समस्तीपुर: जिले के शिवाजीनगर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली करेह नदी उफान पर है. पिछले 15 दिनों से जिले में 1987 जैसे हालात बन गए हैं. लोग नदी के बढ़ते जलस्तर को देख रात-दिन डर के साए में जी रहे हैं. बाढ़ से डरे हुए लोग तटबंधों पर शरण लेने को मजबूर हैं.
![Kareh river in samastipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8313943_img_5.jpg)
खतरे के निशान से ऊपर बह रही प्रमुख नदियां
बाढ़ और बारिश का सितम उत्तर बिहार के क्षेत्र में लगातार जारी है. कुदरत की इस आपदा से गरीब परिवार के लोगों का जीना मुहाल है. लोग घर-खलिहान छोड़ बांध पर शरण ले चुके हैं. नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. खतरे के निशान से ऊपर बह रही प्रमुख नदियां जिले में तबाही मचाने को आतुर है.
![Kareh river in samastipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8313943_img_2.jpg)
रिसाव से डरे लोग
रात के अंधेरे में तटबंध पर रह रहे अपने छोटे बच्चों और माल मवेशी के साथ रहने को मजबूर है. इन हालातों में लोगों को काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं. यहां इनपर जहरीले सांपों के साथ जंगली जानवरों का खतरा भी मंडरा रहा है. रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र के हसनपुर, बिथान, सिंधिया और शिवाजीनगर समेत कई गांवों के आसपास जगह जगह रिसाव से लोग डरे हुए हैं.
प्रखंड मुख्यालय से टूटा संपर्क
नदी के किनारे बसे गांवों के सैकड़ों घर नदी की विकराल धारा में समा गए. तटबंध पर रह रहे लोगों के हालात जानने ईटीवी की टीम जब पहुंची तो लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े. तटबंध पर रह रहे लोगों ने कहा प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है. इस विपदा की घड़ी में भी कोई सरकारी सहायता नहीं मिल रही.
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कई पंचायत अलर्ट
तटबंध पर शरण लिए लोगों की सुविधा के लिए जनप्रतिनिधि ने सफाई दी. मुखिया ने कहा कि बाढ़ को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है. ताकि तटबंध पर रह रहे लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में भेजा जा सकेगा. अधिकारियों के निर्देश पर कई पंचायत को अलर्ट कर दिया गया है.
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