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बेमौसम बरसात ने तोड़ी किसानों की कमर, गेहूं के साथ लीची और आम की फसल का भारी नुकसान

बेमौसम बरसात के कारण समस्तीपुर में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. तेज आंधी और पानी के कारण लीची और आम की फसलें बर्बाद हो गई हैं.

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Published : Apr 15, 2020, 3:34 PM IST

समस्तीपुर: एक ओर जहां कोरोना वायरस ने गरीबों की कमर तोड़ रखी है. वहीं, दूसरी ओर बेमौसम बारिश ने किसानों का जीना मुहाल कर दिया है. बीती रात हुई तेज बारिश और आंधी ने किसानों के फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है. कहीं लीची की फसलें बर्बाद हुई तो कहीं आम नष्ट हुए हैं.

कोरोना का खौफ और मजदूरों की कमी के कारण तैयार गेंहू का 60 फीसदी से ज्यादा फसलों की कटनी तक नहीं हुई है. वहीं, बहुत से खेतों में कटे गेहूं के गट्ठर पड़े हुए हैं. बहरहाल कुछ घंटों की इस बारिश का असर इस गेहूं के दानों पर साफ पड़ेगा. जानकरी के अनुसार पूरी तरह से पके गेहूं के दाने पानी से फूल जाएंगे. जिसके कारण अब इसके दाने का रंग बदल जाएगा. वहीं, पानी के साथ-साथ तेज आंधी का असर जिले में आम और लीची की पैदावार पर भी प्रतिकूल पड़ा है. आंधी-पानी से जहां मंजर को नुकसान हुआ है. वहीं, कई जगहों पर छोटे-छोटे इसके फल टूट गए हैं.

बारिश ने पहुंचाया फसलों को नुकसान
मौसम की मार अन्नदाताओं की मेहनत और उनकी गाढ़ी कमाई को फिर नुकसान पहुंचा गया. वैसे कृषि जानकारों का मानना है कि भींगे गेहूं के दाने को पूरी तरह सूखने के बाद ही उसकी दौनी करें और कटे गेहूं के गठ्ठर को भी अच्छी तरह सूखा लें.

समस्तीपुर: एक ओर जहां कोरोना वायरस ने गरीबों की कमर तोड़ रखी है. वहीं, दूसरी ओर बेमौसम बारिश ने किसानों का जीना मुहाल कर दिया है. बीती रात हुई तेज बारिश और आंधी ने किसानों के फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है. कहीं लीची की फसलें बर्बाद हुई तो कहीं आम नष्ट हुए हैं.

कोरोना का खौफ और मजदूरों की कमी के कारण तैयार गेंहू का 60 फीसदी से ज्यादा फसलों की कटनी तक नहीं हुई है. वहीं, बहुत से खेतों में कटे गेहूं के गट्ठर पड़े हुए हैं. बहरहाल कुछ घंटों की इस बारिश का असर इस गेहूं के दानों पर साफ पड़ेगा. जानकरी के अनुसार पूरी तरह से पके गेहूं के दाने पानी से फूल जाएंगे. जिसके कारण अब इसके दाने का रंग बदल जाएगा. वहीं, पानी के साथ-साथ तेज आंधी का असर जिले में आम और लीची की पैदावार पर भी प्रतिकूल पड़ा है. आंधी-पानी से जहां मंजर को नुकसान हुआ है. वहीं, कई जगहों पर छोटे-छोटे इसके फल टूट गए हैं.

बारिश ने पहुंचाया फसलों को नुकसान
मौसम की मार अन्नदाताओं की मेहनत और उनकी गाढ़ी कमाई को फिर नुकसान पहुंचा गया. वैसे कृषि जानकारों का मानना है कि भींगे गेहूं के दाने को पूरी तरह सूखने के बाद ही उसकी दौनी करें और कटे गेहूं के गठ्ठर को भी अच्छी तरह सूखा लें.

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