समस्तीपुर: लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान ने रविवार को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. उन्हें दिल की बीमारी थी. रामचंद्र पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और सांसद होने के साथ-साथ दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे.
रामचंद्र पासवान ने साल 1998 में अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. उनके निधन से समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है. सभी लोग अपने चहेते नेता रामचंद्र पासवान की मौत की बात को सच नहीं मान रहे हैं. लोगों का कहना है कि ऐसे महान नेतृत्व को मौत नहीं मिल सकती.
'समस्तीपुर में राजनीति का अंत हो गया'
लोक जनशक्ति पार्टी के मीडिया प्रभारी उमाशंकर मिश्रा ने कहा कि जैसे ही उन्हें रामचंद्र पासवान के मौत की खबर लगी वह स्तबध रह गए. उन्होंने इसे समस्तीपुर में राजनीति का अंत करार दिया है. मीडिया प्रभारी ने कहा कि वह हमारे राजनीतिक गुरु थे. इस खबर के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा है.
रामचंद्र पासवान के जीवन की अहम बातें:
- लोजपा नेता का जन्म 1 जनवरी 1962 को खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में हुआ
- बैंक के अध्यक्ष के चुनाव में 1998 में जीत हासिल करने के बाद अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की
- परिसीमन से पूर्व समस्तीपुर जिला के रोसड़ा सुरक्षित सीट से वर्ष 1999 में सांसद चुने गए
- फिर 2004 में दोबारा जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे
- वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा
- जिसके बाद पुनः 2014 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की
- 2019 के संसदीय चुनाव में समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए
- रामचंद्र पासवान को कुछ दिन पहले आया था हार्ट अटैक
जिसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था
जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया