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रामचंद्र पासवान के निधन से समस्तीपुर में मातम का माहौल, मीडिया प्रभारी ने जताया शोक

लोक जनशक्ति पार्टी के मीडिया प्रभारी उमाशंकर मिश्रा ने कहा कि जैसे ही उन्हें रामचंद्र पासवान की मौत की खबर लगी. वह स्तबध रह गए. उन्होंने इसे समस्तीपुर में राजनीति का अंत करार दिया है.

उमाशंकर मिश्रा
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Published : Jul 21, 2019, 10:14 PM IST

समस्तीपुर: लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान ने रविवार को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. उन्हें दिल की बीमारी थी. रामचंद्र पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और सांसद होने के साथ-साथ दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे.

रामचंद्र पासवान ने साल 1998 में अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. उनके निधन से समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है. सभी लोग अपने चहेते नेता रामचंद्र पासवान की मौत की बात को सच नहीं मान रहे हैं. लोगों का कहना है कि ऐसे महान नेतृत्व को मौत नहीं मिल सकती.

मीडिया प्रभारी का बयान

'समस्तीपुर में राजनीति का अंत हो गया'
लोक जनशक्ति पार्टी के मीडिया प्रभारी उमाशंकर मिश्रा ने कहा कि जैसे ही उन्हें रामचंद्र पासवान के मौत की खबर लगी वह स्तबध रह गए. उन्होंने इसे समस्तीपुर में राजनीति का अंत करार दिया है. मीडिया प्रभारी ने कहा कि वह हमारे राजनीतिक गुरु थे. इस खबर के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा है.

samastipur
फाइल फोटो

रामचंद्र पासवान के जीवन की अहम बातें:

  • लोजपा नेता का जन्म 1 जनवरी 1962 को खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में हुआ
  • बैंक के अध्यक्ष के चुनाव में 1998 में जीत हासिल करने के बाद अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की
  • परिसीमन से पूर्व समस्तीपुर जिला के रोसड़ा सुरक्षित सीट से वर्ष 1999 में सांसद चुने गए
  • फिर 2004 में दोबारा जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे
  • वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा
  • जिसके बाद पुनः 2014 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की
  • 2019 के संसदीय चुनाव में समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए
  • रामचंद्र पासवान को कुछ दिन पहले आया था हार्ट अटैक

जिसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था
जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया

समस्तीपुर: लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान ने रविवार को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. उन्हें दिल की बीमारी थी. रामचंद्र पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और सांसद होने के साथ-साथ दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे.

रामचंद्र पासवान ने साल 1998 में अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. उनके निधन से समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है. सभी लोग अपने चहेते नेता रामचंद्र पासवान की मौत की बात को सच नहीं मान रहे हैं. लोगों का कहना है कि ऐसे महान नेतृत्व को मौत नहीं मिल सकती.

मीडिया प्रभारी का बयान

'समस्तीपुर में राजनीति का अंत हो गया'
लोक जनशक्ति पार्टी के मीडिया प्रभारी उमाशंकर मिश्रा ने कहा कि जैसे ही उन्हें रामचंद्र पासवान के मौत की खबर लगी वह स्तबध रह गए. उन्होंने इसे समस्तीपुर में राजनीति का अंत करार दिया है. मीडिया प्रभारी ने कहा कि वह हमारे राजनीतिक गुरु थे. इस खबर के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा है.

samastipur
फाइल फोटो

रामचंद्र पासवान के जीवन की अहम बातें:

  • लोजपा नेता का जन्म 1 जनवरी 1962 को खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में हुआ
  • बैंक के अध्यक्ष के चुनाव में 1998 में जीत हासिल करने के बाद अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की
  • परिसीमन से पूर्व समस्तीपुर जिला के रोसड़ा सुरक्षित सीट से वर्ष 1999 में सांसद चुने गए
  • फिर 2004 में दोबारा जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे
  • वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा
  • जिसके बाद पुनः 2014 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की
  • 2019 के संसदीय चुनाव में समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए
  • रामचंद्र पासवान को कुछ दिन पहले आया था हार्ट अटैक

जिसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था
जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया

Intro:
समस्तीपुर लोकसभा के सांसद रामचंद्र पासवान नहीं रहे दिल्ली मैक्स हॉस्पिटल में लिया अंतिम सांस आज उनका हार्ट का सर्जरी होने वाला था। उसकी तैयारी की जा रही थी उसी दौरान उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई और वह हमेशा के लिए सो गए। रामचंद्र पासवान की ऐसे हुई थी राजनीति शुरुवात रामचंद्र पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और सांसद होने के साथ-साथ दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे ।


Body:इनका जन्म 1 जनवरी 1962 को खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में एक दलित परिवार में हुआ था। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई और समस्तीपुर से सांसद रामचंद्र पासवान को कुछ दिन पूर्व हार्ट अटैक आया था । जिसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था ।उसके बाद उन्हें मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था ।
जानकारी के मुताबिक रामविलास पासवान चिराग पासवान के परिवार के सभी सदस्य इस अस्पताल में मौजूद हैं ।वहीं बिहार के लोक जनशक्ति पार्टी के कई नेता दिल्ली के लिए रवाना हो चुके है।
वे अपने पीछे पत्नी दो पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए समस्तीपुर के सांसद रामचंद्र पासवान बैंक के अध्यक्ष के चुनाव में 1998 में जीत हासिल करने के बाद अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी।


Conclusion:परिसीमन से पूर्व समस्तीपुर जिला के रोसड़ा सुरक्षित सीट से वर्ष 1999 में सांसद चुने गए ।फिर 2004 में दोबारा जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे ।वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा ।जिसके बाद पुनः 2014 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की। 2019 के संसदीय चुनाव में समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए मचुनाव जीतने के बाद यह समस्तीपुर लौट के नहीं आए ।जनता इनके सम्मान का इंतजार करती रह गई ।लेकिन क्षेत्र के जनता को मिली तो इनके मौत का पैगाम ।पूरे लोकसभा क्षेत्र में शोक की लहर फैल गया है ।सभी लोग अपने चहेते नेता रामचंद्र पासवान की मौत की बात को सही नहीं मान रहे हैं मलोगों का बताना है ऐसे चहेते नेता को मौत नहीं मिल सकती है ।लेकिन होनी को कोई नहीं टाल सकता है ।इनकी मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गया है। लोक जनशक्ति पार्टी के मीडिया प्रभारी उमाशंकर मिश्रा को जैसे ही उनके मौत की खबर लगी वह शोकाकुल होते हुए बताया कि समस्तीपुर में राजनीति का अंत हो गया। वह हमारे राजनीतिक गुरु थे ।और वे हमारे चाहते थे कि वह जब भी समस्तीपुर आते थे तो सबसे पहले मुझे ही फोन करते थे और उनके पसंदीदा खाना लेकर मैं जाता था। आज मैं अपने आपको संभाल नहीं पा रहा हूं। मुझे यकीन नहीं हो रहा है सांसद हमारे बीच नहीं रहे।

बाईट: उमाशंकर मिश्रा मीडिया प्रभारी लोक जनशक्ति पार्टी।
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