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समस्तीपुरः पंचायत प्रतिनिधियों को 31 मार्च तक देना होगा चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच पंचायती विभाग ने जनप्रतिनिधियों की तकलीफें बढ़ा दी हैं. दरअसल विभाग ने पंचायत प्रतिनिधियों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा मांग लिया है. अगर जनप्रतिनिधि ब्यौरा नहीं देते हैं तो वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.

समस्तीपुर
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Published : Jan 18, 2021, 2:15 PM IST

समस्तीपुर: एक ओर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी हो रही है. वहीं पंचायत विभाग नें पंचायत प्रतिनिधियों से उनकी चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा मांग लिया है. जिसको लेकर पंचायत प्रतिनिधियों के बीच हड़कंप मचा है. कई प्रतिनिधियों की जांच भी चल रही है जोकि आने वाले पंचायत चुनाव में उनकी दावेदारी के खेल बिगाड़ सकती है.

प्रतिनिधियों को देना है चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बढ़े सरगर्मियों के बीच पंचायत जनप्रतिनिधियों का आने वाले चुनाव में खेल बिगड़ सकता है. दरअसल पंचायती राज विभाग ने 31 मार्च तक वर्तमान सभी प्रतिनिधियों की चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. इस निर्देश के बाद बहुत से जनप्रतिनिधियों का पसीना छूट रहा है.

पंचायती विभाग
पंचायती विभाग

ये भी पढ़ें- 'योगी मॉडल' पर आमने-सामने आए बीजेपी-जेडीयू, छिड़ी जुबानी जंग

कुछ महीने शेष है कार्यकाल

जिला पंचायती कार्यालय सूत्रों की माने तो यहां कुल 12131 पंचायत प्रतिनिधियों में 100 से कम प्रतिनिधियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा विभाग को सौंपा है. जिले में 381 मुखिया , 381 सरपंच , 51 जिला परिषद सदस्य , 568 पंचायत समिति सदस्य , 5210 पंच व 5210 वार्ड सदस्य हैं. हालांकि वर्तमान प्रतिनिधियों का कार्यकाल अभी कुछ महीने शेष हैं. विभागीय निर्देश के अनुसार अगर सभी पंचायत प्रतिनिधि 31 मार्च तक अपने संपत्ति का ब्यौरा नही देते है तो उनका अगले चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध हो सकता है.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- कुशल युवा कार्यक्रम के तहत गांव की लड़कियां भी बन रहीं स्मार्ट

प्रतिनिधियों की चल रही है जांच

पंचायत का चुनाव जीतकर कुछ जनप्रतिनिधि जो साइकिल से चलते थे वह स्कार्पियो पर पहुंच गए. कुछ ऐसे ही प्रतिनिधियों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, उनकी जांच भी चल रही है. जोकि सैकड़ों प्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने में मुश्किल होगी.

समस्तीपुर: एक ओर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी हो रही है. वहीं पंचायत विभाग नें पंचायत प्रतिनिधियों से उनकी चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा मांग लिया है. जिसको लेकर पंचायत प्रतिनिधियों के बीच हड़कंप मचा है. कई प्रतिनिधियों की जांच भी चल रही है जोकि आने वाले पंचायत चुनाव में उनकी दावेदारी के खेल बिगाड़ सकती है.

प्रतिनिधियों को देना है चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बढ़े सरगर्मियों के बीच पंचायत जनप्रतिनिधियों का आने वाले चुनाव में खेल बिगड़ सकता है. दरअसल पंचायती राज विभाग ने 31 मार्च तक वर्तमान सभी प्रतिनिधियों की चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. इस निर्देश के बाद बहुत से जनप्रतिनिधियों का पसीना छूट रहा है.

पंचायती विभाग
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कुछ महीने शेष है कार्यकाल

जिला पंचायती कार्यालय सूत्रों की माने तो यहां कुल 12131 पंचायत प्रतिनिधियों में 100 से कम प्रतिनिधियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा विभाग को सौंपा है. जिले में 381 मुखिया , 381 सरपंच , 51 जिला परिषद सदस्य , 568 पंचायत समिति सदस्य , 5210 पंच व 5210 वार्ड सदस्य हैं. हालांकि वर्तमान प्रतिनिधियों का कार्यकाल अभी कुछ महीने शेष हैं. विभागीय निर्देश के अनुसार अगर सभी पंचायत प्रतिनिधि 31 मार्च तक अपने संपत्ति का ब्यौरा नही देते है तो उनका अगले चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध हो सकता है.

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प्रतिनिधियों की चल रही है जांच

पंचायत का चुनाव जीतकर कुछ जनप्रतिनिधि जो साइकिल से चलते थे वह स्कार्पियो पर पहुंच गए. कुछ ऐसे ही प्रतिनिधियों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, उनकी जांच भी चल रही है. जोकि सैकड़ों प्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने में मुश्किल होगी.

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