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रेन हार्वेस्टिंग योजना समस्तीपुर में सफल, 694 भवनों में से 478 पर हुआ काम

जिले के 478 सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बन कर तैयार है. वहीं, अन्य सरकारी भवनों में काम जारी है. हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर शिक्षा विभाग सबसे पीछे है. विभागीय आंकड़ो के अनुसार 122 भवन में से महज 36 सरकारी स्कूलों में यह सिस्टम अब तक बन पाया है.

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Published : Mar 11, 2020, 6:20 PM IST

Updated : Mar 11, 2020, 7:23 PM IST

समस्तीपुरः जिले में जल संरक्षण का काम धरातल पर दिखने लगा है. सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर गंभीरता से काम हो रहा है. आंकड़ों के अनुसार 694 भवनों में से अब तक 478 सरकारी भवन में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम बन चुके हैं. वहीं, अब कॉमर्शियल और नीजि भवनों को लेकर भी अभियान चलेगा.

बीते वर्ष गर्मी में जल संकट को जिले के लोगों ने करीब से महसूस किया है. मई 2019 में जिले के लगभग सभी हिस्सों में भूमिगत जलस्तर में गिरावट के आंकड़े चौकाने वाले थे. चापाकल से निजी मोटर तक फेल हो गए थे. जल संकट की समस्या को गंभीरता से लेते हुए इस साल रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया गया है. खासतौर पर पहले चरण में जिले के 694 सरकारी भवनों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर गंभीरता से काम भी शुरू हुआ.

देखिए रिपोर्ट

अबतक के आंकड़ों के अनुसार जिले के 478 सरकारी भवनों में यह सिस्टम बन कर तैयार है. वहीं, अन्य सरकारी भवनों में काम जारी है. हालांकि रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर शिक्षा विभाग सबसे पीछे है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार 122 भवन में से महज 36 सरकारी स्कूलों में यह सिस्टम अब तक बन पाया है.

ये भी पढ़ेंः दरभंगा: दो बार शिलान्यास के बाद भी शुरू नहीं हो सका कन्हौली पुल का निर्माण कार्य

गर्मी में नीचे जा सकता है भू-जलस्तर
गौरतलब है की जिले में गर्मी ने दस्तक दे दी है. आंकलन के अनुसार अगले महीने तक जिले में जलस्तर सामान्य से करीब 12 से 15 फीट तक नीचे जाने का अनुमान है. बहरहाल यह भी जरुरी है कि जल बर्वादी रोकने के अलावा वर्षा का पानी संचय करने पर गंभीरता से अमल किया जाए.

समस्तीपुरः जिले में जल संरक्षण का काम धरातल पर दिखने लगा है. सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर गंभीरता से काम हो रहा है. आंकड़ों के अनुसार 694 भवनों में से अब तक 478 सरकारी भवन में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम बन चुके हैं. वहीं, अब कॉमर्शियल और नीजि भवनों को लेकर भी अभियान चलेगा.

बीते वर्ष गर्मी में जल संकट को जिले के लोगों ने करीब से महसूस किया है. मई 2019 में जिले के लगभग सभी हिस्सों में भूमिगत जलस्तर में गिरावट के आंकड़े चौकाने वाले थे. चापाकल से निजी मोटर तक फेल हो गए थे. जल संकट की समस्या को गंभीरता से लेते हुए इस साल रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया गया है. खासतौर पर पहले चरण में जिले के 694 सरकारी भवनों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर गंभीरता से काम भी शुरू हुआ.

देखिए रिपोर्ट

अबतक के आंकड़ों के अनुसार जिले के 478 सरकारी भवनों में यह सिस्टम बन कर तैयार है. वहीं, अन्य सरकारी भवनों में काम जारी है. हालांकि रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर शिक्षा विभाग सबसे पीछे है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार 122 भवन में से महज 36 सरकारी स्कूलों में यह सिस्टम अब तक बन पाया है.

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गर्मी में नीचे जा सकता है भू-जलस्तर
गौरतलब है की जिले में गर्मी ने दस्तक दे दी है. आंकलन के अनुसार अगले महीने तक जिले में जलस्तर सामान्य से करीब 12 से 15 फीट तक नीचे जाने का अनुमान है. बहरहाल यह भी जरुरी है कि जल बर्वादी रोकने के अलावा वर्षा का पानी संचय करने पर गंभीरता से अमल किया जाए.

Last Updated : Mar 11, 2020, 7:23 PM IST
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