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बिहार के इस सरकारी अस्पताल में 12 फर्जी स्वास्थ्यकर्मी कर रहे थे इलाज, 4 साल बाद विभाग की खुली नींद - BIHAR HEALTH

बिहार में फर्जी स्वास्थ्यकर्मी का खुलासा हुआ है. 12 कर्मी मरीजों का इलाज चर रहे थे. 4 साल बाद विभाग की नींद खुली.

Fake health worker exposed in Bihar
बिहार में फर्जी स्वास्थ्यकर्मी का खुलासा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 16, 2025, 6:56 AM IST

गोपालगंज: बिहार में फर्जी स्वास्थ्यकर्मी का खुलासा सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है. फर्जी तरीके से नियुक्त पाकर 12 स्वास्थ्य कर्मियों कें खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है. इसमें 11 फर्जी स्वास्थ्य कर्मियों पर नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गयी है. एक नर्स की कुछ दिनों पूर्व प्रसव के दौरान मौत गयी थी.

4 वर्षों से दे रहे थे सेवा: दरअसल, यह मामला गोपालगंज सदर अस्पताल में सामने आया है. राज्य निदेशक प्रमुख नर्सिंग स्वास्थ्य सेवाएं बिहार पटना द्वारा सितंबर में जारी पत्र से इसका खुलासा हुआ. स्वास्थ्य विभाग के पत्र संख्या 313 (6) 15 मार्च 2021 के तहत नियुक्त स्टॉफ नर्स ग्रेड ए व परिचारिका श्रेणी ए तहत नियुक्त सभी 4 वर्षों से फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे हैं.

fake health workers exposed in Gopalganj
गोपालगंज स्वास्थ्य समिति (ETV Bharat)

इन लोगों का नाम शामिल: फर्जी स्वास्थ्यकर्मी के लिस्ट में राकेश कुमार, रणधीर कुमार, अर्जुन कुमार चौधरी, दिग्विजय कुमार मांझी, सुनील कुमार, मिंटू कुमार चौधरी, प्रियंका कुमारी, शोभा कुमारी, नीलम कुमारी, रजनीश कुमार व संजीव कुमार सदर अस्पताल में परिचारिका श्रेणी ए के तहत शामिल हैं.

एक की हो चुकी है मौत: इसमें किरण कुमारी की मौत कुछ दिनों पूर्व प्रसव के क्रम में इलाज के दौरान हो गयी थी. शेष 11 पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक संजीव कुमार के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कराया गया है. इनके द्वारा चार वर्षों में लिए गए वेतन की भी वसूली की प्रक्रिया स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपनायी जा रही है.

क्या है पूरा मामला?: राज्य भर में अवैध तरीके से जालसाजों द्वारा स्टाफ, नर्स, परिचारिका ए ग्रेड पद पर नियुक्त करते हुए उन्हें अस्पतालों में तैनात किया गया था. जब स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में ये मामला आया तो फर्जी नियुक्ति के जरिये अस्पतालों में पदस्थापित नर्सों की तलाश में विभाग जुट गया है.

विभाग से निर्देश पत्र जारी: स्वास्थ्य सेवाएं बिहार के निदेशक प्रमुख डॉ. महेश्वर प्रसाद गुप्ता ने 24 फरवरी को जारी अपने आदेश पत्र में इसकी जानकारी दी. असामाजिक तत्वों द्वारा निदेशालय आदेश ज्ञापांक 313(6) दिनांक 15 मार्च 2021 से स्टाफ नर्स ग्रेड ए का फर्जी नियुक्ति/पदस्थापन आदेश निर्गत करते हुए कई संस्थानों में पदास्थापित किया गया है. यह बिल्कुल फर्जी एवं निराधार है. सिविल सर्जन को जारी इस पत्र के जरिये निर्देश दिया है कि वे अपने जिले में इस दौरान फर्जी बहाल हुई नर्सों की तलाश करें,

"राज्य स्वाथ्य सेवाओं के निर्देश पर 12 लोग फर्जी पाएं गए थे. एक नर्स की मौत हो चुकी है. शेष 11 पर एफआईआर कराई गयी है. उनके द्वारा उठाया गया वेतन भी वसूल करने की कार्रवाई की जा रही है." -डॉ बीरेंद्र प्रसाद, सिविल सर्जन, गोपालगंज

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गोपालगंज: बिहार में फर्जी स्वास्थ्यकर्मी का खुलासा सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है. फर्जी तरीके से नियुक्त पाकर 12 स्वास्थ्य कर्मियों कें खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है. इसमें 11 फर्जी स्वास्थ्य कर्मियों पर नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गयी है. एक नर्स की कुछ दिनों पूर्व प्रसव के दौरान मौत गयी थी.

4 वर्षों से दे रहे थे सेवा: दरअसल, यह मामला गोपालगंज सदर अस्पताल में सामने आया है. राज्य निदेशक प्रमुख नर्सिंग स्वास्थ्य सेवाएं बिहार पटना द्वारा सितंबर में जारी पत्र से इसका खुलासा हुआ. स्वास्थ्य विभाग के पत्र संख्या 313 (6) 15 मार्च 2021 के तहत नियुक्त स्टॉफ नर्स ग्रेड ए व परिचारिका श्रेणी ए तहत नियुक्त सभी 4 वर्षों से फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे हैं.

fake health workers exposed in Gopalganj
गोपालगंज स्वास्थ्य समिति (ETV Bharat)

इन लोगों का नाम शामिल: फर्जी स्वास्थ्यकर्मी के लिस्ट में राकेश कुमार, रणधीर कुमार, अर्जुन कुमार चौधरी, दिग्विजय कुमार मांझी, सुनील कुमार, मिंटू कुमार चौधरी, प्रियंका कुमारी, शोभा कुमारी, नीलम कुमारी, रजनीश कुमार व संजीव कुमार सदर अस्पताल में परिचारिका श्रेणी ए के तहत शामिल हैं.

एक की हो चुकी है मौत: इसमें किरण कुमारी की मौत कुछ दिनों पूर्व प्रसव के क्रम में इलाज के दौरान हो गयी थी. शेष 11 पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक संजीव कुमार के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कराया गया है. इनके द्वारा चार वर्षों में लिए गए वेतन की भी वसूली की प्रक्रिया स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपनायी जा रही है.

क्या है पूरा मामला?: राज्य भर में अवैध तरीके से जालसाजों द्वारा स्टाफ, नर्स, परिचारिका ए ग्रेड पद पर नियुक्त करते हुए उन्हें अस्पतालों में तैनात किया गया था. जब स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में ये मामला आया तो फर्जी नियुक्ति के जरिये अस्पतालों में पदस्थापित नर्सों की तलाश में विभाग जुट गया है.

विभाग से निर्देश पत्र जारी: स्वास्थ्य सेवाएं बिहार के निदेशक प्रमुख डॉ. महेश्वर प्रसाद गुप्ता ने 24 फरवरी को जारी अपने आदेश पत्र में इसकी जानकारी दी. असामाजिक तत्वों द्वारा निदेशालय आदेश ज्ञापांक 313(6) दिनांक 15 मार्च 2021 से स्टाफ नर्स ग्रेड ए का फर्जी नियुक्ति/पदस्थापन आदेश निर्गत करते हुए कई संस्थानों में पदास्थापित किया गया है. यह बिल्कुल फर्जी एवं निराधार है. सिविल सर्जन को जारी इस पत्र के जरिये निर्देश दिया है कि वे अपने जिले में इस दौरान फर्जी बहाल हुई नर्सों की तलाश करें,

"राज्य स्वाथ्य सेवाओं के निर्देश पर 12 लोग फर्जी पाएं गए थे. एक नर्स की मौत हो चुकी है. शेष 11 पर एफआईआर कराई गयी है. उनके द्वारा उठाया गया वेतन भी वसूल करने की कार्रवाई की जा रही है." -डॉ बीरेंद्र प्रसाद, सिविल सर्जन, गोपालगंज

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