समस्तीपुर: पंचायत चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी के बीच हजारों जनप्रतिनिधियों पर सरकार का फैसला काफी भारी पड़ गया है. दरअसल समस्तीपुर नगर परिषद को नगर निगम बनाये जाने का साइड इफेक्ट ऐसा है कि हजारों पंचायत जनप्रतिनिधि अर्श से फर्श पर आ गए हैं. ऐसे में जाने कितने मुखिया, उपमुखिया, पंच और सरपंच बनने की चाह मन में ही रह गयी है.
ये भी पढ़ें- बिहार पैक्स चुनाव 2021 के पहले चरण का मतदान जारी, शाम को आएंगे नतीजे
समस्तीपुर नगर परिषद में समस्तीपुर ब्लॉक के 16 कल्याणपुर और वारिसनगर ब्लॉक के 2-2 पंचायत को नए नगर निगम में शामिल कर दिया गया है. परिषद के सभापति के अनुसार अब ऐसे हजारों जनप्रतिनिधि का सीमित संख्या में नगर निगम में वार्ड पार्षद छोड़ अन्य कोई उम्मीद नहीं है. साथ ही ऐसे जनप्रतिनिधियों का दायरा और रसूख भी सीमित होगा.
पंचायतों को निगम में किया गया शामिल
ऐसे आपने आखरी उम्मीद को बचाने के लिए लगभग सभी पंचायतों को निगम में शामिल किए जाने का एतराज दर्ज कराया गया है. वहीं, पंचायत के राजनीति को करीब से समझने वालों का भी मानना है कि निगम में शामिल होने से पंचायतों का विकास संभव है. बहरहाल निगम में शामिल हुए पंचायत से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने अपने अपने स्तर और एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. ऐसे निगम को लेकर सरकारी मुहर और विभिन्न एतराज के मानक को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि पंचायत प्रतिनिधियों का सपना टूटने वाला है.