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समस्तीपुरः उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के इस गांव के लोग अपने प्रत्याशियों से हैं नाराज - bihar news

उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का धमोन गांव जहां से सांसद और विधायक की तकदीर लिखी जाती है. यहां पचास हजार यादवों का वोट है.

विरोध करते स्थानीय लोग
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Published : Apr 23, 2019, 3:30 PM IST

समस्तीपुरः नेताओं का चुनावी दौरा गांव की गलियों में भी शुरू हो गया है. मतदाताओं को रिझाने का काम भी जोरों पर है. यहां लोकतंत्र का महान पर्व 29 अप्रैल को होने जा रहा है. लेकिन उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के धमोन गांव के मतदाता अपने प्रत्याशियों से नाराज हैं.

उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का धमोन गांव जहां से सांसद और विधायक की तकदीर लिखी जाती है. यहां पचास हजार यादवों का वोट है. लेकिन इस गांव में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. ना तो स्वास्थ्य के लिए कुछ बेहतरीन अस्पताल है ना लोगों को पटोरी अनुमंडल जाने के लिए कोई बढ़ियां सड़क. जो सड़क है वह भी जर्जर है. यहां से लोग लोकसभा और विधानसभा में विधायक और सांसद बनाकर बड़ी उम्मीद से भेजते हैं कि इस क्षेत्र का विकास हो.

विरोध करते स्थानीय लोग

नहीं हुआ विकास का कोई काम
गंगा के किनारे बसे धमोंन गांव के लोग आज भी सुविधा के लिए मोहताज हैं. छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए ना तो बढ़ियां सरकारी स्कूल है ना ही सरकारी कॉलेज. इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान को लेकर यहां के युवा वोटर हताश हैं. उनके चेहरे पर मायूसी है.
ये लोग सड़कों पर हाथ में तख्ती और बैनर लेकर वोट बहिष्कार करने को लेकर नारेबाजी करते दिख रहे हैं.

क्या है लोगों का कहना
इन लोगों का कहना है कि चुनावी मौसम में नेता वादों की टोकरी लेकर आते हैं और मुंगेरीलाल का हसीन सपना दिखाकर एक-एक वोट लेकर चले जाते हैं. लेकिन लौट के वह गांव नहीं आते. इस बार लोगों ने मन बना लिया है कि जो भी नेता यहां आएंगे उनकी खबर बढ़ियां से ली जाएगी. उन से पूछा जाएगा कि पांच सालों में इस क्षेत्र के विकास के लिए आपने क्या किया. इसी को लेकर यहां के मतदाताओं ने वोट बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है.

समस्तीपुरः नेताओं का चुनावी दौरा गांव की गलियों में भी शुरू हो गया है. मतदाताओं को रिझाने का काम भी जोरों पर है. यहां लोकतंत्र का महान पर्व 29 अप्रैल को होने जा रहा है. लेकिन उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के धमोन गांव के मतदाता अपने प्रत्याशियों से नाराज हैं.

उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का धमोन गांव जहां से सांसद और विधायक की तकदीर लिखी जाती है. यहां पचास हजार यादवों का वोट है. लेकिन इस गांव में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. ना तो स्वास्थ्य के लिए कुछ बेहतरीन अस्पताल है ना लोगों को पटोरी अनुमंडल जाने के लिए कोई बढ़ियां सड़क. जो सड़क है वह भी जर्जर है. यहां से लोग लोकसभा और विधानसभा में विधायक और सांसद बनाकर बड़ी उम्मीद से भेजते हैं कि इस क्षेत्र का विकास हो.

विरोध करते स्थानीय लोग

नहीं हुआ विकास का कोई काम
गंगा के किनारे बसे धमोंन गांव के लोग आज भी सुविधा के लिए मोहताज हैं. छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए ना तो बढ़ियां सरकारी स्कूल है ना ही सरकारी कॉलेज. इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान को लेकर यहां के युवा वोटर हताश हैं. उनके चेहरे पर मायूसी है.
ये लोग सड़कों पर हाथ में तख्ती और बैनर लेकर वोट बहिष्कार करने को लेकर नारेबाजी करते दिख रहे हैं.

क्या है लोगों का कहना
इन लोगों का कहना है कि चुनावी मौसम में नेता वादों की टोकरी लेकर आते हैं और मुंगेरीलाल का हसीन सपना दिखाकर एक-एक वोट लेकर चले जाते हैं. लेकिन लौट के वह गांव नहीं आते. इस बार लोगों ने मन बना लिया है कि जो भी नेता यहां आएंगे उनकी खबर बढ़ियां से ली जाएगी. उन से पूछा जाएगा कि पांच सालों में इस क्षेत्र के विकास के लिए आपने क्या किया. इसी को लेकर यहां के मतदाताओं ने वोट बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है.

Intro:समस्तीपुर लोकसभा चुनाव का आगाज हो गया है। नेताओं का चुनावी दौरा गांव के गलियों में शुरू हो गया है। मतदाताओं को रिझाने का काम भी शुरू हो गया है। लोकतंत्र का महान पर्व 29 अप्रैल को होने जा रहा है ।लेकिन उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के धमोंन गांव के मतदाता वोट बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।


Body:उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का धमोंन गांव जहां से सांसद और विधायक की तकदीर लिखी जाती है ।यहां पचास हजारयादवों का वोट है। लेकिन इस गांव में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। ना तो स्वास्थ्य के लिए कुछ बेहतरीन अस्पताल है ना लोगों को पटोरी अनुमंडल जाने के लिए कोई बढ़ियासड़क है ।और जो भी सड़क है वह जर्जर है ।यहां से लोग लोकसभा और विधानसभा में विधायक और सांसद बनाकर बड़ी उम्मीद से भेजते हैं ।कि इस क्षेत्र का विकास हो ।लेकिन गंगा के किनारे बसे धमोंन गांव के लोग आज भी सुविधा के लिए मोहताज हैं ।छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए ना तो बढ़िया सरकारी स्कूल है ना ही सरकारी कॉलेज इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान को लेकर यहां के युवा वोटर जिन्हें वोट डालने को लेकर उमंग होनी चाहिए थी ।लेकिन उनके चेहरे पर मायूसी है ।और ये लोग सड़कों पर हाथ में तख्ती और बैनर लेकर वोट बहिष्कार करने को लेकर नारेबाजी करते दिख रहे हैं। इन लोगों का बताना है कि चुनावी मौसम में नेता वादों की टोकरी लेकर आते हैं और सभो को विकास करने का मुंगेरीलाल का हसीन सपना दिखाकर एक एक वोट से चले जाते हैं ।लेकिन लौट के वह गांव नहीं आते हैं ।और पांच साल तक मतदाता अपने आप को ठगे रह जाते हैं। इस बार लोगों ने मन बना लिया है कि जो भी नेता यहां आएंगे उनकी खबर बढ़िया से ली जाएगी ।उन से पूछी जाएगी कि पांच सालों में इस क्षेत्र के विकास के लिए आपने क्या किया इसी को लेकर यहां के मतदाताओं ने वोट बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है।
बाईट :सौरव कुमार तरुण
बाईट : प्रत्युष यादव
बाईट : दीपक यादव।


Conclusion:एक तरफ लोकतंत्र के महान पर्व मनाने को लेकर लोगों को जागरुक करने का काम चल रहा है मनुक्कड़ नाटक से लेकर प्रचार-प्रसार के माध्यम से मतदान करने के लिए लोगों से अपील किया जा रहा है ।वैसे परिस्थिति में धमोंन गांव के लोग जो वोट बहिष्कार का निर्णय लिए हैं। अब देखना लाजमी होगा कि जिला प्रशासन इन लोगों को समझा कर मतदान करवाने में कितना कामयाब हो पाती हैं।
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