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इस साल मां दुर्गा का आगमन और विदाई दोनों है शुभकारी, खास होगा नवरात्र

रविवार को कलश स्थापना के साथ ही विधिवत माता के नौ रूपों की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी. बाजार पूरी तरह पूजा सामग्री से सज गए हैं.

माता का आगमन और विदाई दोनों ही शुभ
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Published : Sep 28, 2019, 9:07 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 9:13 PM IST

समस्तीपुर: रविवार को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. जिले में खराब मौसम के बावजूद माता की पूजा अर्चना के लिए सभी स्थानों पर खास तैयारी की जा रही है. इस साल मां दुर्गा का आगमन और विदाई दोनों ही भक्तों के लिए शुभकारी है.

पूरे नौ दिनों की नवरात्र
भक्त नवरात्र की तैयारियों में जुटे हैं. रविवार को कलश स्थापना के साथ ही विधिवत माता के नौ रूपों की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी. बाजार पूरी तरह पूजा सामग्री से सजे हुए है. पंचांग जानकार के अनुसार इस साल कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त सुबह से रात 10:11 बजे तक रहेगा. इस साल माता का हाथी से आगमन काफी शुभकारी है. सूखे से पीड़ित जिले के लिए यह शुभ संकेत है. वहीं, माता की विदाई चरणबद्ध यानी पैदल हो रही है. इसका मतलब है कि मां विदाई के साथ भक्तों के दुख दूर करती जाएंगी. इस साल ग्रह नक्षत्र बेहतर होने के कारण नवरात्र पूरे नौ दिनों का होगा, जिससे इस बार दो तिथि एक दिन नहीं पड़ेगी.

माता का आगमन और विदाई दोनों ही शुभ

8 अक्टूबर को विजयादशमी
गौरतलब है कि 29 सितंबर रविवार को माता शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्र की शुरुआत होगी. माता की शेष सभी रूपों के पूजा के साथ ही 8 अक्टूबर मंगलवार को विजयादशमी मनाई जाएगी.

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पूजा के लिए सजीं दुकानें

समस्तीपुर: रविवार को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. जिले में खराब मौसम के बावजूद माता की पूजा अर्चना के लिए सभी स्थानों पर खास तैयारी की जा रही है. इस साल मां दुर्गा का आगमन और विदाई दोनों ही भक्तों के लिए शुभकारी है.

पूरे नौ दिनों की नवरात्र
भक्त नवरात्र की तैयारियों में जुटे हैं. रविवार को कलश स्थापना के साथ ही विधिवत माता के नौ रूपों की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी. बाजार पूरी तरह पूजा सामग्री से सजे हुए है. पंचांग जानकार के अनुसार इस साल कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त सुबह से रात 10:11 बजे तक रहेगा. इस साल माता का हाथी से आगमन काफी शुभकारी है. सूखे से पीड़ित जिले के लिए यह शुभ संकेत है. वहीं, माता की विदाई चरणबद्ध यानी पैदल हो रही है. इसका मतलब है कि मां विदाई के साथ भक्तों के दुख दूर करती जाएंगी. इस साल ग्रह नक्षत्र बेहतर होने के कारण नवरात्र पूरे नौ दिनों का होगा, जिससे इस बार दो तिथि एक दिन नहीं पड़ेगी.

माता का आगमन और विदाई दोनों ही शुभ

8 अक्टूबर को विजयादशमी
गौरतलब है कि 29 सितंबर रविवार को माता शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्र की शुरुआत होगी. माता की शेष सभी रूपों के पूजा के साथ ही 8 अक्टूबर मंगलवार को विजयादशमी मनाई जाएगी.

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Intro:रविवार को कलश स्थापना के साथ ही शुरू होगा नवरात्र का अनुष्ठान । खराब मौसम के बाद भी जिले में माता के पूजा अर्चना को लेकर सभी स्थानों पर खास तैयारी हो रही । वैसे इस साल माता का आगमन जहां काफी सुखकारी है , वही विदाई भी भक्तों के लिए शुभदायक है ।


Body:शारदीय महानवरात्र को लेकर जिले के भक्त तैयारियों में जुटे हैं । रविवार को कलश स्थापना के साथ ही विधिवत माता के नौ रूपों की अखंड पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी । बाजार पूरी तरह पूजा सामग्री से सजे हुए है । पंचांग जानकार के अनुसार इस वर्ष कलश स्थापना का शुभवक्त सुबह से लेकर रात 10:11 तक रहेगा । माता का आगमन इस नवरात्र हाथी से हो रहा यह भक्तों के लिए काफी शुभकारी होगा । वही सूखे से त्राहिमाम जिले के लिए यह शुभ संकेत भी है । वही माता का विदाई चरणबद्ध यानी पैदल हो रहा , यानी माँ विदाई के साथ भक्तों का दुख दर्द दूर करती जायेंगी । यही नही इस वर्ष ग्रह नक्षत्र बेहतर होने के कारण , नवरात्र पूरे नौ दिनों का होगा । यानी इस बार दो मुहूर्त एक दिन कभी नही होंगे ।

बाईट - राजनारायण झा , पुजारी व पंचाग विशेषज्ञ ।


Conclusion:गौरतलब है की , नवरात्र की विशिष्ट तिथियों के अनुसार , 29 सितंबर रविवार को माता शैलपुत्री के पूजा के साथ ही नवरात्र की शुरुआत होगी । माता के शेष सभी रूपो के पूजा के साथ ही 8 अक्टूबर मंगलवार को विजयदशमी मनाया जायेगा ।

क्लोजिंग पीटीसी ।
Last Updated : Sep 28, 2019, 9:13 PM IST
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