ETV Bharat / state

शुरू हुआ मलमास, अब अगले 16 अक्टूबर तक नहीं होंगे कोई मांगलिक कार्य, विष्णु पूजा का होता है खास महत्व

author img

By

Published : Sep 18, 2020, 11:01 PM IST

थानेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी व ज्योतिष शिवशंकर झा के अनुसार 18 सितंबर से एक महीने का मलमास शुरू हो गया है. शास्त्रों के अनुसार इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य वर्जित होता है.

मलमास
मलमास

समस्तीपुर: शुक्रवार यानी 18 सितंबर से मलमास शुरू हो गया है. अब अगले 16 अक्टूबर तक शादी-व्याह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नही होंगे. ज्योतिष पंडित शिवशंकर झा के अनुसार मलमास महीने में सभी भगवान का राजगीर में वास होता है. वहीं इस दौरान विष्णु पूजा का विशेष महत्व होता है.

‘एक महीने तक अब नहीं होंगे कोई भी मांगलिक कार्य’
थानेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी व ज्योतिष शिवशंकर झा के अनुसार 18 सितंबर से एक महीने का मलमास शुरू हो गया है. शास्त्रों के अनुसार इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य वर्जित होता है. वैसे इस दौरान पूजा पाठ व व्रत उपासना के लिए यह सर्वोत्तम महीना माना जाता है.

मलमास
पूजा करती महिलाएं.

17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र का पर्व होगा आरम्भ
यही नहीं मान्यताओं के अनुसार मलमास के महीने में सभी देवी-देवताओं का वास राजगीर में होता है. वैसे इस दौरान भगवान विष्णु का पूजा आराधना का खास महत्व माना जाता है. वैसे एक महीने के इस मलमास का समापन 16 अक्टूबर को होगा और 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र का पर्व आरम्भ होगा.

देखें रिपोर्ट.

शुक्र व चंद्र के चाल पर आधारित है मलमास
गौरतलब है कि प्रत्येक 3 वर्षों पर लगने वाला मलमास शुक्र व चंद्र के चाल पर आधारित है. वैसे जानकर का यह भी मानना है कि मलमास के दौरान कई ग्रहों का चाल भी बदलता है. जिससे रोग, शोक का वातावरण व वाद-विवाद आदि संभावना बढ़ जाती है.

समस्तीपुर: शुक्रवार यानी 18 सितंबर से मलमास शुरू हो गया है. अब अगले 16 अक्टूबर तक शादी-व्याह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नही होंगे. ज्योतिष पंडित शिवशंकर झा के अनुसार मलमास महीने में सभी भगवान का राजगीर में वास होता है. वहीं इस दौरान विष्णु पूजा का विशेष महत्व होता है.

‘एक महीने तक अब नहीं होंगे कोई भी मांगलिक कार्य’
थानेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी व ज्योतिष शिवशंकर झा के अनुसार 18 सितंबर से एक महीने का मलमास शुरू हो गया है. शास्त्रों के अनुसार इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य वर्जित होता है. वैसे इस दौरान पूजा पाठ व व्रत उपासना के लिए यह सर्वोत्तम महीना माना जाता है.

मलमास
पूजा करती महिलाएं.

17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र का पर्व होगा आरम्भ
यही नहीं मान्यताओं के अनुसार मलमास के महीने में सभी देवी-देवताओं का वास राजगीर में होता है. वैसे इस दौरान भगवान विष्णु का पूजा आराधना का खास महत्व माना जाता है. वैसे एक महीने के इस मलमास का समापन 16 अक्टूबर को होगा और 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र का पर्व आरम्भ होगा.

देखें रिपोर्ट.

शुक्र व चंद्र के चाल पर आधारित है मलमास
गौरतलब है कि प्रत्येक 3 वर्षों पर लगने वाला मलमास शुक्र व चंद्र के चाल पर आधारित है. वैसे जानकर का यह भी मानना है कि मलमास के दौरान कई ग्रहों का चाल भी बदलता है. जिससे रोग, शोक का वातावरण व वाद-विवाद आदि संभावना बढ़ जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.