समस्तीपुर: 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की अगुवाई में भले ही महागठबंधन ने जिले की सभी विधानसभा सीटों पर अपना पताका फहराया हो. लेकिन इस बार 2020 चुवाव में पूरी सियासी गणित पूरी तरह बदली हुई नजर आ रही है. सभी सीटों पर इस बार कांटे की टक्कर होनी तय है. बहरहाल, जिला जदयू नई रणनीति के तहत धरातल पर अपना सियासी साख मजबूत करने में जुट गयी है.
खास यह है कि इस चुनावी दंगल में पार्टी को प्रदेश स्तर पर एक रजिस्टर भेजा गया है, जिसमें सरकार की विभिन्न उपलब्धियों के साथ-साथ पार्टी के विभिन्न एजेंडे लिखे गए हैं. जिला जदयू अध्यक्ष के अनुसार, रजिस्टर के अनुरूप पार्टी ने धरातल पर काम करना शुरू कर दिया है. मिले टास्क के अनुरूप जिले में काम किए जाएंगे.
विपक्ष ने किया टारगेट
वैसे जदयू के इस रजिस्टर राजनीति में कुछ पेंच भी है. दरअसल, सरकार की कई उपलब्धियों को लेकर जिले में जमीनी काम पूरी तरह बेअसर है. बहरहाल, यह पार्टी सिपहसलारों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. वहीं, विपक्ष ऐसे ही जनहित से जुड़े मुद्दों से सत्तापक्ष के खिलाफ अपनी रणनीति बनाने में जुटा है. कांग्रेस विधायक और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि सरकार के कामों का जवाब जनता बखूबी देगी. इन लोगो के सभी पुलिंदे इस बार जिले और प्रदेश स्तर पर फेल होंगे.
- 10 विधानसभा सीटों में से 6 पर जदयू विधायकों का कब्जा है.
- वहीं, तीन सीटों पर राजद और एक सीट पर कांग्रेस विधायक पांच साल से काबिज हैं.
ये रही समस्तीपुर विधानसभा सीटों पर वर्तमान विधायकों और उनकी पार्टी की लिस्ट
क्रम सं. | विधानसभा सीटों का नाम | वर्तमान विधायक | पार्टी का नाम |
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1. | कल्याणपुर (सुरक्षित) | महेश्वर हजारी | जदयू |
2. | वारिसनगर | अशोक कुमार | जदयू |
3. | समस्तीपुर | मो. अख्तरुल इस्लाम शाहीन | राजद |
4. | उजियारपुर | आलोक कुमार मेहता | राजद |
5. | मोरवा | विद्या सागर सिंह निषाद | जदयू |
6. | सरायरंजन | विजय कुमार चौधरी | जदयू |
7. | मोहिउद्दीनगर | एज्जया यादव | राजद |
8. | विभूतिपुर | राम बालाक सिंह | जदयू |
9. | रोसड़ा | डॉ. अशोक कुमार | कांग्रेस |
10. | हसनपुर | राज कुमार राय | जदयू |
11. | स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र (एमएलसी) | हरि नारायण चौधरी | बीजेपी |
बहरहाल, जिला जदयू अपने रजिस्टर के अनुरूप जमीन पर पसीना बहाने में जुटी है. वैसे इससे होने वाले नफा नुकसान का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगा. लेकिन कागज पर मिले टास्क और धरातल पर उसकी हकीकत को लेकर पार्टी नेताओं की परेशानी बढ़ सकती है.