस गांव मे चोर व डकैतों का आतंक था. एक बार जब डकैत इस गांव में डकैती करने के बाद इस मंदिर के पास से गुजर रहे थे. उसी वक्त माता सती ने ऐसा चमत्कार किया कि सभी के सभी डकैत अंधे हो गए. मंदिर के आसपास बेसुध उन सभी को सुबह में गांव वालों ने देखा और तब से आज तक यहां चोरी व डकैती नहीं हुई.''- रामनाथ गिरी, पुजारी, माता सती मंदिर

यहीं अंतिम संस्कार : गौरतलब है की माता सती ने सती होते समय जो आदेश दिया उस अनुरुप आज भी उनके वंश के लोगों को मृत्यु के बाद इसी मंदिर में दाह संस्कार किया जाता है. वहीं. माता सती की ऐसी कृपा है कि जो भी श्रद्धालु अपनी मुराद लेकर इस स्थान पर आते हैं. उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.

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